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घटिया पीपीई किट से संबंधित पत्र के लीक होने की जांच एसटीएफ से करा रही है उत्तर प्रदेश सरकार

स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन संगठित अपराध की जांच के लिए होता है लेकिन इसका इस्तेमाल सरकार पत्र सोशल मीडिया व मीडिया में लीक होने पर करवा रही है जिसको लेकर विपक्षी दल सरकार पर तंज कस रहे हैं.

देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान चेन्नई के राजीव गांधी सरकारी सामान्य अस्पताल में कोरोनोवायरस के लिए नमूनों की व्यवस्था करते डॉक्टर्स, फाइल फोटो/ प्रतीकात्मक तस्वीर

लखनऊ: पिछले दिनों घटिया पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट को लेकर यूपी के महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) केके गुप्ता का एक पत्र सोशल मीडिया व मीडिया में लीक हुआ था. इस पत्र में उन्होंने कई मेडिकल कॉलेजों को घटिया पीपीई किट का उपयोग न करने समेत अन्य निर्देश दिए थे. ये पत्र कैसे लीक हुआ इसकी जांच योगी सरकार एसटीएफ से करवा रही है. इसको लेकर कांग्रेस महासचिव व यूपी इंचार्ज प्रियंका गांधी ने तंज कसा है.

प्रियंका ने ट्वीट कर कहा है, ‘यूपी के कई सारे मेडिकल कॉलेजों में खराब पीपीई किट दी गई थीं. ये तो अच्छा हुआ सही समय पर वो पकड़ में आ गईं तो वापस हो गईं और हमारे योद्धा डाक्टरों की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं हुआ लेकिन हैरानी की बात ये है कि यूपी सरकार को ये घोटाला परेशान नहीं कर रहा है बल्कि ये परेशान कर रहा है कि खराब किट की खबर बाहर कैसे आ गई. ये तो अच्छा हुआ कि खबर बाहर आ गई वरना खराब किट का मामला पकड़ा ही नहीं जाता और ऐसे ही रफा-दफा हो जाता. क्या दोषियों पर कार्यवाही होगी?’

बता दें कि बीते दिनों मेरठ व नोएडा के मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों ने डीजीएमई को खराब पीपीई किट से संबंधित पत्र लिखे थे जिसके बाद शासन की ओर से ऐसे किट्स को इस्तेमाल न करने के लिए कहा गया था. वहीं ये पीपीई किट की सप्लाई यूपी मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन ने की थी. चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने भी इस बात को स्वीकार करते हुए कहा था कि पीपीई की करीब 100 किट खराब होने की शिकायत सामने आई है. फिलहाल इसे वापस कर दूसरी किट भेजने के निर्देश दिए गए हैं.


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स्थानीय मीडिया के मुताबिक मेरठ के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज और नोएडा के जीआईएमएस मेडिकल कॉलेज नोएडा स्वाइन फ्लू की किट भेज दी गई थी. ये गलती दोनों काॅलेजों में पकड़ी गई थी. शासन को अवगत भी कराया गया था जिसके बाद डीजीएमई ने कई मेडिकल काॅलेजों को इसे न इस्तेमाल करने से संबंधित पत्र लिखा था.

आमतौर पर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन संगठित अपराध की जांच के लिए होता है लेकिन इसका इस्तेमाल सरकार पत्र सोशल मीडिया व मीडिया में लीक होने पर करवा रही है जिसको लेकर विपक्षी दल सरकार पर तंज कस रहे हैं.

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