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कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने के लिये एम्स में परीक्षण के तौर पर उपयोग होगा रोबोट

एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा, ‘मिलाग्रो फ्लोर रोबोट आईमैप9.0 और मिलाग्रो ह्यमनोआइड का परीक्षण के तौर पर उपयोग दिल्ली के एम्स में किया जाएगा.’

मिलाग्रो आईमैप9 फर्श/ मिलाग्रो

नईदिल्ली: रोबोट और प्रौद्योगिकी उत्पाद बनाने वाली कंपनी मिलाग्रो ने मंगलवार को कहा कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के बीच कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये परीक्षण के तौर पर उसके दो रोबोट का उपयोग अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में किया जाएगा.

मिलाग्रो ने एक बयान में कहा कि मिलाग्रो आईमैप 9 फर्श को स्वच्छ और संक्रमण मुक्त करने वाला रोबोट है. इसमें किसी व्यक्ति की जरूरत नहीं पड़ती. यह आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) की सिफारिश के अनुसार सोडियम हाइपोक्लोराइट समाधान का उपयोग कर फर्श के जरिये कोरोनावायरस संक्रमण के खतरे को समाप्त करता है.

वहीं मिलाग्रो ह्यमनोआइड ईएलएफ डाक्टरों को कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों से दूर रहकर बातचीत की सुविधा उपलब्ध कराता है. इससे संक्रमण फैलने का जोखिम बहुत कम हो जाता है.

एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा, ‘मिलाग्रो फ्लोर रोबोट आईमैप9.0 और मिलाग्रो ह्यमनोआइड का परीक्षण के तौर पर उपयोग दिल्ली के एम्स में किया जाएगा.’

मिलाग्रो के संस्थापक चेयरमैन राजीव करवाल ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने में मदद के लिये कंपनी काफी खुश है और वास्तविक स्थिति को लेकर प्रतिक्रया के आधार पर और उत्पादों का विकास किया जाएगा.

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