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13 प्वाइंट रोस्टर के विरोध में जंतर मंतर पर विपक्षी दलों का हल्ला बोल

13 प्वाइंट रोस्टर देश के विश्वविद्यालयों की नौकरियों में आरक्षण लागू करने का नया तरीका है. इसके विरोध में जंतर मंतर पर विपक्षी दलों ने धरना प्रदर्शन किया.

13 प्वाइंट रोस्टर के विरोध में मंच पर मौजूद विपक्षी दलों के नेता | फोटो शुभम सिंह

नई दिल्लीः ‘मैं मंच पर बैठे अपने वैचारिक साथियों से, नेताओं से और प्रोफेसरों से अपील करूंगा कि अब 7.5 फीसदी ,15 फीसदी और 27 फीसदी की लड़ाई छोड़ो. अब लड़ाई लड़नी है 85 फीसदी की.’ सपा नेता धर्मेंद्र यादव के इस हुंकार के बाद जंतर मंतर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता है. इतने में भीड़ में कुछ हलचल होती है.

एक नेता अपने साथियों के साथ मंच की ओर आता दिखाई देता है. तभी पास में खड़े हरियाणा से आए चित्रपाल अपने बगल वाले से कहते हैं, ‘ये लालू का छोरा है. इससे उम्मीद है.’

वो ‘छोरा’ कुछ सेकंड में ही मंच पर पहुंचता है. और माइक हाथ में पकड़ते ही सभा में आए लोगों का धन्यवाद करते हुए पूरे आत्मविशवास के साथ बोलता है, ‘जो मौजूदा सरकार है, वो पूरी तरीके से दलित विरोधी है, संविधान विरोधी है और आरक्षण विरोधी है. ये लोग चाहते हैं कि बाबा साहब के लिखे हुए संविधान को मिटा कर नागपुरिया कानून, जो इनके बाबा गोलवलकर ने किताब लिखने का काम किया था ‘बंच ऑफ थाट्स’ का, उस किताब को संविधान की जगह लागू किया जाए. मैं इनको बता देना चाहता हूं कि किसी माई के लाल में दम नहीं कि आप हमसे हमारा आरक्षण छीन लेंगे.’

और इसके बाद चारों तरफ एक ही नारा गूंजने लगता

‘जय भीम, जय भीम,

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जय जय जय जय, जय भीम’

राष्ट्रीय जनता दल के नेता व बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने लगभग 8 मिनट के भाषण में केंद्र की सत्ता पर काबिज मोदी सरकार को घेर रहे थे. मौका था उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू किए जाने वाले 13 प्वाइंट रोस्टर के विरोध का. आपको बता दें रोस्टर पर हालिया विवाद 22 जनवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आए उस फैसले के बाद शुरू हुआ है जब कोर्ट ने 200 प्वाइंट रोस्टर पर मानव संसाधन मंत्रालय (एमएचआरडी) और यूजीसी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था. इससे यह सपष्ट हो गया कि 5 मार्च 2018 को जारी 13 प्वाइंट रोस्टर अब सभी विश्वविद्यालयों में लागू हो गया है. आज इसके विरोध में दिल्ली में मंडी हाउस से संसद मार्ग तक पैदल यात्रा निकाली गई. जिसमें विभिन्न दलों के नेताओं सहित जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन (जेनुटा) और दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डूटा) ने हिस्सा लिया.

जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन | शुभम सिंह

दरअसल, 13 प्वाइंट रोस्टर देश के विश्वविद्यालयों की नौकरियों में आरक्षण लागू करने का नया तरीका है. 13 प्वाइंट रोस्टर के तहत विश्वविद्यालय को एक यूनिट मानने के बजाय उसके संबधित विभाग को यूनिट माना गया. इस नियम के तहत अगर किसी यूनिवर्सिटी के किसी डिपार्टमेंट में वैकेंसी आती है, तो उसमें पहला, दूसरा और तीसरा पद अनारक्षित होगा. फिर चौथा पद ओबीसी कैटेगरी के लिए उसके बाद पांचवां और छठां पद फिर से अनारक्षित रहेगा. इसके बाद 7वां पद अनुसूचित जाति के लिए, 8वां पद ओबीसी, फिर 9वां, 10वां, 11वां अनारक्षित रहेगा. 12वां पद ओबीसी के लिए, 13वां फिर सामान्य वर्ग के लिए और 14वां पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होगा.

मंच पर मौजूद लोगों में वर्तमान सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री रहे और आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, रोस्टर के मुद्दे पर मौजूदा सरकार के मौन से ओबीसी, एससी और एसटी के लोगों का नुकसान हो रहा है. ऐसी परिस्थिति मेंं सरकार तुरंत बिल लाए और एक्ट बनाए, जिससे उच्च शिक्षण संस्थान के शिक्षकों को आरक्षण का लाभ मिल सके.’

कुशवाहा के बाद मंच पर आए भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’. उनके हाथ में माइक थामते ही देश के विभिन्न जगहों से आए छात्रों ने उत्साह में नारे लगाने शुरू कर दिए. अपने एक मिनट से भी कम समय के उद्बोधन में वे बोलते हैं, ‘हम जमीन के आदमी है और जमीन की लड़ाई लड़ना जानते हैं. सरकार कितना भी जोर लगाए हम अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहेंगे. अगर जरूरत पड़ी तो 2 अप्रैल की तरह भारत बंद एक बार नहीं, एक हजार बार करेंगे. कोई हमारे अधिकार छीनने का काम करेगा, हम उसे उसकी अौकात दिखाने का काम करेंगे.’

मंच से भीड़ को संबोधित करने आए नेता अपनी बात को बहुत ही कम समय में लेकिन बेहद प्रभावी ढंग से पूरा कर रहे थे. राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष केशव चंद्र यादव ने कहा, ‘मैं नेताओं को से यह आह्वान कर रहा कि इस मंच के अलावा संसद में भी अपनी आवाज को बुलंद करें. सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों को साथ आना होगा.’

भाषण शुरू हुए लगभग डेढ़ घंटा बीत चुका है. यूपी और बिहार के प्रमुख विपक्षी नेता अपना-अपना संबोधन कर चुके है. ऐसे में देश की राजधानी में हो रहे इस प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया भी पहुंचते हैं.

इस मुद्दे पर अपना समर्थन देते हुए वे कहते हैं, ‘वर्तमान समय में कमेस्ट्री हमारे पक्ष में है, लेकिन मैथमेटिक्स पक्ष में नहीं है. हमें उम्मीद है कि आगामी चुनाव के बाद लोकसभा और राजयसभा में मैथमेटिक्स भी हमारे पक्ष में होगा. ‘

मंच पर मौजूद अन्य नेताओं में गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवानी, राष्ट्रीय जनता दल की नेता मिसा भारती, सीपीआई नेता डी राजा, आदि शामिल थे. सबने 13 प्वाइंट रोस्टर को संविधान से छेड़छाड़ का मुद्दा बताया और वर्तमान सरकार से रोस्टर को खत्म करते हुए अध्यादेश लाकर पुरानी व्यवस्था को फिर से बहाल कराने की मांग की.

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