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काशी महाकाल एक्सप्रेस में खुद रेलवे उड़ा रहा है नियमों की धज्जियां, भगवान शिव के लिए की एक सीट आरक्षित

भारतीय रेलवे के नियमानुसार यदि कोई भी यात्री किसी भी कोच में माचिस या फिर किसी भी ज्वलनशील पदार्थ का उपयोग करता है तो उसपर जुर्माने का कानून है. लेकिन इस ट्रेन में रेलवे अपने नियमों का उल्लघंन कर रहा है.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वाराणसी से जिस काशी महाकाल एक्सप्रेस को रवाना किया उसमें एक सीट भगवान शिव के लिए भी आरक्षित की गई है. श्रद्धालुओं को यह एक्सप्रेस दो राज्यों के तीन ज्योतिर्लिंगों की यात्रा कराएगा.

भगवान शिव के लिए आरक्षित की गई सीट पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम नरेंद्र मोदी को टैग करके उन्हें संविधान के प्रस्तावना की याद दिलाई है. संभव है कि इस ट्वीट के जरिए ओवैसी संविधान की प्रस्तावना में मौजूद धर्मनिरपेक्षता और समानता जैसी बातों की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित करना चाह रहे हों.

https://twitter.com/asadowaisi/status/1229197919540002818

ट्रेन में भगवान शिव के लिए सीट आरक्षित करने के नए विचार के बाद रेलवे प्रशासन इस पर विचार कर रहा है कि ट्रेन में स्थायी तौर पर ‘भोले बाबा’ के लिए एक सीट आरक्षित की जाए. यह ट्रेन इंदौर के पास ओंकारेश्वर, उज्जैन में महाकालेश्वर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ को जोड़ेगी.

उत्तरी रेलवे के लिए प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया कि कोच संख्या बी5 की सीट संख्या 64 भगवान के लिए खाली की गई है. रेलवे ने आईआरसीटीसी संचालित तीसरी सेवा शुरू की है. यह ट्रेन उत्तर प्रदेश के वाराणसी से मध्य प्रदेश के इंदौर तक जाएगी.

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कुमार ने कहा, ‘ऐसा पहली बार हुआ है जब एक सीट भगवान शिव के लिए आरक्षित और खाली रखी गई है.’ उन्होंने कहा, ‘सीट पर एक मंदिर भी बनाया गया है ताकि लोग इस बात से अवगत हों कि यह सीट मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल के लिए है.’

कुमार ने कहा कि ऐसा स्थायी तौर पर करने के लिए विचार किया जा रहा है. वाराणसी से इंदौर के बीच सप्ताह में तीन बार चलने वाली इस ट्रेन में भक्ति भाव वाली हल्की ध्वनी से संगीत बजेगा और प्रत्येक कोच में दो निजी गार्ड होंगे और यात्रियों को शाकाहारी खाना परोसा जाएगा.

भारतीय रेलवे के नियमानुसार यदि कोई भी यात्री किसी भी कोच में माचिस या फिर किसी भी ज्वलनशील पदार्थ का उपयोग करता है तो उसपर जुर्माने का कानून है. लेकिन यहां खुद रेलवे अपने ही नियमों का उल्लघंन करता हुआ दिखाई दे रहा है. ट्रेन में ज्वलनशील पदार्थ या फिर माचिस जलाए जाने पर ट्रेन में भगवान शिव का सीट आरक्षित किए जाने और उसमें पूजा पाठ, दिया बाती किए जाने को लेकर बहस छिड़ गई है.

दिप्रिंट ने इस मामले पर जब रेलवे सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया, रेल के कोच में यदि कोई सिगरेट पीते हुए पाया जाता है तो उसपर न्यूनतम 200 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है.’

‘यही नहीं अगर कोई ज्वलनशील पदार्थ का उपयोग करता पाया जाता है तो उसपर केस रजिस्टर किया जाता है और इसकी सुनवाई मजिस्ट्रेट के यहां की जाती है. इसके बाद ही जुर्माने और दंड का प्रावधान है.’ ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यदि खुद रेलवे ऐसा कर रहा है तो उसपर कौन जुर्माना और दंड लगाएगा?

( राहुल संपाल के इनपुट्स के साथ)

1 टिप्पणी

  1. टी आर पी के चक्कर मे न्यूज़ क्यों बनाते हैं ? रेलवे के नियम सही है पैंट्री कर में गैस सिलिंडर का उपयोग करते हैं पर यह जनता को स्वीकृति नही दी जा सकती। जहां दुरुपयोग की आशंका हो वहां नियम होना ही चाहिए।

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