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सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया केस में दो दोषियों की याचिका खारिज की, 22 जनवरी को सभी को फांसी तय

2012 में दिल्ली में निर्भया गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दो दोषियों- विजय कुमार शर्मा और मुकेश सिंह की क्यूरेटिव (सुधारात्मक) याचिका को खारिज कर दिया.

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भारतीय सुप्रीम कोर्ट, फाइल फोटो | गेटी इमेजेज़

नई दिल्ली: 2012 में दिल्ली में निर्भया गैंगरेप मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दो दोषियों- विजय कुमार शर्मा और मुकेश सिंह की क्यूरेटिव (सुधारात्मक) याचिका को खारिज कर दिया. जिससे अब सभी चारों दोषियों को 22 तारीख को फांसी दिया जाना तय हो गया है.

न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने मौत की सजा पाने वाले चार मुजरिमों में से विनय शर्मा और मुकेश कुमार की सुधारात्मक याचिकायें खारिज कर दीं.

इन दोनों मुजरिमों की सुधारात्मक याचिका पर न्यायाधीशों के चैंबर में कार्यवाही की गयी. अदालत ने इस मामले के चारों मुजरिमों को 22 जनवरी को सवेरे 7 बजे तिहाड़ जेल में मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाने के लिए आवश्यक वारंट जारी किया था.

इसके बाद विनय और मुकेश ने सुधारात्मक याचिका दायर की थी.

सामूहिक बलात्कार पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा, ‘यह मेरे लिए बहुत बड़ा दिन है. मैं पिछले 7 सालों से संघर्ष कर रहा थी लेकिन सबसे बड़ा दिन 22 जनवरी होगा जब उन्हें (दोषियों को) फांसी दी जाएगी.’

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मौत की सजा पाने वाले अन्य दो दोषियों अक्षय और पवन गुप्ता ने समीक्षा याचिका दायर नहीं की थी.

इससे पहले उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ निर्भया मामले में मौत की सजा पाने वाले चार में से दो दोषियों की ओर से दायर समीक्षा याचिका पर 14 जनवरी को सुनवाई तय की थी.

दिल्ली की अदालत ने 7 जनवरी को चारों दोषियों मुकेश (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) का डेथ वॉरंट जारी किया था. अदालत ने चारों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी देने का आदेश दिया है.

तिहाड़ में डमी पर किया गया फांसी देने का अभ्यास

इससे पहले निर्भया मामले में फांसी की सजा पाए चारों दोषियों को फंदे से लटकाने का अभ्यास तिहाड़ जेल में डमी पर किया गया. जेल अधिकारियों ने यह जानकारी दी थी.

जेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि दोषियों के वजन के मुताबिक ही डमी बनाई गई थी. डमी के बोरे में मलबा और पत्थर भरे थे. उन्होंने बताया कि दोषियों को जेल संख्या तीन में फांसी दी जाएगी. उप्र जेल प्रशासन ने पुष्टि कर दी है कि चारों दोषियों को फांसी देने के लिए मेरठ से पवन जल्लाद को भेजा जाएगा.

तिहाड़ जेल प्रशासन ने उप्र जेल प्रशासन से दो जल्लाद भेजने का अनुरोध किया है. चारों दोषियों को एक ही वक्त पर फांसी दी जाएगी.

अधिकारियों ने बताया कि जेल के अधिकारी दोषियों से नियमित संवाद कायम रख रहे हैं ताकि उनका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा बना रहे.

इस बर्बर कांड के एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. जबकि एक अन्य दोषी नाबालिग था और तीन साल तक सुधार गृह में रहने के बाद उसे रिहा कर दिया गया था.

(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)

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