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लखनऊ में सीएए को लेकर हिंसा पर एक्टिविस्ट, कांग्रेस सदस्य सदफ जाफर पर 18 गंभीर आरोप

जाफर लखनऊ में 19 दिसंबर की हिंसा के लिए गिरफ्तार किए गए 150 व्यक्तियों में से एकमात्र महिला थीं. उनकी बहन का आरोप है कि उन्हें बेरहमी से पीटा गया था.

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सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस सदस्य सदफ जाफर | फेसबुक

लखनऊ : बीते 19 दिसंबर को लखनऊ में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान जबर्दस्त उपद्रव हुआ जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफर, पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी समेत 150 से अधिक लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस नेता सदफ जाफर की गिरफ्तारी उस समय हुई जब वह इस प्रोटेस्ट के बाद हुए उपद्रव का फेसबुक लाइव कर रही थीं. अब उन पर दंगा भड़काने, पब्लिक प्राॅपर्टी को नुकसान पहुंचाने समेत 18 धाराएं लगा दी गई हैं.

 

सदफ की बहन नाहिद वर्मा ने एक फेसबुक पोस्ट की जिसमें सदफ के 19 दिसंबर से गायब होने की सूचना दी. दिप्रिंट से बातचीत में नाहिद ने बताया कि वे उनकी जमानत की कोशिश कर रही हैं. सदफ से मिलने जेल गई थीं. उन्होंने बताया कि उन्हें बुरी तरह पीटा गया है. लखनऊ के परिवर्तन चौक पर जब शरारती तत्वों ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू किया तो उन्होंने इसे फेसबुक पर लाइव कर दिया. जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया तो भी वह लाइव थीं. इनमें से एक वीडियो में वह यह कहती दिख रही हैं यहां तो पुलिस और प्रदर्शनकारियों में मिलीभगत है. जो लोग पत्थर फेंक रहे हैं पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है.

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इस वीडियो के अंत में साफ देखा जा सकता है कि फेसबुक लाइव करते वक्त उनकी गिरफ्तारी हुई है.

जफर पुलिस वालों से कहती दिख रही हैं. आप उन्हें रोक क्यों नहीं रहे हैं? जब लोग पत्थर फेंक रहे हैं आप खड़े होकर तमाशा देख रहे हैं. हेल्मेट का क्या इस्तेमाल है. आप लोग कुछ क्यों नहीं कर रहे हैं.

अगले वीडियो में जब एक पुलिस वाला उन्हें गिरफ्तार करने आ रहा है तो वह कह रही हैं आप मुझे क्यों अरेस्ट कर रहे हैं. उन लोगों को अरेस्ट कीजिये जो पत्थर फेंक रहे हैं. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है.

सदफ जफर पर दर्ज की गई एफआईआर 34वें नंबर पर.

कौन हैं सदफ जाफर

सदफ लखनऊ की जानी मानी सोशल एक्टिविस्ट और यूपी कांग्रेस की मीडिया पैनेलिस्ट हैं. वह लंबे समय तक लखनऊ के एक निजी स्कूल में शिक्षक भी रही हैं. सोशल मीडिया पर वे अक्सर तमाम मुद्दों पर योगी सरकार के खिलाफ काफी मुखर रहती हैं. इसके अलावा सोशल एक्टिविस्ट के तौर पर तमाम विरोध प्रदर्शनों का भी हिस्सा रहती है.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने दप्रिंट को बताया कि कांग्रेस की लीगल सेल सदफ की बेल की लगातार कोशिश कर रही है. लल्लू के मुताबिक, ‘सदफ की गिरफ्तारी सरासर गलत है. वे शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट कर रही थीं. उनकी बेल के लिए हमने लीगल सेल से प्रदीप सिंह और गंगा सिंह को लगाया हुआ है.’

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ट्वीट कर लिखा है, ‘हमारी महिला कार्यकर्ता को तुरंत रिहा करिए.

कई अन्य एक्टिविस्ट भी गिरफ्तार

लखनऊ के ही एक अन्य सोशल एक्टिविस्ट दीपक कबीर को भी गिरफ्तार कर लिया गया. दीपक लखनऊ के जाने माने थिएटर आर्टिस्ट और कवि हैं. वे कबीर फेस्टिवल नाम का कल्चरल कार्यक्रम हर साल कराते हैं. दीपक की पत्नी वीना राणा ने फेसबुक पर लिखा कि दीपक कबीर सुबह से गायब हैं, कुछ पता नहीं चल रहा.

इसके बाद लखनऊ पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किए गए उपद्रव के आरोपियों की तस्वीरें जारी की जिसमें दीपक कबीर की भी तस्वीर थी.

पुलिस का तर्क

लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने मीडिया को बताया कि करीब 150 लोगों को गिरफ्तार किया है. एसएसपी ने बताया कि हसनगंज में तीन, हजरतगंज में दो, ठाकुरगंज में चार और कैसरबाग में दो एफआईआर दर्ज करवाई गईं हैं. यह संख्या अभी और बढ़ेगी. एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक, वीडियो रिकॉर्डिंग और सीसीटीवी फुटेज को देखने के लिए एक टीम को लगाया है. इसके अलावा सोशल मीडिया पर वायरल हुए फोटो और वीडियो को भी देखा जा रहा है. सोशल मीडिया पर चल रहीं पोस्ट्स को भी मॉनिटर किया गया. इन सभी चीजों के आधार पर लोगों की गिरफ्तारियां हुईं हैं.

सीएम योगी ने दिए थे कड़ी कार्रवाई के निर्देश

लखनऊ में हुए उपद्रव के बाद सीएम योगी ने पुलिस को उपद्रवियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे. उन्होंने एएनआई से कहा था- सभी उपद्रवी चिन्हित किए जा रहे हैं, सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के द्वारा उपद्रवियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी.

उपद्रवियों की संपत्ति जप्त कर सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान का हर्जाना वसूला जाएगा. उपद्रवियों से निपटने के लिए प्रशासन को पूरी छूट दी गई है.

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