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नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर करेगा ग्रिड बैलेंसिग की निगरानी, विद्युत मंत्रालय ने कहा- सिर्फ लाइट्स ही बंद करें

भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और विद्युत सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि वो सुनिश्चित करे कि सड़कों पर जलने वाली लाइट्स, अस्पतालों की लाइट्स जलती रहे.

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बिजली से जलता बल्ब, प्रतीकात्मक तस्वीर | Pixabay

नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली पारेषण कंपनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन (पीजीसीआईएल) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट तक बिजली बंद करने की अपील को देखते हुए ग्रिड की स्थिरता को लेकर काम कर रही है और उसने किसी प्रकार की समस्या नहीं आने को लेकर भरोसा जताया है. आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को देश के नाम अपने संदेश में पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट तक बिजली बंद करने और दीया जलाकर, टार्च या मोबाइल से रोशनी करने की अपील की. समझा जाता है कि इससे ग्रिड की स्थिरता को लेकर पावर ग्रिड के प्रबंधकों की चिंता बढ़ गयी है. सूत्रों के अनुसार बिजली मंत्री आर के सिंह ने पीजीसीआईएल और अन्य संबंधित पक्षों के साथ इस मुद्दे पर बातचीत की है. पीजीसीआईएल ने ग्रिड की स्थिरता को लेकर पूरा भरोसा जताया है.

कुछ तबकों में इस बात को लेकर चिंता जतायी गयी है कि देश में ‘लॉकडाउन ’ (प्रतिबंध) के कारण बिजली की मांग पहले से कम है, ऐसे में अचानक से मांग ‘बंद’ होने से क्या ग्रिड स्थिति से निपट सकता है? पुन: नौ मिनट बाद मांग एकदम से बढ़ेगी तो क्या इस प्रकार के उतार-चढ़ाव से ‘ब्लैकआउट’ की स्थिति की आशंका नहीं है?

बिजली मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि आपदा के समय भी उतार-चढ़ाव को ग्रिड झेलती है और स्थिर रहती है. और ये स्थिति तो पहले से पता है. ऐसे में पावर ग्रिड और दूसरी एजेंसियां इस पर काम कर रही हैं और उन्हें ग्रिड को स्थिर बनाये रखने का पूरा भरोसा है.

इस बीच, ग्रिड के एकीकृत संचालन के लिए जिम्मेदार पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन (पीओएसओसीओ) यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि ग्रिड के संभावित ठप होने के कारण ग्रिड पर कोई दबाव नहीं आए और देश भर में बिजली ठप ना हो.

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केंद्रीय विद्युत नियामक प्राधिकरण (सीईआरए) ग्रिड के सामान्य संचालन के लिए 49.95-50.05 हर्त्ज के फ्रीक्वेंसी बैंड की अनुमति देता है और बिजली संचरण में अचानक किसी तरह की कमी या वृद्धि होने की विसंगति पर ग्रिड ठप हो सकता है.

सूत्र ने कहा, ‘पूरा बिजली क्षेत्र अभी दबाव में है. लॉकडाउन के कारण मांग पहले से ही कम है. कुछ मिनटों के लिये एकदम से बिजली बंद होने से कुछ दबाव हो सकता है लेकिन हमें समय का पहले से पता है, हम पहले से इसकी योजना बना सकते हैं.’

बिजली मंत्रालय की ओर से जारी आंकडों के अनुसार दो अप्रैल को बिजली की मांग 25 प्रतिशत घटकर 1,25,810 मेगावाट रह गयी जो पिछले साल दो अप्रैल को 1,68,320 मेगावाट थी.

नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर करेगा ग्रिड बैलेंसिग की निगरानी: विद्युत मंत्रालय

भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और विद्युत सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि वो सुनिश्चित करे कि सड़कों पर जलने वाली लाइट्स, अस्पतालों की लाइट्स जलती रहे. जरूरी जगहों पर जलने वाली लाइट्स को बंद न करने की भी सलाह दी गई है.

पत्र में कहा गया है कि लोग सिर्फ अपने घरों की लाइट्स बंद करें न कि बाकी बिजली के सामान जैसे की टीवी, फ्रिज और एसी वगैरह. राज्य सरकारों को कहा गया है कि बिजली की स्थिति से निपटने का पूरा इंतजाम करें और लोगों को भरोसा दिया जाए कि वो परेशान न हों.

पत्र में कहा गया है कि ग्रिड बैलेंसिग की स्थिति पर नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर निगरानी करेगा और राज्य के साथ क्षेत्रीय केंद्रों के साथ लगातार संपर्क में रहेगा.

उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रिड फेल होने की आशंकाओं को किया खारिज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशवासियों से रविवार रात कुछ देर घरों की बिजली बंद कर दीये और अन्य तरह से रोशनी करने के आह्वान के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी वजह से ग्रिड फेल होने की आशंकाओं को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि विभाग ने स्थिति से निपटने के लिए कार्ययोजना बना ली है.

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने शनिवार को एक बयान में कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि रविवार रात नौ बजे नौ मिनट के लिए घरों की ट्यूबलाइट और बल्ब बंद करने से ग्रिड फेल हो जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘सेंट्रल लोड डिस्पैच सेंटर यह सुनिश्चित कर रहा है कि किसी भी राज्य की ग्रिड पर कोई संकट ना हो. उत्तर प्रदेश में हमारे इंजीनियर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कहीं किसी तरह की कोई कठिनाई न आए. उसके लिए हमने रोडमैप तैयार किया है.’ शर्मा ने कहा, ‘हम अपील करते हैं कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर आप सभी लोग रविवार रात अपने घरों में नौ मिनट के लिए ट्यूब लाइट और बल्ब बंद कर एकजुटता का परिचय दें और कोरोनावायरस रूपी राक्षस को हम प्रकाश से चुनौती देकर परास्त करें.’

इस बीच, ऊर्जा विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रविवार रात नौ बजे कुछ देर के लिए ट्यूबलाइट और रोशनी देने वाले अन्य उपकरण बंद किए जाने से लगभग 300 मेगावाट बिजली की खपत अचानक कम होगी. मगर यह कोई चिंता की बात नहीं है.

उन्होंने बताया कि प्रदेश की सभी बिजली उत्पादन एवं वितरण इकाइयों को इस बारे में निर्देश दे दिया गया है. उत्पादन इकाइयों से कहा गया है कि वे रविवार को अपना लोड कम रखें और वितरण इकाइयों को निर्देश दिया गया है कि वे रविवार रात आठ बजे के बाद चरणबद्ध तरीके से बिजली कटौती करें ताकि रात नौ बजे जब प्रधानमंत्री की अपील पर अमल हो तो लोड अचानक कम ना हो जाए.

सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में पिछले वर्षों के मुकाबले अप्रैल माह में बिजली की खपत जहां लगभग 14000 मेगावाट होती थी वहीं इस बार यह लगभग आधी ही है. ऐसे में बिजली कंपनियां पहले से ही कमर कसकर तैयार हैं.

इधर, ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने बताया कि प्रदेश में ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं बनी.

उन्होंने बताया कि हालांकि ऐसे हालात को संभालना कोई मुश्किल काम नहीं है लेकिन इसके लिए बेहतर तालमेल से काम करना पड़ेगा.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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