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ममता के डेब्यू एल्बम में है क्या? उनका सोलो सॉन्ग, उनकी धुनों पर थिरकते मंत्री और ‘मॉडर्न रॉक का टच’

इस एल्बम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के लिखे और कंपोज किए आठ गीत शामिल हैं, जिसमें उनका राज्य में मंत्री इंद्रनील सेन के अलावा गायिका और टीएमसी विधायक अदिति मुंशी के साथ गाया एक गाना भी है.

रविवार को कोलकाता में जागो बंगला के फेस्टिव एडिशन के लॉन्च के अवसर पर बंगाली अभिनेत्री सुभाश्री गांगुली, टीएमसी राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी, पार्टी सचिव सायंतिका बनर्जी, पार्टी सांसद सौगत रॉय और अन्य लोगों के साथ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी । एएनआई

कोलकाता: एक राजनेता, एक तेजतर्रार वक्ता, एक चित्रकार, एक कवयित्री और अब एक म्यूजिक कंपोजर. हमेशा अपने एक अलग रूप से हैरान करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को अपना पहला म्यूजिक एल्बम जारी किया.

ममता की तरफ से रविवार को एक कार्यक्रम में लॉन्च किए गए इस एल्बम को ‘उत्सबेर गान’ (त्योहार गीत) का नाम दिया गया है. इसमें आठ गीत शामिल हैं जिन्हें उन्होंने लिखा और संगीतबद्ध किया है. इसमें एक सॉन्ग उन्होंने पश्चिम बंगाल के मंत्री इंद्रनील सेन के साथ-साथ बंगाली गायिका और तृणमूल विधायक अदिति मुंशी के साथ गाया है.

राज्य के सूचना एवं संस्कृति मंत्री इंद्रनील सेन ने दिप्रिंट को बताया, ‘सभी गीत माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लिखे हैं और कंपोजिशन भी उन्होंने ही तैयार की है. उन्होंने एक गीत ‘ताक दुमादम’ गाया है. वह पिछले 10 वर्षों से इनकी रचना कर रही हैं.’

‘ताक दुमादम’ दुर्गा पूजा पर बनाए जाने वाले ढाक (ड्रम) की धुन पर बना है.

सेन और मुंशी के अलावा, एल्बम में राज्य के पर्यटन मंत्री बाबुल सुप्रियो, गायक जीत गांगुली, श्रीराधा बंद्योपाध्याय, मोनोमॉय भट्टाचार्य, तृषा परुई और चंद्रिका भी शामिल हैं. एल्बम को टीएमसी के मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ द्वारा अपनी पत्रिका के संपादकीय और रिपोर्ट के पूजा संस्करण के अनावरण के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान लॉन्च किया गया.

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सौ से अधिक किताबें—जिनमें कविता की किताबें भी शामिल हैं—लिखने वाली ममता बनर्जी को कला के संरक्षक के तौर पर जाना जाता है.

सेन ने दिप्रिंट को बताया, ‘मुख्यमंत्री ने अपने गीतों की कंपोजिशन यात्राओं के दौरान की. वह अक्सर मुझे व्हाट्सएप पर बोल और धुन के साथ वॉयस नोट्स भेज देतीं और फिर हम इन्हें एक साथ रखकर गाने तैयार किए.’

मंत्री खुद एक गायक हैं और जब म्यूजिक की बात आती है, तब सरकारी कार्यक्रमों में भी मुख्यमंत्री की पहली पसंद वही होते हैं.

सेन ने कहा, ‘एक सिंगर के तौर पर अपने 42 सालों की अनुभव में मुझे ममता बनर्जी जैसा कोई नहीं मिला, जो म्यूजिक के बारे में जिस तरह सोचती हैं या फिर जिस तरह से वह गीत कंपोज करती हैं. वह भी पूरे राज्य और 344 प्रखंडों को संभालने के बाद. यह साबित करता है कि उनका पहला प्यार कला और संस्कृति ही है.’


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‘मॉडर्न रॉक टच के साथ खूबसूरत लेखन’

एक म्यूजिक कंपोजर जीत गांगुली ने दिप्रिंट को बताया कि यह पहला मौका है जब उन्होंने अपने अलावा किसी और का लिखा गीत गाया.

उन्होंने कहा, ‘यह एक शानदार एहसास था. पहली बार मैंने दीदी का कंपोज किया एक गाना गाया था, जिसे आधुनिक रॉक के टच के साथ बेहद खूबसूरती से लिखा गया है. गीत बहुत अच्छा है, धुन भी बहुत अच्छी है. मैंने मुंबई में गाना रिकॉर्ड किया और उसे भेज दिया. मैं बहुत आभारी हूं कि उन्होंने इसके लिए मुझे चुना.

अमेरिका में एक म्यूजिक कंसर्ट की तैयारी कर रहे गांगुली ने कहा कि संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा ने एक बार उनसे कहा था कि कोई कंपोजर बनना नहीं सीख सकता.

उन्होंने कहा, ‘यह भीतर से आना चाहिए. आप किसी वाद्य यंत्र को बजाना या सरगम (राग) सीखने का प्रशिक्षण ले सकते हैं, लेकिन गीत को कंपोज करना एक अलग तरह की प्रतिभा होती है. मेलोडी ममता दीदी के भीतर बसी हुई है, धुन और सुर की गहरी समझ उनकी खूबी है. यह मेरे लिए एक यादगार अनुभव रहेगा.’ साथ ही जोड़ा कि वह अपने प्रशंसकों के बीच यह गाना गाएंगे.

रविवार को एल्बम के रिलीज के मौके पर कुछ दिलचस्प क्षण भी आए. जैसे उसी दिन जब ममता कोलकाता के मेयर और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम की चेतला अग्रनी दुर्गा पूजा का उद्घाटन कर रही थीं, तो उन्होंने गायक से नेता बने पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो—जिन्हें पिछले महीने ही ममता मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, को गाना ‘दिल से नहीं गाने’ पर हिदायत भी दे डाली.

सुप्रियो एल्बम लॉन्च के मौके पर नहीं पहुंच पाए थे, लेकिन बाद में उसी दिन में आयोजित हाकिम के पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए.

इस दौरान ममता ने उसी दिन अपना ‘जय मां दुर्गा’ एल्बम रिलीज करने वाले सुप्रियो से कहा, ‘आप अपने खुद के गाने गाने में व्यस्त हैं और मेरे गाने भूल जाते हैं. मैंने देखा है, आपने मेरे गीत अपने दिल से नहीं गाए हैं.’

उस पल को फेसबुक लाइव पर रिकॉर्ड किया गया था.

सुप्रियो ने दिप्रिंट को बताया, ‘मैं खुशकिस्मत हूं कि ममता बनर्जी ने उसी दिन मेरा एल्बम रिलीज किया था. और जब भी कोई इतना महत्वपूर्ण व्यक्ति आपके बड़े दिन का हिस्सा होता है, तो आपकी व्यस्तता भी बढ़ जाती है. और बहुत अफसोस है कि ‘जागो बांग्ला’ कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बन पाया. लेकिन ममता बनर्जी ऐसी ही हैं. वह (इतनी) उदार है कि मजाक में ही सही अपने हाथ में माइक लेकर पूरे अधिकार के साथ हमें यह बात कह सकती हैं.’

‘दिल ने दिल को पुकारा’ और ‘चंदा चमके’ जैसे लोकप्रिय बॉलीवुड गानों के एक अलग ही पहचान बना चुके बाबुल सुप्रियो ने बंगाल की सीएम को दिल से एक संगीतकार बताया.

उन्होंने कहा, ‘राजनीति और संगीत में बहुत कम अंतर है.’

गौरतलब है कि ममता ने गत 31 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि वह पांचवीं कक्षा से ही कविताएं लिख रही हैं.

उन्होंने मीडिया से कहा था, ‘मुझे पता है कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर मुझ पर कई मीम्स हैं, अच्छी तरह जानती हूं. यूट्यूब पर माकपा, कांग्रेस और भाजपा मेरा मजाक उड़ाती है. लेकिन अगर मैं पेंटिंग बनाती हूं तो दिक्कत क्या है? मैं तो आपको भी पेंट करने के लिए प्रोत्साहित करती हूं. मेरे हाथ में कलम हो तो मैं उसी क्षण कुछ लिख लेती हूं या फिर ब्रश हो तो पेंटिंग बनाने लगती हूं, तो इसमें गलत क्या है? मैं एक शिक्षार्थी हूं; हर दिन नई-नई चीजें सीखती रहती हूं. मैं गाती हूं, मैं आपको गाने के लिए प्रोत्साहित भी करती हूं. यह सब काम मैं अपने खाली समय में करती हूं, जो मुझे बहुत कम ही मिलता है, मुझे कुछ रचनात्मक करना पसंद है.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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