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गीता और बबीता फोगाट की ममेरी बहन, पहलवान रितिका फोगाट ने आत्महत्या की

थाना प्रभारी ने बताया कि 15 मार्च की रात में रितिका ने पंखे से लटककर फांसी लगा ली. वह सिर्फ एक अंक से मुकाबला गंवाने के बाद परेशान चल रही थीं.

पहलवान रितिका फोगाट की फाइल फोटो /Twitter/@BabitaPhogat

चंडीगढ़: पहलवान रितिका फोगाट ने हरियाणा के चरखी दादरी जिले में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

वह पहलवान फोगाट बहनों की ममेरी बहन हैं और हाल में एक मुकाबला गंवा बैठी थीं.

पुलिस ने बताया कि रितिका ने 15 मार्च को यह कदम उठा लिया.

थाना प्रभारी दिलबाग सिंह ने बताया कि राजस्थान की जयपुर की रहनेवाली रितिका अपने फूफा और द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित महावीर सिंह फोगाट के यहां चरखी दादरी के बलाली गांव में पिछले चार वर्षों से रह रही थीं. यह क्षेत्र झोझु कलां पुलिस थाना क्षेत्र में पड़ता है.

उन्होंने बताया कि 15 मार्च की रात में रितिका ने पंखे से लटककर फांसी लगा ली. वह सिर्फ एक अंक से मुकाबला गंवाने के बाद परेशान चल रही थीं.

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उन्होंने बताया कि यह टूर्नामेंट राजस्थान के भरतपुर में 12 से 14 मार्च के बीच आयोजित हुआ था. रितिका चरखी दादरी में महावीर फोगाट स्पोर्ट्स अकेडमी में पहलवानी के दांव-पेंच सीख रही थीं.

पहलवान गीता फोगाट ने अपनी ममेरी बहन रितिका को ‘होनहार पहलवान’ बताया है.

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘भगवान मेरी छोटी बहन मेरे मामा की लड़की रितिका की आत्मा को शांति दे. मेरे परिवार के लिए बहुत ही दुख की घड़ी है. रितिका बहुत ही होनहार पहलवान थी, पता नहीं क्यों उसने ऐसा कदम उठाया. हार-जीत खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा होता है, हमें ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिये.’

पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय कुमार सिंह ने भी रितिका की मौत पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा, ‘यह दिल दुखाने वाली खबर है कि हमने एक क्षमतावान पहलवान रितिका फोगाट को खो दिया है. दुनिया दशकों पहले जैसी थी, उससे अब बदल चुकी है. खिलाड़ी दबावों का सामना कर रहे हैं, जैसा कि पहले नहीं हुआ करता था. उनके प्रशिक्षण के अहम हिस्सों में इन दबावों से निपटने के तरीके को भी शामिल किया जाना चाहिए.’


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