नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की अवधि को और 10 साल के लिए बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी. उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह जानकारी दी.
इन श्रेणियों के लिए लोकसभा और विधानसभाओं में आरक्षण की अवधि 25 जनवरी 2020 को समाप्त हो जाती. सूत्रों ने बताया कि सरकार आरक्षण की मियाद बढ़ाने के लिए इस सत्र में एक विधेयक लाएगी.
सूत्रों के अनुसार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नागरिकता संशोधन विधेयक को भी मंजूरी दे दी है.
https://twitter.com/ANI/status/1202096634785460224?s=20
एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि विधायिका में एससी और एसटी के लिए आरक्षण संवैधानिक संशोधनों के जरिए किया जाता है जबकि इन श्रेणियों के लिए नौकरियों में इस तरह का आरक्षण देने का फैसला संबंधित राज्य सरकारें करती हैं.
Aide sansand ko nagar rakhana chahiye
आरक्षण आय गत होना चाहिए नाकि जाति गत
ये एक उचित कदम है। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा इससे देश के निम्न वर्गो को फिर एक बार निरंतर आगे बढ़ने का मौका दिया है।
अगर इस बार जातिगत आरक्षण को 10 साल सरकार और बढ़ाती है तो मेरा परिवार और सभी क्षेत्रीय सवर्ण जनता को और मैं खुद सोशल साइट पर किसी भी पार्टी को वोट ना देने की अपील करूंगा अगर आरक्षण जातिगत ना होकर आर्थिक आधार पर आरक्षण होता तो हम उस पार्टी दल को सपोर्ट करते जो आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करती जातिगत आरक्षण देना देश को बर्बाद करना है जिससे sc,st or obc के गरीब बच्चों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता और 70 सालों से आज भी आरक्षण से वंचित है और 70 सालों से अमीर दलित आज भी बड़े पदो पर आसीन है और इन्ही के पीढ़ी दर पीढ़ी आज तक आरक्षण का फायदा ले रहे है और मेरा विश्वास न्यायपालिका से कब का उठ चुका है हिन्दुस्तान मैं गरीबों को कभी न्यायपालिका से न्याय नहीं मिलता आरक्षण तो सिर्फ एक बहाना है न्यायपालिका और नेताओं का असल मैं ये सभी गरीबों को खुश नहीं देखना चाहते हिन्दुस्तान मैं जन्म लेना गरीबों का दुर्भाग्य है सर्वोच्च न्यायालय तो 70 सालों से मूक-बधिर बनी हुई है।
Kab se lagu hoga