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रोहिंग्याओं को EWS फ्लैट देने के कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं – MHA

मदनपुर खादर और कालिंदी कुंज में पिछले एक दशक से रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं. साल 2018 और 2021 में उनके आवास में दो बार आग लगा दी गई है और तब से वे दिल्ली सरकार द्वारा दिए गए तंबू में रह रहे हैं. 

रोहिंग्या शरणार्थी की प्रतीकात्मक तस्वीर | ANI

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को सफाई देते हुए कहा कि उसने रोहिंग्या के लिए दिल्ली के बक्करवाला में ईडब्लूएस के फ्लैट्स देने के कोई निर्देश नहीं दिए हैं.

गृह मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘रोहिंग्या अवैध विदेशियों के संबंध में मीडिया के कुछ वर्गों में समाचार रिपोर्टों के संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय ने नई दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है.’

मंत्रालय ने कई ट्वीट किए हैं जिसमें उसने एक में लिखा है कि दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को नई जगह पर ट्रांसफर करने का प्रस्ताव रखा है.

मंत्रालय ने जीएनसीटीडी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रोहिंग्या अवैध विदेशी वर्तमान स्थान पर बने रहेंगे क्योंकि गृह मंत्रालय पहले ही विदेश मंत्रालय के जरिए संबंधित देश के साथ उनके निर्वासन का मामला उठा चुका है.

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मंत्रालय ने आगे कहा कि ‘अवैध विदेशियों को कानून के अनुसार उनके निर्वासन तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना है.’

‘दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है. उन्हें तत्काल ऐसा करने के निर्देश दिए गए हैं.’

रिपोर्ट दिल्ली में रोहिंग्या के आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद लिए गए निर्णय के बाद आई है. बैठक की अध्यक्षता दिल्ली के मुख्य सचिव ने की.

बुधवार को आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने मीडिया रिपोर्ट को शेयर करते हुए ट्वीट किया था कि रोहिंग्या दिल्ली के बक्करवाला क्षेत्र में ईडब्लूएस में शिफ्ट किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उन्हें बुनियादी ‘सुविधाएं और चौबीसों घंटे सुरक्षा’ दी जाएंगी.

फैसले की सराहना करते हुए उन्होंने ट्वीट किया, ‘भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी है. एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.’

मदनपुर खादर और कालिंदी कुंज में पिछले एक दशक से रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं. साल 2018 और 2021 में उनके आवास में दो बार आग लगा दी गई है और तब से वे दिल्ली सरकार द्वारा दिए गए तंबू में रह रहे हैं.


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