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बिजनौर में सीएए विरोधी हिंसा में मारे गए शख्स की मां ने कहा- यूपीएससी की तैयारी कर रहे मेरे बेटे को मार दिया

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शुक्रवार को हुई हिंसा में गिरफ्तार लोगों के घर वालों का पुलिस पर आरोप- घरों में घुसकर तोड़फोड़ की और महिलाओं पर लाठियां चलाईं.

सुलेमान के परिवार वाले जिसकी शुक्रवार को बिजनौर में हुई हिंसा में मौत हो गई.. घरवाले उसकी किताबें दिखाते हुए कि वो यूपीएससी की तैयारी करता था. फोटो : प्रवीण जैन/दिप्रिंट

बिजनौर: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान हुए प्रदर्शन में हिंसा भड़कने के बाद रविवार को उत्तर प्रदेश के बिजनौर में पुलिस ने 131 लोगों को गिरफ्तार किया और दो पुरुषों की मौत हो गई. लिहाजा प्रदेश के बिजनौर में निराशा, चिंता और डर का माहौल है.

कहा जा रहा है कि नहटौर इलाका जो कि हिंसा का केंद्र था. पुलिस ने अनस (21) और सुलेमान (20) को गोली मार दी. बिजनौर के एसपी संजीव त्यागी ने दिप्रिंट को बताया कि जिन 131 लोगों को गिरफ्तार किया गया है उसमें 70 लोग नहटौर के हैं.

यूपीएससी की तैयारी करने वाला और 7 महीने के बच्चे का पिता

सुलेमान के परिवार में जिन दो लोगों की मौत हुई है उनमें से एक का परिवार, पुलिस वालों को आतंकवादी कह रहा है. सुलेमान की बड़ी बहन शीबा का कहना है कि वे पुलिस अधिकारी नहीं है. वो आतंकवादी हैं, ज़ालिम हैं.

सुलेमान की मां अकबरी खातून ने कहा कि उनका बेटा यूपीएससी की तैयारी कर रहा था. उन्होंने कहा, वो दिन-रात एक करके पढ़ाई और यूपीएससी की तैयारी करता था. उन्होंने मेरे अच्छे और परिश्रमी बेटे को मार दिया.

दूसरी तरफ अनस के परिवार के लिए जहां खुशी का मौका हो सकता था वहीं वो मातम में बदल गया. अनस का बेटा 7 महीने का होने वाला था लेकिन उससे पहले ही उसे मार दिया गया. अनस के पिता अरशद हुसैन ने कहा, वो सिर्फ बाहर दूध लेने गया था. उसे प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं था.

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जहां अनस को मारा गया वो उनके पिता के आंखों के सामने अभी भी ताज़ा है और ये उनकी आंखों में आंसू ला देती हैं.

मोहम्मद अनस के पिता अरशद हुसैन उस स्थान पर खड़े हैं जहां उनके बेटे को मारा गया | फोटो : प्रवीण जैन/दिप्रिंट

दोनों के परिवार वालों ने कहा कि पुलिस ने अनस और सुलेमान को नहटौर में दफनाने की इज़ाजत नहीं दी. इसलिए उन्हें दोनों का अंतिम संस्कार 20 किलोमीटर दूर जाकर करना पड़ा. हालांकि बिजनौर डीएम रमाकांत पांडे ने कहा कि कानून व्यवस्था को सामान्य बनाने के लिए यह प्रक्रिया थी. उन्होंने दिप्रिंट को बताया कि इस क्षेत्र में दोनों को दफनाने से यहां माहौल खराब हो सकता था.


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एसपी त्यागी ने कहा कि किसी भी परिवार ने अभी तक कोई शिकायत नहीं की है.

उन्होंने कहा कि अगर वो कोई शिकायत करते हैं तो वो निश्चित तौर पर उसे दर्ज करेंगे. हमें कोई ऐसी शिकायत नहीं मिली है कि पुलिस ने किसी भी घर को तोड़ा है.

रविवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने दोनों के परिवार वालों से उनके घर जाकर मुलाकात की.

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी सुलेमान के पिता से मुलाकात करते हुए | फोटो : प्रवीण जैन/दिप्रिंट

‘पुलिस घर में घुसी और घर वालों पर लाठियां चलाई’

जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनके परिवार वालों ने दावा किया कि पुलिस उनके घर में घुसी और लाठियां चलाईं जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं.

कमर अहमद (36) की मां ज़रीन खातून ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके बेटे को घर से गिरफ्तार किया, टीवी तोड़ दिया. किचन में तोड़-फोड़ की और गैस-पाइपलाइन का कनेक्शन काट दिया.

खातून ने कहा कि गैस लाइन काटते वक्त उन्होंने कहा था कि वो इस जगह को आग लगा देंगे.

ज़रीना खातून घर में हुए नुकसान को दिखाती हुई | फोटो : प्रवीण जैन/दिप्रिंट

उन्होंने कहा कि पुलिस ने लाठी से मुझे और उसकी छोटी बहन को मारा. मैं कहती रही कि मेरे बेटे ने कुछ नहीं किया है. उन्होंने कहा कि पुलिस ये बताने से इंकार कर रही है कि उनका बेटा कहां है.

ज़ावेद अंसारी (30) की बहन निशांत परवीन, जिसे कहा जा रहा है कि उन्हें शुक्रवार दोपहर को घर से गिरफ्तार किया गया, ने कहा कि 8-10 पुलिस वाले उनके घर में घुसे, पंखा औप वाश बेसिन तोड़ दिया. परवीन ने यह भी कहा कि उन्हें और उनकी मां को लाठी से पुलिस ने मारा. सभी पुलिस वाले पुरुष थे.

परवीन ने कहा कि एक भी महिला पुलिस नहीं थी. वो कैसे हमारे घर में घुस सकते हैं और इस तरह से हमें मार सकते हैं.

ज़ावेद अंसारी की मां और बहन घर में हुई तोड़फोड़ को दिखाते हुए | फोटो : प्रवीण जैन/दिप्रिंट

हर जगह गोलियों के निशान

नहटौर के लोगों ने दिखाया कि काफी सारी जगहों पर गोलियों के निशान हैं जैसे कि नया बाज़ार चौक के कई पोल्स और दरवाज़ों पर जहां शुक्रवार को हिंसा हुई थी.


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एक गांव वाले ने गोलियों के निशान दिखाते हुए कहा कि देखिए ये निशान. अगर स्थिति हाथ से जाती हुए नज़र आती है तो गोलियां बेल्ट के नीचे चलाई जातीं लेकिन इन गोलियों के निशान कितने ऊपर हैं. इन गोलियों के निशान साबित करते हैं कि मंशा मारने की थी.

नया बाज़ार के एक बिजली के पोल पर गोलियों के निशान | फोटो : प्रवीण जैन/दिप्रिंट

एक और गांव वाले ने कहा कि काफी डर है लेकिन कब तक इंसान डर के माहौल में रह सकता है?

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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