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3 महीने से बेरोज़गार हैं समग्र शिक्षा अभियान के 3700 शिक्षक, एमएचआरडी ने रोक रखा है फंड

एसएसए के एक शिक्षक महेंद्र सिंह मीणा के मुताबिक इस साल दिल्ली के फंड को एमएचआरडी ने ये कहकर रोक दिया है कि जब तक यहां शिक्षकों के खाली पद नहीं भरे जाएंगे तब तक फंडिंग नहीं मिलेगी.

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौर में दिल्ली के समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) के 3700 शिक्षकों को 3 महीने से बिना सैलरी के गुजारा करना पड़ रहा है. दिल्ली सरकार और एसएसए के शिक्षकों द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने दिल्ली का एसएसए से जुड़ा फंड रोक रखा है.

हर साल एमएचआरडी से राज्य सरकारों को शिक्षकों के वेतन के लिए बजट का एक हिस्सा मिलता है और शिक्षकों का कॉन्ट्रैक्ट 1 जुलाई से फिर से शुरू हो जाता था.

दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग की एक आला अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर इस बात की पुष्टि की कि दिल्ली को इस साल का फंड नहीं मिला है. अधिकारी ने कहा, ‘हमें एमएचआरडी से कोई फंड नहीं मिला है. अभी तक हमने सहायक शिक्षकों के दो तिहाई ख़ाली पदों को भर लिया है.’ ट्रेंड ग्रुप ऑफ़ टीचर्स (टीजीटी) के 11,000 पदों और 3700 अन्य ख़ाली पदों को भरने के लिए डीएसएसएसबी को प्रस्ताव भेजा गया है.

समग्र शिक्षा अभियान शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र और राज्य द्वारा मिलकर चलाया जाने वाला एक प्रोग्राम है. एसएसए शिक्षक दिल्ली शिक्षा निदेशालय और दिल्ली की तीनों नगर निगमों के स्कूलों में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं. इनका कॉन्ट्रैक्ट 1 जुलाई से शुरू होकर 10 मई तक चलता है.


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दिल्ली के शिक्षकों की सैलरी को लेकर कई तरह की समस्याएं हैं. इसके पहले जून में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) के आदेश के बाद एमसीडी के शिक्षकों के तीन महीने की बकाया सैलरी मिली थी.

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नया कॉन्ट्रैक्ट शुरू नहीं होने की वजह से इन शिक्षकों और इनके परिवार को गंभीर समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है. दरअसल, एसएसए के शिक्षकों के वेतन के लिए केंद्र और राज्य दोनों जगह से फंडिंग आती है. इसके लिए केंद्र 60% और राज्य 40% फंड देता है.

एसएसए की एक शिक्षिका रिया सेहरावत ने कहा, ‘पिछले कई सालों से ऐसा होता आया है लेकिन महामारी के दौर में हम एक तरह से बेरोज़गार बन गए हैं.’

एसएसए के एक शिक्षक महेंद्र सिंह मीणा के मुताबिक इस साल दिल्ली के फंड को एमएचआरडी ने ये कहकर रोक दिया है कि जब तक अरविंद केजरीवाल सरकार अपने यहां शिक्षकों के खाली पद नहीं भरेगी तब तक फंडिंग नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली में शिक्षकों के काफ़ी सारे पद ख़ाली हैं.


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एसएसए के शिक्षकों के मुताबिक जब वो रिन्यूवल के लिए अपने डिपार्टमेंट जाते हैं तो डिपार्टमेंट वाले कहते हैं केंद्र से बजट नहीं मिला और एमएचआरडी का कहना है कि पहले राज्य सरकार शिक्षकों के खाली पदों को भरे फिर हम बजट देंगे.

जवाब में शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि दिल्ली सरकार जब रिक्त पदों को भर लेगी तब मंत्रालय से फ़ंडिंग जारी कर दी जाएगी.

ख़बर प्रकाशित होने के बाद जवाब आया है जिसके बाद इसे अपडेट किया गया है.

 

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