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स्टेपवेल रिवाइवल, कोडिंग के बाद तेलंगाना की इस IAS ने कैसे शुरू करवाया मॉड्यूलर अस्पताल

100 बिस्तरों वाले इस मॉड्यूलर एक्सटेंशन को तैयार कराने में तेलंगाना की नारायणपेट की जिलाधिकारी हरि चांदना की अहम भूमिका रही है. चांदना पहले भी अपने सामाजिक कामों को लेकर चर्चा में रही हैं.

नारायणपेट की जिलाधिकारी हरि चांदना | ट्विटर

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण से प्रभावित दुनियाभर के कई देशों में मॉड्यूलर अस्पतालों का चलन काफी तेजी से बढ़ा है. भारत में भी कोरोना की दूसरी लहर के बाद मॉड्यूलर अस्पतालों का ढांचा तैयार करने में काफी तेजी आई. भारत सरकार ने भी कोविड से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में इसकी जरूरत को महसूस किया था.

तेलंगाना के नारायणपेट जिला अस्पताल में चार करोड़ की लागत से हाल ही में 100 बिस्तरों वाला मॉड्यूलर अस्पताल बनाया गया है, जिसे वेल्स फार्गो कंपनी ने अपने सीएसआर फंड से तैयार किया है. जिला अस्पताल में तैयार किए गए एस्टेंशन में पैलिएटिव केयर यूनिट, पीडियाट्रिक न्यू नेटल यूनिट शामिल है.

100 बिस्तरों वाले इस मॉड्यूलर एक्सटेंशन को तैयार कराने में तेलंगाना की नारायणपेट की जिलाधिकारी हरि चांदना की अहम भूमिका रही है.

चांदना पहले भी अपने सामाजिक कामों को लेकर चर्चा में रही हैं.

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100 बिस्तरों वाला मॉड्यूलर एक्सटेंशन

तेलंगाना के नारायणपेट जिला की जिलाधिकारी हरि चांदना ने दिप्रिंट को बताया कि यहां के जिला अस्पताल में बिल्डिंग एक्सटेंशन की जरूरत थी इसलिए इंटरनेशनल कंपनी ने अपने सीएसआर फंड के तहत ये फैसिलिटी मुहैया कराई है.

उन्होंने कहा, ‘इस एक्सटेंशन को बाद में भी इस्तेमाल किया जा सकता है और अगर भविष्य में अस्पताल को इसकी जरूरत नहीं होती है तो इसे कहीं दूसरी जगह भी शिफ्ट किया जा सकता है.’

‘100 बिस्तरों वाला ये एक्सटेंशन मल्टिपर्पज है जिसके रखरखाव का जिम्मा 25 सालों तक वेल्स फार्गो कंपनी के पास होगा, वही यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरतों को देखेगी.’ चांदना ने बताया कि एक्सटेंशन के लिए अलग से डॉक्टर नहीं होंगे बल्कि जिला अस्पताल के डॉक्टर ही इसमें अपनी सेवाएं देंगे.

चांदना ने कहा कि नारायणपेट में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस एक्सटेंशन की काफी जरूरत थी, इसलिए इसे तैयार करवाया गया है.

ये पूछे जाने पर कि क्यां कोविड को ध्यान में रखकर इसे बनाया गया है, इस पर चांदना ने कहा, ‘नारायणपेट में कोविड का प्रभाव काफी कम रहा है. चाहे वो पहली लहर हो या दूसरी लहर. हमने जो एक्सटेंशन तैयार करवाया है उसे कोविड के इलाज के दौरान और उसके बाद भी इस्तेमाल किया जा सकता है. ‘

तेलंगाना सरकार के आंकड़ों के मुताबिक नारायणपेट में काफी दिनों से कोविड संक्रमण के मामले नहीं आए हैं. हालांकि तेलंगाना में इन दिनों डेंगू के तेजी से मामले आ रहे हैं. राज्य में डेंगू के इस साल 3000 से ज्यादा मामले आ चुके हैं. हाल ही में तेलंगाना स्वास्थ्य विभाग ने सीजनल बीमारियों को लेकर अलर्ट जारी किया था.

बता दें कि मॉड्यूलर अस्पतालों को मुख्य अस्पताल के एक्सटेंशन के तौर पर देखा जाता है जहां मरीजों के बढ़ते दबाव और सुविधाओं को बढ़ाने के मद्देनज़र इसे तैयार किया जाता है. अस्पताल बनाने की तुलना में इसे तैयार करने में कम लागत लगती है और इसे जरूरत के हिसाब के शिफ्ट भी किया जा सकता है.


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स्टेपवेल रिवाइवल और कोडिंग क्लासेस

2010 बैच की आईएएस अधिकारी हरि चांदना लगातार अपने सामाजिक प्रयासों के कारण सुर्खियों में रही हैं. चांदना ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एनवायरनमेंट इकोनॉमिक्स से एमएससी की पढ़ाई की है.

चांदना ने हैदराबाद में अपनी तरह का अनूठा डॉग पार्क बनवाया जिसमें वैक्सीनेशन की भी सुविधा मौजूद है. वहीं उन्होंने हैदराबाद में 120 से ज्यादा पार्कों को संवारने भी भूमिका निभाई है.

दिप्रिंट ने जब चांदना से पूछा कि वो इन दिनों किन सामाजिक गतिविधियों को चला रही हैं तो उन्होंने बताया, ‘अभी हम इस क्षेत्र में स्टेपवेल के रिवाइवल पर काम कर रहे हैं और साथ ही 2000 से ज्यादा ग्रामीण स्कूली बच्चों को ऑनलाइन कोडिंग सिखा रहे हैं. शहरों में ये कोर्स काफी पॉपुलर है.’

उन्होंने बताया, ‘शहरी क्षेत्रों में कोडिंग क्लासेस काफी महंगे हैं. यहां के ग्रामीण बच्चों को हम ये इसलिए सिखा रहे हैं ताकि वे शहरी बच्चों से कंपीट कर सके और उनका आत्मविश्वास बढ़े.’

‘ये हमने कोविड के समय शुरू किया था जब बच्चों के पास काफी खाली समय था. 400 बच्चों के साथ ये प्रोग्राम शुरू किया गया था.’


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