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सीएए महात्मा गांधी की भावना के अनुरूप है, इसका विचार उन्हीं से प्रेरित: नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री ने रामलीला मैदान में रैली के दौरान घुसपैठिए और शरणार्थी का फर्क समझाने की कोशिश की और पूछा कि घुसपैठिए अपनी असली पहचना क्यों नहीं बताते हैं?

नई दिल्ली: दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई ‘धन्यवाद रैली’ में पीएम मोदी ने कहा कि सीएए कानून इस सरकार के नहीं बल्कि महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि जब पाकिस्तान के हिंदू और सिख भारत आना चाहे तो आ सके हैं. ये सरकार उसी वादे को निभा रही है.

इस दौरान उन्होंने गांधी सरनेम का ग़लत इस्तेमाल कर रहे गांधी परिवार पर भी बिना नाम लिए हमला किया और कहा कि इस सरनेम का ग़लत इस्तेमाल करने वाले गांधी के कहे को भी नहीं मानने को तैयार. उन्होंने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का उल्लेख करते हुए कहा, ‘जो मनमोहन सिंह ने कहा था अगर मैं कर रहा हूं तो इसमें ग़लत क्या है. सिंह ने कहा था कि बांग्लादेश में सताए हुए अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलनी चाहिए.’

उन्होंने आगे कहा कि यही बात एक समय असम में कांग्रेस के सीएम रहे तरुण गोगोई ने भी कही थी. उन्होंने दावा किया कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी शर्णानर्थियों के लिए रियायत की बात की थी. उन्होंने गहलोत को एक परिवार का करीबी नेता बताया और कहा कि केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद शर्णार्थियों के लिए हमदर्दी इनके पेट का दर्द बन गई है.

इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर हमला करते हुए कहा, ‘अभी विरोध कर रहीं ममता दीदी एक समय बंग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने की वकालत करती थीं.’ उन्होंने सवाल किया, ‘ममता दीदी, अब आप क्यों बदल गईं…आप क्यों अफ़वाह फ़ैला रही हो. बंगाल के नागरिकों का भरोसा आपसे क्यों उठ गया है?’

उन्होंने कहा कि एक समय रेग्युलर ड्रिल के दौरान फ़ौज पर सवाल उठाते हुए ममता बनर्जी ने तब कहा था, ‘मोदी की सेना बंगाल में आ गई है!’ उन्होंने इस दौरान दावा किया कि सीपीआई के प्रकाश करात ने भी एक समय इस मुद्दे का समर्थन किया था लेकिन अभी के विरोध से इनके वोट बैंक की राजनीति सबके सामने आ गई.

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इस दौरान उन्होंने मीडिया पर भी हमला करते हुए कहा कि जो चीज़ है ही नहीं उस पर अफ़वाह क्यों फ़ैलाई जा रही है.


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पीएम मोदी ने कहा कि भारत के मुसलमानों पर ना तो एनआरसी लागू होगा और ना ही सीएए. किसी को डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा. भारत में कोई डिटेंशन सेंटर है ही नहीं. उन्होंने कहा कि ये जो कानून लाया गया है जो वर्षों से भारत में रह रहे हैं, बाहर से आए लोगों को इसका लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के प्रताड़ित लोगों को इसका लाभ मिलेगा.

पीएम ने दावा किया कि पाकिस्तान से जो लोग आए हैं उनमें सबसे ज़्यादा दलित शामिल हैं. उन्हें वहां बंधुआ मज़दूर बनकर रहना पड़ता है. उन्होंने आरोप लगाए कि दलितों को वहां चाय के साथ बर्तन का पैसा देना होता है और बर्तन साथ ले जाना पड़ता है. उन्होंने इस दौरान जबरन धर्मांतरण और लड़कियों की जबरन शादी करवाए जाने का भी मुद्दा उठाया.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने अल्पसंख्यकों के साथ क्या करता है सीएए इसे सबके सामने लाने का मौक़ा था और उन्होंने सवाल किया कि दलित और बाकी तरह की राजनीति करने का दावा करने वाले लोग ने ऐसा मौका क्यों गंवाया और अब तक वो क्या कर रहे थे?

उन्होंने दिल्ली स्थित मजनू के टीला का ज़िक्र करते हुए कहा कि वहां एक बच्ची का जन्म हुआ और परिवार वालों ने उसका नाम नागरिकता रखा. उन्होंने पूछा कि अगर इस बच्ची का जीवन बेहतर होगा तो क्या दिक्कत है?

इस दौरान उन्होंने घुसपैठिए और शरणार्थी का फर्क समझाने की कोशिश की और पूछा कि घुसपैठिए अपनी असली पहचान क्यों नहीं बताते हैं?

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