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सुस्त होने पर नेता को कैसे किक दें और जब आपका बदला हुआ अहंकार चुनाव से अलग न हो

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए पूरे दिन के सबसे अच्छे कार्टून.

आलोक निरंतर | Twitter/@caricatured

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

आज के प्रदर्शित कार्टून में, आलोक निरंतर ने आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के राष्ट्रीय नेता बनने की इच्छा को दर्शाया है, जिसके लिए उन्होंने हाल के राज्य चुनावों में, विशेष रूप से गुजरात में पूरी ताकत लगा दी. वह दिखाते हैं कि दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन पर एक सर्वदलीय बैठक से पहले, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मतदान के दिन ‘रोड शो’ के लिए पीएम की आलोचना की थी.

बीबीसी में कीर्तिश भट्ट 7 और 8 दिसंबर को नतीजे आने से पहले ही दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों और गुजरात व हिमाचल प्रदेश चुनावों पर एग्जिट पोल की भविष्यवाणियों के बारे में बड़े स्तर पर मीडिया रिपोर्टों पर कटाक्ष करते हैं.

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सतीश आचार्य गुजरात में नरेंद्र मोदी के व्यापक चुनाव अभियान पर कटाक्ष करते हैं, यह देखते हुए कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को अपने गृह राज्य में सत्ता बरकरार रखने की भविष्यवाणी की गई है. इसे लेकर यह सुझाव देते हुए कि पीएम को अपने काम पर लौटने का समय आ गया है.

इसी तरह, साजिथ कुमार बताते हैं कि कैसे पीएम के बड़े भाई सोमाभाई अपने भाई के बारे में बात करते हुए भावुक हो गए और सुझाव दिया कि मोदी को कभी-कभी आराम करना चाहिए, अप्रत्यक्ष तौर पर यह प्रधानमंत्री के मीडिया प्रचार दल के लिए भी एक स्वागत योग्य ब्रेक का संकेत करने वाला है.

आर प्रसाद भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ की टिप्पणी पर ध्यान खींचते हैं, जिन्हें लगता है कि कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) सही लोकाचार वाले छात्रों का चयन नहीं कर सकता है. पारदर्शिता और अन्य मुद्दों को लेकर न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली किस तरह खबरों में बनी हुई है, उन्होंने इस बयान से तुलना की है.

(इन कार्टून्स् को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

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