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यूपी में 1 से 7 जुलाई तक बुनकर संगठन सांकेतिक हड़ताल पर, कांग्रेस ने कहा-लॉकडाउन ने छीने सबके रोजगार

दिप्रिंट से बातचीत में बुनकर उद्योग फाउंडेशन के सेक्रेटरी जुबैर आदिल ने बताया कि लॉकडाउन से प्रदेश भर के बुनकरों का बुरा हाल है, ऊपर से बिजली के भारी भरकम बिल भी पेंडिंग हैं.

फोटो : विशेष व्यवस्था द्वारा

लखनऊ: यूपी बुनकर महासभा व बनारस के तमाम बुनकर संगठनों ने 1 जुलाई से 7 जुलाई तक सांकेतिक हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. वर्चुअल मीटिंग के जरिए इन संगठनों ने ये प्रस्ताव पारित किया है कि यूपी पॉवर कॉरपोरेशन द्वारा पावरलूम बुनकरों का फिक्सड बिजली रेट को समाप्त कर मनमाने तरीके से मीटर रीडिंग के माध्यम से भुगतान करने के निर्णय का कड़ा विरोध किया जाएगा.

इस बैठक के कॉर्डिनेटर हाजी रहमुतल्लाह अंसारी ने बताया पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में लॉकडाउन के चलते पूरे प्रदेश के बुनकरों का बुरा हाल है और बुनकर भुखमरी की स्थिति में आ गए हैं. प्रदेश के बुनकरों ने 1 जुलाई से 7 जुलाई तक सांकेतिक हड़ताल का फैसला लिया है और कहा है कि पहले की तरह मिल रही बिजली सब्सिडी को पुन: बहाल नहीं किया गया, तो प्रदेश स्तर पर बड़े आंदोलन किए जाएंगे.

लॉकडाउन ने चौपट किया बिजनेस

दिप्रिंट से बातचीत में बुनकर उद्योग फाउंडेशन के सेक्रेटरी जुबैर आदिल ने बताया कि लॉकडाउन से प्रदेश भर के बुनकरों का बुरा हाल है. ऊपर से बिजली के भारी भरकम बिल भी पेंडिंग हैं. लॉकडाउन में बिजनेस तो बुरी तरह से प्रभावित हुआ. छोटे बुनकरों की तो दो वक्त की रोटी भी संकट में है. सरकार से कोई मदद फिलहाल मिली नहीं है. ऐसे में तमाम संगठनों ने सांकेतिक हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है.

आदिल के मुताबिक, केवल बनारस में ही 5 लाख से अधिक बुनकर हैं. यूपी भर में ये संख्या 25 लाख से अधिक होगी. इतनी बड़ी संख्या में लोग नुकसान में है, लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आ रहा. पहले इस सीजन में बाहर से बहुत ऑर्डर आते थे. लेकिन अब सब बंद पड़ा है.


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रोजगार देने के सरकार के दावे झूठे: कांग्रेस

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि बुनकर समेत तमाम उद्योगों पर लॉकडाउन आफत बनकर आया. उत्तर प्रदेश का कांच उद्योग, पीतल उद्योग, कालीन उद्योग, बुनकरी, फ़र्नीचर उद्योग, चमड़े का उद्योग, होजरी उद्योग, डेयरी, मिट्टी बर्तन उद्योग, फिशरी-हेचरी उद्योग, अन्य घरेलू उद्योग सभी को तेज झटका लगा है.

प्रदेश के लाखों बुनकरों की हालत अत्यंत खराब है. ये कुटीर और लघु उद्योग मंदी की मार सह रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिल नहीं रही है.

अजय लल्लू ने कहा कि प्रदेश सरकार एक करोड़ रोजगार देने का दावा कर रही है लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ दूसरी है. प्रदेश में रोजाना कहीं न कहीं से आर्थिक तंगी के वजह से लोग आत्महत्या कर रहे हैं. लल्लू के मुताबिक यूपी के बांदा जिले में तंगहाली से परेशान 20 लोग लॉकडाउन में आत्महत्या कर चुके हैं. बनारस के बुनकरों का हाल जिस तरह से बेहाल है उनके बारे में सरकार को तुरंत ध्यान देना चाहिए.

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