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अध्ययन से पता चलता है कि पालतू कुत्तों को आपसे कोरोना हो सकता है, लेकिन पता नहीं उन्हें कैसे प्रभावित करेगा

हांगकांग में दो कुत्तों को न केवल कोविड-19 के लिए पॉजिटिव पाया गया, बल्कि उन्होंने एंटीबॉडी का उत्पादन भी किया. यह मानव-से-कुत्ते के ट्रांसमिशन का संकेत है. लेकिन बहुत कुछ अभी भी एक रहस्य बना हुआ है.

प्रतीकात्मक तस्वीर। पिक्साबे

बेंगलुरु: हांगकांग और ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन ने कुत्तों में कोरोना की उपस्थिति को दर्ज किया है, भले ही यह निष्कर्ष नहीं निकल पाया कि संक्रमण उन्हें कैसे प्रभावित करता है. इस अध्ययन का अभी तक सहकर्मी समीक्षा की जानी है, इसे पिछले सप्ताह नेचर  पर अपलोड किया गया था.

जैसे जैसे दुनिया भर में कोरोनवायरस महामारी फैल रही है, 3.1 लाख से लोगों कि मृत्यु हो चुकी है, कई शोधकर्ता पालतू जानवरों सहित अन्य जानवरों पर वायरस के प्रभाव को देख रहे हैं.

अब तक के अध्ययनों से पता चला है कि घरेलू बिल्लियां कोरोनोवायरस को खुद में संक्रमित कर सकती हैं और वायरस को असिम्पटोमैटिक कर्मचारी से न्यूयॉर्क के चिड़ियाघर में कई बड़ी बिल्लियों में फ़ैलाने की सूचना मिली है.

एक वैश्विक महामारी और दो कुत्ते

नया अध्ययन हांगकांग के दो पालतू कुत्तों पर आधारित है जिनके मालिकों में वायरस का पता चलने के बाद कुत्ते भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए जो यह इंगित करता है कि कुत्ते मनुष्यों से वायरस प्राप्त कर सकते हैं.

इस विषय का अध्ययन एक 17 वर्षीय न्यूट्रेड नर पोमेरेनियन (इस नस्ल का औसत जीवन काल 12-16 वर्ष है) और एक 2.5 वर्षीय जर्मन शेफर्ड पर किया गया. पहले वाले कुत्ते को दिल की बीमारी, हाइपोथायरायडिज्म, क्रोनिक किडनी की क्षति और फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप सहित कई बीमारियां थीं, वहीं दूसरा कोरोना संक्रमण को छोड़कर स्वस्थ था। दोनों कुत्तों के नाक और ओरल स्वैब लिया गया था और दोनों में कोरोनोवायरस पॉजिटिव डायग्नोसिस किया गया, जबकि उनके गुदा और मल के नमूनों में नेगेटिव आया.

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दोनों कुत्तों में भी वायरस के प्रति एंटीबॉडी प्रतिक्रियाएं थीं, जो इंगित करती हैं कि वे वास्तव में संक्रमित थे, उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन कर रही थी. जानवर पूरे समय क्वारंटाइन में असिम्पटोमैटिक रहे.

शोधकर्ताओं ने पाया कि दोनों कुत्तों के वायरल आनुवांशिक अनुक्रम उन संक्रमित मनुष्यों में पाए गए थे जिनके साथ वे रहते थे – जो यह बताता है कि वायरस मनुष्यों से कुत्तों में फ़ैल गया. इससे पता चलता है कि वायरस इन कुत्तों के भीतर एक नए रूप में उत्परिवर्तन(म्यूटेट) नहीं करता है.

कोविद पॉजिटिव जर्मन शेफर्ड के साथ घर में एक और कुत्ता भी था, जो कि नेगेटिव पाया गया.

इन निष्कर्षों के बावजूद जानवरों में कोरोना के बारे में बहुत सारे सवाल शोध का विषय बने हुए हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि पालतू जानवरों में रोग कैसे प्रकट होता है और क्या वे कोरोना से मर सकते हैं.

क्वारेंटाइन से आने के दो दिन बाद वृद्ध पोमेरेनियन की मृत्यु हो गई, लेकिन शोधकर्ताओं ने कहा कि ऐसा इसकी कई स्वास्थ्य स्थितियों के कारण हुआ होगा. कुत्ते के के मालिक ने शव परीक्षण की अनुमति से इनकार कर दिया.

पिछले शोध से पता चला है कि जब वयस्क कुत्तों या पिल्लों को जानबूझकर वायरस के संपर्क में लाया जाता है, तो वे पॉजिटिव होते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि वे अन्य कुत्तों को संक्रमित करें. यह, अप्रैल के एक चीनी अध्ययन में सामने आया, कुत्तों में अपर्याप्त वायरल लोड के कारण था. बिल्लियों के साथ मामला अलग था, जो कोविड-19 के संक्रमण को अन्य बिल्लियों में फैलाते हुए पायीं गयीं हैं.

इस तरह के शोध के निष्कर्षों भविष्य के किसी भी प्रकार के प्रसारण को समझने में मदद करेंगे. पालतू जानवरों के लिए जोखिम की सीमा अभी भी स्पष्ट नहीं है, और यह निर्णायक रूप से ज्ञात नहीं है कि वे वायरस को अपने बीच या मनुष्यों में वापस भेज सकते हैं या नहीं. इस अध्ययन में केवल दो कुत्तों का नमूना लिया गया था, और आगे के अध्ययन इस बारे में निर्णायक साक्ष्य तैयार करने के लिए आवश्यक है कि क्या घरेलू कुत्ते या बिल्लियां स्पिलओवर घटनाओं (जहां एक वायरस एक प्रजाति से दूसरे प्रजाति में फैलती है) में भूमिका निभा सकती हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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