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इरफान खान के परिवार ने आधिकारिक बयान में कहा- ‘ये कोई क्षति नहीं बल्कि एक हासिल है जो उन्होंने हमें सिखाया’

इरफान खान की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी सुतापा और उनके दो बेटों बाबिल और अयान ने परिवार की ओर से आधिकारिक बयान जारी किया है.

इरफान अपनी पत्नी के सुतापा के साथ | फेसबुक

नई दिल्ली: जाने-माने अभिनेता इरफान खान की 29 अप्रैल को कैंसर से लंबी बीमारी के बाद मृत्यु हो गई. उनकी पत्नी सुतापा और उनके दो बेटों बाबिल और अयान ने परिवार की ओर से आधिकारिक बयान जारी किया है.

बयान में उन्होंने लिखा है-

जब पूरा विश्व इसे अपनी व्यक्तिगत क्षति के तौर पर देख रहा है तो मैं कैसे इसे बतौर एक परिवार के रुप में लिख सकती हूं? मैं कैसे अकेला महसूस कर सकती हूं जब लाखों लोग इस घड़ी में हमारे दुख में शरीक हैं? मैं आप सबको आश्वस्त करना चाहती हूं कि ये कोई क्षति नहीं है बल्कि एक हासिल है. ये उन चीज़ों का हासिल है जो उन्होंने हमें सिखाया और अब हम सही मायनों में उन बातों को लागू करेंगे और उसे लेकर आगे बढ़ेंगे. अभी मैं उन खाली चीज़ों को भरने की कोशिश करना चाहती हूं जो लोग नहीं जानते हैं.

यह हमारे लिए विश्वास करने वाला नहीं है लेकिन मैं इरफान के शब्दों में कहना चाहूंगी, ‘ये जादुई है’ वो हमारे साथ रहे या न रहें, यही है जो उन्हें अच्छा लगता था, वो कभी भी एक तरह की सच्चाई पर विश्वास नहीं करते थे. एक ही बात है जिसे लेकर मेरा उनसे असंतोष है वो ये है कि वो मुझसे जिंदगी भर के लिए दूर चला गया है. वो हर चीज में एक लय ढूंढ लेते थे यहां तक शोर और कोलाहल के बीच भी. इसलिए मैंने उन लय और तालों पर गाना और नाचना सीखा है, यहां तक कि अपनी खराब आवाज और पैरों के साथ भी. हमारी जिंदगी अभिनय के लिहाज से मास्टरक्लास थी, इसलिए जब भी नाटकीय ढंग से किसी अनजाने मेहमान की मौजूदगी होती थी, तो मैंने उस दौरान के कोलाहल के बीच शांति पाना सीख लिया था.

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डॉक्टरों की रिपोर्ट किसी स्क्रिप्ट की तरह होती थी जिसे मैं परफेक्ट करना चाहती थी इसलिए उनकी परफोर्मेंस के लिए जरूरी किसी भी डिटेल को मैंने छोड़ा नहीं. इस यात्रा के दौरान हमें कई मजेदार लोग मिले और यह सूची कभी न खत्म होने वाली है लेकिन कुछ लोग हैं जिनका मैं जिक्र करना चाहूंगी. हमारे ओनकॉलाजिस्ट डॉ. नितेश रोहतगी (मैक्स अस्पताल साकेत) जिनका हमें शुरुआत में सहारा मिला, डॉ. डैन क्रेल (यूके), डॉ. शिदरवि (यूके) और मेरे प्रिया और अंधेरे में उजाले की भांति कोकिलाबेन अस्पताल में डॉ. सेवंती लिमये.


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यह बताना बेहद मुश्किल है कि ये यात्रा कितनी खूबसूरत, शानदार, अनिवार्य, रोमांचक और दर्द भरी थी. ये सब पिछले ढाई साल से चल रहा था. पिछले 35 साल का हमारा साथ अलग हो गया. हमारी शादी एक मिलन थी. मैं देख रही हूं कि मेरा छोटा सा परिवार एक नाव में है जिसमें मेरे दो बेटे बाबिल और अयान बैठे हैं और आगे बढ़ते चले जा रहे हैं लेकिन जिंदगी कोई सिनेमा नहीं है और इसमें कोई रिटेक भी नहीं होता. इसलिए मैं चाहती हूं कि मेरे बच्चे अपने पिता से मिले मार्गदर्शन को ध्यान में रखकर अपनी यात्रा को बढ़ाएं और हर तूफान से टकराएं.

मैंने अपने बच्चों को कहा है कि अगर संभव हो तो वो अपने पिता द्वारा सिखाए गए सभी चीजों को एकजुट करे जो महत्वपूर्ण है.

बाबिल: ‘अनिश्चितता के लिए आत्मसमर्पण करना सीखें और ब्रह्मांड में अपना विश्वास बरकरार रखें.’

अयान: ‘अपने दिमाग को संयमित करना सीखे न कि उसे खुदपर हावी होने देना.’

‘जब कभी भी उनका पसंदीदा रात की रानी  पेड़ लगाएंगे हमारे आंसू निकलेंगे. इसमें समय लगेगा लेकिन ये खिलेगा और इसकी सुगंध हर ओर फैलेगी और सभी लोगों तक पहुंचेगी जिन्हें मैं फैन्स नहीं कहूंगी बल्कि आने वाले समय में जो हमारा परिवार होने वाला है.’

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