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जब राष्ट्र असहाय खड़ा है तब मोदी और निर्मला सीतारमण सवालों का जवाब देने में नाकाम: चिदंबरम

चिदंबरम ने पूछा, ‘सरकार उन्हें भुखमरी से क्यों नहीं बचाती और हर गरीब परिवार को नकद रुपये देकर उनकी गरिमा की रक्षा क्यों नहीं करती.’

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पी चिदंबरम की फाइल फोटो.

नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने सरकार से गरीबों को नकद अंतरण करने और निशुल्क अनाज बांटने का रविवार को अनुरोध करते हुए कहा कि सिर्फ एक निष्ठुर सरकार ही कुछ नहीं करेगी.

उन्होंने कहा कि अधिकांश लोगों को नकदी की कमी है और वे मुफ्त के पके हुए भोजन के लिए कतारों में खड़े हो रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘इसके काफी सबूत हैं कि ज्यादातर लोगों को नकदी की कमी है और उन्हें मुफ्त का पका हुआ भोजन लेने के लिए कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है. केवल एक निष्ठुर सरकार मूक बनी रहेगी और कुछ नहीं करेगी.’

चिदंबरम ने पूछा, ‘सरकार उन्हें भुखमरी से क्यों नहीं बचाती और हर गरीब परिवार को नकद रुपये देकर उनकी गरिमा की रक्षा क्यों नहीं करती.’

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उन्होंने कहा, ‘सरकार एफसीआई के साथ 7.7 करोड़ टन अनाज का एक छोटा-सा हिस्सा उन परिवारों को निशुल्क वितरित क्यों नहीं करती जिन्हें इस अनाज की जरूरत है.’

पूर्व वित्त मंत्री ने टि्वटर पर कहा, ‘ये सवाल आर्थिक और नैतिक दोनों हैं. जब राष्ट्र असहाय होकर खड़ा है तो नरेंद्र मोदी और निर्मला सीतारमण दोनों सवालों का जवाब देने में नाकाम रहे हैं.’

चिदंरबम उन गरीबों को नकद रुपये देने की मांग करते रहे हैं जिनके लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच रोजगार के बिना जीविकोपार्जन करना मुश्किल हो गया है.

देश में विभिन्न राज्य की सीमाओं पर गांवों में अपने घरों तक पहुंचने की कवायद में हजारों प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं जिससे कुछ स्थानों में कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने में समस्या पैदा हो गई है.

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