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दिल्ली सरकार ने पैरेंट्स को दी राहत, बिना TC के भी हो सकेगा सरकारी स्कूलों में बच्चों का एडमिशन

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जो पैरेंट्स प्राइवेट स्कूलों की फीस नहीं चुका पा रहे हैं वे अपने बच्चों को दिल्ली सरकार स्कूलों में लाएं, यहां अब व्यवस्था अच्छी है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस करते मनीष सिसोदिया | Aap twitter

नई दिल्ली: दिल्ली के डिप्यूटी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कोरोना के कारण मुश्किल झेल अभिभावकों को अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों से निकालकर दिल्ली सरकार के स्कूलों में एडमिशन कराने को कहा. सिसोदिया ने कहा जो प्राइवेट स्कूल बच्चों की टीसी नहीं दे रहे उनका एडमिशन हम बिना टीसी का करेंगे और उनकी टीसी लाने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की होगी.

उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि कोरोना की वजह से लोगों को रोजगार छिन गए हैं, नौकरी गई है. लोग बड़ी परेशानी झेल रहे हैं. ऐसे में पैरेंट्स के पास फीस देने की समस्या आ गई है. हालांकि हमने प्राइवेट स्कूलों की फीस नहीं बढ़ने दी, इस पर लगाम लगाकर रखी है, ताकि वह ट्यूशन फीस ही चर्चा करें.

सिसोदिया ने कहा इसे कोर्ट में चुनौती दी गई, कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को राहत दी है. इस राहत की आड़ पता चल रहा कि प्राइवेट स्कूल फीस बढ़ाने को लेकर फिर मनमानी कर रहे हैं. फीस बढ़ रही है. बच्चों को निकालने की धमकी दी जा रही है. उन्होंने कहा जिन बच्चों के अभिभावकों को फीस देने में दिक्कतें आ रही हैं उनसे गुजारिश है कि आप दिल्ली सरकार के उस्कूलों में अपने बच्चों को एडमिशन कराएं. सरकारी स्कूलों की व्यवस्था अब अच्छी हो गई है.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कई अभिभावक भी हैं जो कि मानते हैं कि सरकारी स्कूलोंं की व्यवस्था अब अच्छी हो गई है. वे अपने बच्चों का सरकारी स्कूलों में एडमिशन कराना चाहते हैं, लेकिन निजी स्कूल बच्चों की टीसी नहीं दे रहे हैं. बहुत सारे पैरेंट्स ने इसकी शिकायत की है.

मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमने अब यह तय किया है कि जो बच्चे प्राइवेट स्कूलों से निकलकर गवर्नमेंट स्कूलों में आना चाहते हैं उन बच्चों का टीसी की वजह से उसका एडमिशन नहीं रुकेगा. टीसी का मामला शिक्षा विभाग देख लेगा. टीसी सरकार लेकर आएगी, यह कानूनी प्रक्रिया है. उन बच्चों का एडमिशन हम बिना टीसी का करेंगे.

सिसोदिया ने आंकड़ा दिया कि अभी तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों में एडमिशन के लिए नर्सरी, केजी से लेकर क्लास 1 तक के बच्चों 28 हजार के एप्लीकेशन मिल चुके हैं. 12वीं के छात्रों के 98 हजार अप्लीकेशन मिल चुके हैं.

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