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स्वर्ण मंदिर बेअदबी मामले की जांच के लिए SIT गठित, सीएम ने किया घटनास्थल का दौरा

शनिवार को आरोपी स्वर्ण मंदिर में रेलिंग को पार कर पवित्र स्थान पर पहुंच गया था और वहां पर रखी तलवार को उठा ग्रंथी के पास पहुंचा जहां पर वह गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ कर रहे थे.

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने किया स्वर्ण मंदिर का दौरा | फोटो: ANI

अमृतसर: पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में कथित बेअदबी करने की कोशिश की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. वहीं, पुलिस बेअदबी का प्रयास करने के आरोप में पिटाई से मारे गए व्यक्ति की पहचान करने की कोशिश कर रही है.

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी घटना के बाद रविवार को स्वर्ण मंदिर पहुंचे.

जिसके बाद उन्होंने कहा कि ‘हम राज्य के लोगों से सभी धार्मिक जगहों का सम्मान करने और उनकी रक्षा करने, सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील करते हैं. हो सकता है कि विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही कुछ बुरे तत्व इसकी वजह बन रहे हों. हमारी एजेंसियां ​​जांच कर रही हैं

वहीं, इस बारे में पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अमृतसर में जिला उपायुक्त, पुलिस आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक (सीमा रेंज), अमृतसर ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की.

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रंधावा ने बताया कि पुलिस उपायुक्त (कानून व्यवस्था) के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है और दो दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि सिखों के सबसे पवित्र स्थल की ‘परिक्रमा’ में आरोपी ने कुछ घंटे बिताए थे. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘वह यहां लक्ष्य के साथ आया था.’

अमृतसर के पुलिस आयुक्त सुखचैन सिंह गिल ने रविवार को बताया कि अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ शनिवार रात भारतीय दंड संहिता की धारा-295ए (धार्मिक समूहों में द्वेष उत्पन्न करना), धारा-307 (हत्या की कोशिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

उन्होंने बताया कि स्वर्ण मंदिर में लगे सभी कैमरों की तस्वीर ले ली गई हैं और आरोपी के बारे में सूचना एकत्र करने के लिए उनकी जांच की जा रही है.

गिल ने बताया कि तस्वीर से पता चलता है कि आरोपी शनिवार पूर्वाह्न 11 बजे स्वर्ण मंदिर में आया और कुछ घंटे तक अकाल तख्त के सामने सोया. उन्होंने बताया कि घटना शाम छह बजे हुई और उसने अपराध को अंजाम देने से पहले कई घंटे स्वर्ण मंदिर में ही बिताए.

गौरतलब है कि शनिवार को आरोपी स्वर्ण मंदिर में रेलिंग को पार कर पवित्र स्थान पर पहुंच गया था और वहां पर रखी तलवार को उठा ग्रंथी के पास पहुंचा जहां पर वह गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ कर रहे थे.

इस घटना से हरकत में आए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के कार्यबल सदस्यों ने उसे पकड़ा. जब उसे एसपीजीसी के कार्यालय ले जाया जा रहा था तब आक्रोशित ‘संगत’ ने उसकी बुरी तरह से पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई.

रंधावा ने कहा कि वह पहले ही घटना के बाद एसजीपीसी अध्यक्ष और अकाल तख्त जत्थेदार से बात कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि अबतक आरोपी की पहचान नहीं हो सकी है.

उप मुख्यमंत्री ने बताया,‘आरोपी के पास से मोबाइल फोन,पर्स, पहचान पत्र या आधार कार्ड नहीं मिला है. यह पता चला है कि वह पूर्वाह्न 11 बजे स्वर्ण मंदिर में दाखिल हुआ और घटना को अंजाम देने से पहले घंटों परिसर में रहा.’

राज्य के गृह विभाग की जिम्मेदारी भी संभाल रहे रंधावा ने बताया कि आसपास और शहर में लगे अन्य सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है ताकि पता लगाया जाए सके कि वह अमृतसर कहां से आया और स्वर्ण मंदिर कैसे पहुंचा.

गिल ने कहा कि ‘पहली प्राथमिकता’ आरोपी की पहचान सुनिश्चित करना है और पुलिस सीसीटीवी से यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसके साथ कोई और भी तो नहीं था.

पुलिस आयुक्त ने कहा कि मृतक का पोस्टमॉर्टम कराया गया है और विसरा सुरक्षित रख लिया गया है ताकि यह पता लगाया जाए सके कि कहीं वह नशे में तो नहीं था.

रंधावा ने बताया कि एसजीपीसी अधिकारियों से बातचीत के दौरान सुझाव आया कि एसजीपीसी कार्यबल की अपनी खुफिया इकाई होनी चाहिए.


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