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‘सुरक्षा बलों ने नागरिकों को पहचानने में गलती की,’ नागालैंड की घटना पर शाह ने सदन में जताया अफसोस

नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, जदयू, एनसीपी और बीएसपी सहित कई पार्टियों के सदस्यों ने नागालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में कम से कम 14 आम लोगों के मारे जाने का मुद्दा उठाया था.

लोकसभा में बयान देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह | फोटो: ANI

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागालैंड में सुरक्षा बलों की कथित गोलीबारी 14 लोगों की मौत की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए इस मामले में विशेष जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन करने की जानकारी दी है. सोमवार को लोकसभा में उन्होंने कहा कि ‘हमने फैसला किया है कि हर एजेंसी सुनिश्चित करेगी कि चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई में भविष्य में इस तरह की घटना ना हो. इस मामले में जरूरी फैसले सरकार द्वारा भी लिए जा रहे हैं.’

उन्होंने सदन में बताया कि ‘सेना को ओटिंग, सोम में चरमपंथियों की गतिविधि की सूचना मिली थी. इसी आधार पर 4 दिसंबर की शाम को 21 कमांडो संदिग्ध इलाके में घात लगा रहे थे. इसी दौरान एक गाड़ी उसके पास पहुंची जिसे रुकने का इशारा किया गया लेकिन वो नहीं रुकी. गाड़ी में उग्रवादी होने के संदेह में उसपर हमला किया गया जिसमें सवार 8 लोगों में से 6 की मौत हो गई.’

उन्होंने आगे कहा, ‘बाद में पता चला कि यह गलत पहचान का मामला है. सेना दो घायल लोगों को नजदीकी मेडिकल सेंटर भी ले गई थी.’

गृह मंत्री ने आगे बताया कि ‘इस घटना के बारे में खबर मिलते ही स्थानीय लोगों ने बटालियन को घेर लिया. इस दौरान 2 वाहनों में आग लगा दी गई और उन पर हमला किया गया जिसमें हमने 1 सैनिक खो दिया और कई अन्य घायल हो गए.’

उन्होंने कहा कि ‘सुरक्षा को देखते हुए फोर्स ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए गोलियां चलाईं और इसमें 7 अन्य लोग मारे गए.’

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उन्होंने कहा कि ‘हमारी सेना ने एक प्रेस रिलीज भी जारी की है जिसमें उन्होंने इस घटना में हुए नुकसान पर अपना दुख व्यक्त किया है. इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की जांच सेना समेत हाई लेवल पर भी की जा रही है.’

‘जांच की जा रही है’

अमित शाह ने बताया कि नागालैंड में मौजूदा स्थिति तनावपूर्ण है लेकिन नियंत्रण में है.

उन्होंने बताया कि ‘5 दिसंबर को नागालैंड के डीजीपी और कमिश्नर ने घटनास्थल का दौरा किया. एफआईआर दर्ज कर ली गई है और गंभीरता को देखते हुए मामला स्टेट क्राइम पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया है. इस मामले में विशेष जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है जो 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.’

अमित शाह ने कहा कि ‘घटना के बाद, 5 दिसंबर की शाम, लगभग 250 लोगों की उत्तेजित भीड़ ने मोन शहर में असम राइफल्स की कंपनी ऑपरेटिंग बेस (सीओबी) में तोड़फोड़ की और उसमें आग लगा दी गई. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए असम राइफल्स को गोलियां चलानी पड़ीं जिसमें एक और नागरिक की मौत हो गई.’

उन्होंने कहा कि ‘कल से मामले निरीक्षण कर रहे हैं. गृह मंत्रालय ने तुरंत उत्तर-पूर्व के एडिशनल सेक्रेटरी इंचार्ज को कोहिमा भेज दिया जहां आज (सोमवार) को चीफ सेक्रेटरी, अन्य सीनियर अधिकारियों और पैरामिलिटरी फोर्सिस के अधिकारियों के साथ मीटिंग चल रही है. स्थिति की विस्तार में समीक्षा की जा रही है.’

अमित शाह ने कहा कि उन्होंने राज्य के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की है और सामान्य स्थिति बहाल करने की कोशिश जारी है.

बता दें कि, लोकसभा में नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी), कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, जदयू, एनसीपी और बीएसपी सहित कई पार्टियों के सदस्यों ने नागालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में कम से कम 14 आम लोगों के मारे जाने का मुद्दा उठाया था. जिसमें उन्होंने इस घटना की हाई लेवल जांच कराने, मृतकों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा देने और गृह मंत्री से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी.


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