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मैसूर पाक ने दुनिया की टॉप 50 मिठाइयों में 14वें नंबर पर बनाई जगह, कुल्फी को भी मिला 18वां स्थान

टेस्ट एटलस ने की ओर से जारी दुनिया की टॉप 50 मिठाइयों की सूची में मैसूर पाक 4.4 की रेटिंग के साथ 14वीं, जबकि कुल्फी ने 4.3 की रेटिंग के साथ 18वीं रैंक पाई है. फालूदा ने 4.0 की रेटिंग के साथ 32वां स्थान पाया है. 

मैसूर पाक मिठाई | तस्वीर- Amazon से

मैसुरु (कर्नाटक) : जहां तक मिठाई की बात है तो कर्नाटक का हर टाउन अपनी-अपनी खासियतों के लिए जाना जाता है. लेकिन उनमें, मैसूर पाक, जिसका ईजाद मैसूर राजा कृष्णराज वाडियार की शाही रसोई में हुआ था, अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी एक जगह बना ली है, जो भारत की समृद्ध पाक विरासत दिखाता है. इसके साथ ही कुल्फी ने लिस्ट में 18वां स्थान पाया है. टेस्ट एटलस ने यह लिस्ट जारी की है. मैसूर पाक को 4.4 रेटिंग और कुल्फी को 4.3 की रेटिंग मिली है.

वहीं पुर्तगाली पेस्ट्री, पेस्टल डे नाटा ने 4.8 की रेटिंग के साथ लिस्ट में पहला स्थान पाया है. जबकि इंडोनेशिया के बाली की सेराबी क्रीम स्नैक 4.7 की रेटिंग के साथ दूसरे नंबर है और 4.6 की रेटिंग के साथ तुर्की डोनडूरमा क्रीम तीसरे नंबर पर जगह बनाई है.

कर्नाटक उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मैसूर पाक के दुनिया की 50 मिठाइयों की लिस्ट में शामिल होने पर खुशी जाहिर की है.


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कन्नड़ियों के लिए बताया गर्व का विषय

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “कन्नड़वासियों को इस बात पर गर्व है कि टेस्ट एटलस द्वारा प्रकाशित दुनिया की शीर्ष 50 स्ट्रीट मिठाइयों में मैसूर पाक को 14वां स्थान दिया गया है. मैसूर पाक को लेकर मेरी बचपन की यादें हैं, जब मेरे पिता और रिश्तेदार घर आते थे तो इसे मेरे लिए अक्सर लाते थे. मैसूर पाक के पीछे लाखों रसोइयों की कड़ी मेहनत और कौशल है, जो मैसूर पैलेस में पैदा हुआ और आज हर घर तक पहुंचता है. इसके लिए वे सभी श्रेय के पात्र हैं.”

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हाल ही में, मैसूर पाक ने दुनियाभर में 50 सबसे अच्छी स्ट्रीट मिठाइयों में 14वें नंबर पर जगह बनाई है जो कर्नाटक को फिर से गौरवान्वित किया है. 4.4 की रेटिंग के साथ मैसूर पाक साथ दुनिया की ऑनलाइन मार्केट टॉप 50 स्नैक्स में जगह बनाई है.

मैसूर पाक के अलावा, फालूदा और कुल्फी फालूदा दूसरी भारतीय मिठाई हैं, जो इस लिस्ट में शामिल हुई हैं. टेस्ट एटलस ने दुनिया की सर्वश्रेष्ठ स्ट्रीट फूड मिठाइयों की अपनी शीर्ष 50 की सूची जारी की है, जिसमें मैसूर पाक ने 4.4 की रेटिंग के साथ 14वां स्थान पाया है, जबकि कुल्फी ने 4.3 की रेटिंग के साथ 18वीं रैंक पाई है, इसके बाद फलूदा ने 4.0 की रेटिंग के साथ 32वां स्थान पाया है.

90 साल पहले मैसूर के राजा की रसोई में हुई ईजाद

यह मैसूर व्यंजन मैसूर राजाओं के क्षेत्र में जन्मा. 90 साल पहले, मडप्पा, मैसूर के वाडियार साम्राज्य में शाही शेफ थे, एक दिन उन्होंने देखा कि जब तत्कालीन राजा कृष्णराज वाडियार रात्रि भोज के लिए बैठे तो प्लेट में कोई डिजर्ट या मिठाई नहीं थी. तब उन्हें एक आइडिया आया,उन्होंने चीनी-घी-मूंगफली के आटे का मिश्रण तैयार किया, जिससे एक मिठाई बनी. इस स्वीट डिश को महाराजा की बहुत तारीफ मिली.

तत्सर मडप्पा के पोते शिवानंद ने कहा, “यह सभी कन्नड़ियों के लिए गर्व की बात है, खासकर मैसूरियन लोगों के लिए. यह सभी भारतीयों के लिए भी एक बड़ी खबर है. मैसूर पाक का ईजाद राजा मुम्मदी कृष्णराज वाडियार के समय हुआ था. जब भी मेरे घर मेहमान आते थे तो मेरे दादा तत्सर मडप्पा मैसूर पाक तैयार करते थे. जब राजा ने इसके नाम के बारे में पूछा था तब उनके पास इसके लिए कोई नाम नहीं था. बाद में राजा ने इसका नाम मैसूर (जगह) और पाक (मिठाई) दिया. तब से लोग इसे मैसूर पाक कहना शुरू कर दिए. हम उसी मिठास और परंपरा को जारी रखे हुए हैं.”

उन्होंने कहा, “कन्नड़ियों को गर्व है कि मैसूर पाक पहली बार हमारे मैसूर में तैयार किया गया. मैसूर सुपारी, मैसूर रेशम, मैसूर चमेली ने भी अंतर्राष्ट्रीय नाम कमाया है. ये सभी उत्पाद मैसूर से देश और विदेश में निर्यात किए जाते हैं. मैसूर दुनिया की पसंदीदा जगहों में से भी एक है. हर दिन हजारों लोग यहां की खूबसूरती का आनंद लेने आते हैं.”

जीआई टैग को लेकर हुआ था विवाद

4 साल पहले 2019 में, इसकी उत्पत्ति की जगह को तमिलनाडु बताया गया, जिसे जीआई टैग दिया गया है. जीआई टैग लेते हुए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण की तस्वीर भी वायरल हुई थी. उस समय कर्नाटक ने केंद्र सरकार और निर्मला सीतारमण के खिलाफ कड़ा विरोध जताया था. लेकिन यह फिर साबित हुआ है कि वह फेक न्यूज थी.

(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट्स के साथ)


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