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पश्चिम बंगाल में बोर्ड परीक्षाएं कराई जाएं या नहीं, ममता सरकार ने मांगी लोगों की राय

सीएम ममता ने ट्वीट किया, 'हम अभिभावकों, आम जनों, शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों, सिविल सोसाइटी के लोगों और छात्रों को विचार प्रकट करने के लिये आमंत्रित कर रहे हैं. मेरा आपसे अनुरोध है कि आप 7 जून 2021 दोपहर 2 बजे तक अपने विचार साझा करें.'

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, प्रतीकात्मक तस्वीर | ANI

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के स्कूली शिक्षा विभाग ने कोरोना वायरस महामारी के बीच बोर्ड की परीक्षाएं कराए जाने मामले पर रविवार को आम जनता से राय मांगी. इसके लिये विभाग ने ई-मेल पता साझा किया है.

तीन दिन पहले विभाग ने परीक्षाएं कराने की संभावना तलाशने के लिये माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रमुख, राज्य के बाल अधिकार संरक्षण समिति के प्रमुख, एक डॉक्टर और एक अकादमिक विद्वान को शामिल कर छह सदस्यीय समिति गठित की थी, जिसने शनिवार को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. हालांकि, इसकी सिफारिशों को सार्वजनिक नहीं किया गया था.

समिति के एक सदस्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्होंने और अन्य सदस्यों ने सर्वसम्मति से इस बात पर सहमति जतायी कि मौजूदा हालात में 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं की ऑफलाइन परीक्षाएं आयोजित करना ठीक नहीं है. छात्रों के लिये ओपन बुक परीक्षा ज्यादा सही रहेगी या ऑनलाइन परीक्षा, इसको लेकर मतभेद थे.

स्कूली शिक्षा बोर्ड ने रविवार को एक नोटिस में कहा कि माध्यमिक/उच्च माध्यमिक परीक्षाएं कराई जाएं या नहीं इसको लेकर आम लोगों से राय मांगी गई है. विभाग ने लोगों से कहा है कि अगर वे परीक्षाएं कराए जाने के पक्ष में हैं तो उसके तरीके को लेकर सुझाव दें.

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को ट्वीट किया, ‘हम अभिभावकों, आम जनों, शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों, सिविल सोसाइटी के लोगों और छात्रों को विचार प्रकट करने के लिये आमंत्रित कर रहे हैं. मेरा आपसे अनुरोध है कि आप 7 जून 2021 दोपहर 2 बजे तक अपने विचार साझा करें.’

पश्चिम बंगाल में इस साल 12 लाख से अधिक छात्रों को माध्यमिक और 8.5 लाख छात्रों को उच्चतर माध्यमिक परीक्षाओं में बैठना था.

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