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आंबेडकर नगर में छात्रा की मौत के मामले में गिरफ्तार तीन लोगों पर चलेगा गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा

आंबेडकर नगर के एसपी ने बताया कि रविवार को मेडिकल जांच के लिए ले जाते समय भागने की असफल कोशिश में दो आरोपियों के पैर में गोली लगी और तीसरे का पैर टूट गया.

आंबेडकर नगर के पुलिस अधीक्षक अजीत कुमार सिन्हा की फाइल फोटो | एक्स/@ambedkarnagrpol
आंबेडकर नगर के पुलिस अधीक्षक अजीत कुमार सिन्हा की फाइल फोटो | एक्स/@ambedkarnagrpol

आंबेडकर नगर: पुलिस ने बताया कि आंबेडकर नगर छेड़छाड़ की घटना में शनिवार को गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी.

आंबेडकर नगर के पुलिस अधीक्षक अजीत कुमार सिन्हा ने मंगलवार को दिप्रिंट से कहा, “10 दिनों के भीतर आरोप पत्र दायर किया जाएगा और एक महीने के भीतर उन्हें दोषी ठहराया जाएगा. आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.”

शाहबाज़ और अरबाज द्वारा शुक्रवार को स्कूल से घर लौट रही 17-वर्षीय छात्रा का दुपट्टा खींचने के एक दिन बाद शाहबाज़, अरबाज़ और फैसल नाम के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. उक्त प्रकरण के परिणामस्वरूप, 11वीं कक्षा की छात्रा नियंत्रण खो बैठी, अपनी साइकिल से गिर गई और उसके ठीक पीछे आ रही एक मोटरसाइकिल ने उसे टक्कर मार दी. मोटरसाइकिल पर तीसरा आरोपी फैसल सवार था. ये पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई.

एफआईआर में पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए आपराधिक बल का इस्तेमाल) और 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना) के साथ-साथ POCSO एक्ट की धारा 7 और 8 भी लगाई हैं.

सिन्हा ने कहा, “हम इसे हत्या मान रहे हैं क्योंकि लड़की के साथ छेड़छाड़ की गई थी, जिसे दुर्घटना बताया जा रहा था, हम प्रथम दृष्टया उसे हत्या मान रहे हैं.” उन्होंने कहा कि जब महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात आती है तो जिला पुलिस “बहुत सक्रिय” होती है और “पिछले डेढ़ साल” में आंबेडकर नगर में यह “पहली (ऐसी) घटना” सामने आई है.

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शनिवार को आंबेडकर नगर के हंसवर थाने के प्रभारी रितेश पांडे को कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि मृतक लड़की के पिता ने आरोप लगाया था कि उन्होंने मौखिक रूप से तीनों आरोपियों के बारे में पुलिस से शिकायत की थी कि वो उनकी बेटी को परेशान कर रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

सिन्हा के मुताबिक, जो भी अन्य पुलिस अधिकारी दोषी पाया जाएगा, उसे दंडित किया जाएगा.

‘आरोपियों ने की भागने की कोशिश, पैर में लगी गोली’

सिन्हा ने कहा, रविवार को जब आरोपियों को मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था तो उन्होंने भागने की कोशिश की. सिन्हा ने दिप्रिंट को बताया कि उन्होंने हथियार छीन लिए और गोलियां चला दीं, जिसके बाद उनके साथ आए अधिकारियों ने शाहबाज़ और फैसल के पैर में गोली मार दी, जबकि अरबाज़ का पैर लड़खड़ाने के कारण टूट गया.

इस संबंध में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 394 (डकैती करने में चोट पहुंचाना), 411 (चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना) और 224 (कानूनी रूप से पकड़ने का विरोध) के तहत दूसरा मामला दर्ज किया गया है.

यह पूछे जाने पर कि भागने की कोशिश करते समय दो आरोपियों को पैर में गोली कैसे लगी, सिन्हा ने कहा कि उद्देश्य न्यूनतम बल का उपयोग करना है. उन्होंने कहा, “गोलियां मारने के लिए चलाई जाती हैं. हमारा उद्देश्य उन्हें मारना नहीं है, लेकिन हमें उन्हें रोकना और गिरफ्तार करना था.”

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दो भाई अरीबपुर के रहने वाले हैं, जबकि फैसल हरसम्हार गांव का रहने वाला है.

(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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