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कांग्रेस अब ‘रेजर एज’ पर है और जब आपके पास गैसबैग हो तो सिलेंडर की कोई जरूरत नहीं 

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए पूरे दिन के सबसे अच्छे कार्टून.

कीर्तिश भट्ट | / Twitter @kirtishbhat | BBC Hindi

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

बीबीसी हिंदी में आज के फीचर्ड कार्टून में, कीर्तिश भट्ट ने राहुल गांधी द्वारा ‘मार्क्सवादी दाढ़ी’ हटाने के राजनीतिक मतलब निकालने को लेकर टीवी समाचारों का मज़ाक उड़ाया है, जो उन्होंने भारत जोड़ी यात्रा के दौरान रखा था, जैसा कि ब्रिटेन के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने पहुंचे कांग्रेस नेता की तस्वीरें सामने आई हैं. वह उदाहरण में, एक टीवी न्यूज एंकर को यह कहते दिखा रहे है, ‘तो देखते हैं कि इसका देश की राजनीति और आम जनता के जन-जीवन पर क्या असर पड़ता है.’

संदीप अध्वर्यु अपने कार्टून में दिखाते हैं कि रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से प्रभावित केंद्र सरकार के समर्थक स्वयंभू संत स्वामी नित्यानंद के काल्पनिक देश ‘कैलासा‘ में जा सकते हैं, अगर वे कम लागत चाहते हैं.

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साजिथ कुमार जुलाई 2022 के बाद रसोई गैस की कीमतों में इजाफे की पृष्ठभूमि में विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) की कीमतों में कमी पर टिप्पणी करते हैं.

सतीश आचार्य रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी पर बहस को लेकर टिप्पणी करते हैं कि कैसे भारतीय, जीवन की जरूरी चीजों की लागत के बजाय ध्रुवीकरण के मुद्दों के आधार पर मतदान करना जारी रखते हैं.

मंजुल वनों की कटाई से फैली निराशा को उजागर करते हैं कि कैसे विकास के नाम पर हजारों पेड़ों को काट दिया जाता है, बिना इस बात की परवाह किए कि इन कार्यों से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कैसे पलटा जाए.

(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

 

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