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पंजाब सरकार का फैसला, कोविड मरीजों को मुफ्त भोजन और मजदूरों की मिलेगा 3 हजार रुपये भत्ता

शुक्रवार से कोविड से पीड़ित गरीब और वंचित लोग निशुल्क पके हुए खाने के लिए 181 और 112 पर फोन कर सकते हैं जो पंजाब पुलिस के जरिए उनके घर पहुंचाया जाएगा.

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पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, फाइल फोटो | फेसबुक

चंडीगढ़ः पंजाब सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में रहने वाले कोरोनावायरस से संक्रमित गरीब मरीजों को निशुल्क पका हुआ भोजन दिया जाएगा जबकि रजिस्टर्ड मजदूरों को तीन हजार रुपये गुजर-बसर भत्ता दिया जाएगा. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में यहां हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस बारे में फैसला लिया गया है.

राज्य सरकार की विज्ञप्ति में बताया गया है कि शुक्रवार से कोविड से पीड़ित गरीब और वंचित लोग निशुल्क पके हुए खाने के लिए 181 और 112 पर फोन कर सकते हैं जो पंजाब पुलिस के जरिए उनके घर पहुंचाया जाएगा.

पहल की घोषणा करते हुए सिंह ने कहा, ‘हम पंजाब में किसी को भी भूखे पेट नहीं सोने देंगे.’ प्रदेश के पुलिस प्रमुख दिनकर गुप्ता ने कहा कि विभाग इस मकसद के लिए ऐसे किचन और डिलिवरी एजेंटों के साथ गठजोड़ कर रहा है. एक अन्य फैसले में, मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि भवन एवं अन्य निर्माण कर्मी बोर्ड (बीओसीडब्ल्यू) कल्याण बोर्ड में पंजीकृत सभी पंजीकृत निर्माण मजदूरों को तीन हजार रुपये का गुजर-बसर भत्ता या नकद सहायता मिलेगी.

सिंह बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने कहा कि तीन हजार रूपये के इस भत्ते को 1500-1500 रुपये की दो किस्तों में दिया जाएगा और पहली किस्त तत्काल जारी की जाएगी तथा दूसरी किस्त 15 जून तक जारी की जाएगी.

राज्य सरकार ने महामारी की पहली लहर के दौरान भी निर्माण मजदूरों को इसी तरह की मदद दी थी.

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राज्य सरकार ने तब बोर्ड में पंजीकृत 2.91 लाख मजदूरों को छह-छह हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी थी जिस पर कुल 174.31 करोड़ रुपये का खर्च आया था.

इन मजदूरों की जीविका पर कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लगाई गई पाबंदियों और परामर्शों की वजह से काफी असर पड़ा है.

सिंह ने शुक्रवार से सरकारी और निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य कर्मियों के परिजनों के लिए 18-44 आयु समूह में टीकाकरण शुरू करने का ऐलान किया. साथ में पहले से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए भी टीकाकरण शुरू करने की घोषणा की है.

12 मई को खत्म हुए हफ्ते में राज्य की संक्रमण दर 14.2 प्रतिशत है.

इससे पहले, राज्य सरकार 18 वर्ष तथा इससे अधिक उम्र के निर्माण मजदूरों के लिए पहले ही टीकाकरण अभियान शुरू कर चुकी है.


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