नई दिल्ली: फार्मासिस्ट से संगीतकार बना ये 38 वर्षीय शख्स एक सफर पर है. पुलवामा में 14 फरवरी को शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों के गृहनगरों की मिट्टी एकत्रित करने और उससे भी अहम, शहीदों के परिजनों से मुलाकात के लिए देश के 29 राज्यों का सफर. इस सफर के राही उमेश गोपीनाथ जाधव देश भर से एकत्रित इस मिट्टी से पुलवामा में भारत का नक्शा निर्मित कर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.
जाधव ने बेंगलुरु में येलहंका से अपना सफर शुरू किया और वहां से कर्नाटक में मांड्या पहुंचे. उसके बाद वह केरल में वायनाड, तमिलनाडु में कन्याकुमारी और थूथुकुडी, तथा गोवा की यात्रा पूरी कर चुके हैं.
उनकी यात्रा कम-से-कम और तीन महीने तक जारी रहने की संभावना है. जाधव को देश के कोने-कोने की इस यात्रा के लिए अपने कुछ मित्रों से समर्थन मिला है. उन्होंने अपनी यात्रा के लिए और शहीदों के परिवार के लिए भी, क्राउडफंडिंग से पैसे जुटाए हैं.
सीआरपीएफ ने जाधव के अभियान का समर्थन करते हुए, उनकी हरसंभव सहायता करने का वादा किया है.
सीआरपीएफ के उपाधीक्षक कश्यप कडगट्टूर ने ट्वीट किया, ‘मैं मांड्या निवासी उमेश को बधाई देता हूं, जो पुलवामा आतंकी हमले के 40 शहीदों के परिवारों से मुलाकात के मिशन पर हैं. वह अपनी इस पहल के ज़रिए @BharatKeVeer को भी बढ़ावा दे रहे हैं. इसी तरह का प्यार और सहयोग हमें देश सेवा के लिए प्रेरित किए रखता है.’
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‘पुलवामा हमले से स्तब्ध था’
जाधव एक व्यावसायिक कार्यक्रम के सिलसिले में अजमेर गए हुए थे. वह वहां हवाई अड्डे पर थे. जब पुलवामा में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदा अपना वाहन सीआरपीएफ के काफिले से टकरा कर 40 जवानों की जान ले ली.
उनका कहना है कि टेलीविजन पर इस हमले का विवरण देखते हुए उन्होंने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कुछ विशेष करने की ठान ली थी.
जाधव ने कहा, ‘मैं समाचार देखकर स्तब्ध था. मैं सन्न रह गया था. मैं उन्हें श्रद्धांजलि देना चाहता था पर मुझे मालूम नहीं था कि क्या करूं. इसलिए मैंने सभी शहीदों के परिवारों से मिलने का फैसला किया.’
वह आगे बताते हैं, ‘मैंने प्रत्येक शहीद जवान के गृहनगर की मिट्टी एकत्रित करने और उससे पुलवामा में भारत का मानचित्र बनाने का भी फैसला किया.’
जाधव ने बताया, ‘हमारी कल्पना एक स्मारक बनाने की है, जो इस बात का प्रतीक होगा कि कैसे इन शहीदों के बलिदानों से भारत निर्मित हुआ है.’
जाधव ने कहा कि उन्होंने अपनी यात्रा को भारत के सभी शहीदों को समर्पित करने का फैसला किया है. ‘इस कारण ही हम सभी 29 राज्यों और सात केंद्रशासित क्षेत्रों में जा रहे हैं. पर, चूंकि ये विचार पुलवामा हमले के बाद आया था, हम व्यक्तिगत रूप से पुलवामा के प्रत्येक शहीद के परिवार से जाकर मिलेंगे.’
एक उद्देश्य के लिए संगीत
जाधव ने फार्मासिस्ट की पढ़ाई की है, पर नौकरी छोड़कर उन्होंने अपना संगीत बैंड बना लिया.
उन्होंने कहा, ‘मैंने फार्मेसी में स्नातकोत्तर डिग्री ली है. कई कंपनियों में काम करने के बाद मैंने अंतत: संगीत के लिए नौकरी छोड़ दी. मैंने कर्नाटक और हिंदुस्तानी संगीत का प्रशिक्षण लिया और उसके बाद अपना बैंड ‘म्यूज़िकॉज़’ शुरू किया.’
उनके बैंड ने भी अपने कार्यक्रमों से हुई आमदनी का एक हिस्सा पुलवामा के शहीदों के परिवारों के लिए दान देने का फैसला किया है. जाधव ने कहा, ‘मेरी परिकल्पना संगीत के ज़रिए लोगों की मदद करने की है. अपना कर्तव्य निभाते हुए जान गंवाने वाले जवानों के लिए भी हम अपने कार्यक्रमों के ज़रिए पैसे जुटा रहे हैं. हम पुलवामा के शहीदों के परिवारों में से प्रत्येक को 50 हज़ार रुपये देंगे.’
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