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छात्रा की कथित आत्महत्या मामले में वार्डन गिरफ्ता, भाजपा ने लगाया धर्मांतरण का आरोप

तंजावुर (तमिलनाडु), 21 जनवरी (भाषा) तंजावुर जिले में तिरुकट्टुपल्ली पुलिस ने शुक्रवार का कहा कि बारहवीं की छात्रा की कथित आत्महत्या के सिलसिले में उसने यहां एक मिशनरी स्कूल के छात्रावास के वार्डन को गिरफ्तार किया है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि स्कूल प्रबंधन के धर्मांतरण प्रयास के चलते इस छात्रा ने कथित रूप से यह कदम उठाया।

पुलिस ने कहा कि वार्डन को गिरफ्तार कर लिया है और उसे हिरासत में भेज दिया गया है।

तंजावुर की पुलिस अधीक्षक जी रावली प्रिया ने 17 साल की किशोरी की मौत के बारे में फर्जी खबर फैलाने वालों के विरूद्ध किशोर न्याय कानून एवं भादंसं की संबंधित धाराओं के के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी है।

उन्होंने कहा, ‘‘ किशोरी ने नौ जनवरी को जहर खा लिया और तिरुकट्टुपली पुलिस को 15 जनवरी को उसके माता-पिता से इस बारे में पहली सूचना मिली। पुलिस ने भादंसं की धारा 305 (आत्महत्या के लिए उकसाना) तथा किशोर न्याय कानून की धाराओं 75 (बच्चे के साथ क्रूरता पर सजा ) तथा 82 (1) (बच्चे को अनुशाससित करने के लिए शारीरिक दंड ) के तहत मामला दर्ज किया है।’’

तंजावुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने लड़की की मौत से पहले उसके द्वारा दिये गये बयान का संज्ञान लिया एवं पुलिस ने बयान रिकार्ड किया। उसके बाद वार्डन को हिरासत में भेज दिया गया।

पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘ मामले की जांच चल रही है। ’’ उन्होंने इस किशोरी की पहचान, फोटो, वीडियो, पता, मौत से पहले दिये गये बयान को सामने लाने के विरूद्ध चेतावनी देते हुए कहा कि यह अपराध है।

इस किशोर की दशा 15 जनवरी को बिगड़ गयी थी और उसे तंजावुर कॉलेज अस्पताल ले जाया गया था। पुलिस के अनुसार वहां उसने बयान दिया और अपने इस कृत्य के लिए वार्डन को जिम्मेदार ठहराया था। उसकी 19 जनवरी को मौत हो गयी थी।

प्राथमिकी के अनुसार छात्रा छात्रावास में रह रही थी और वार्डन ने नौ जनवरी को उसे कथित रूप से घरेलू कामकाज के लिए बाध्य किया था। उसने कथित रूप से अपनी जान देने की कोशिश की क्योंकि वह क्रूरता बर्दाश्त नहीं कर पायी।

लेकिन जिला भाजपा इकाई के सदस्यों ने दावा किया कि किशोरी ने खुदकुशी इसलिए की क्योंकि उसे ईसाई बनने के लिए बाध्य किया गया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस की निंदा करते हुए प्रदर्शन भी किया। भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष ए अन्नामलाई ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा कि पार्टी की महिला मोर्चा के नेताओं की एक तथ्यान्वेषी दल ने स्वतंत्र जांच शुरू कर दी है।

बलात धर्मांतरण पर विराम लगाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को धर्मांतरण विरोधी कानून बनाना चाहिए।

भाषा राजकुमार माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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