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धरने पर दीदी: सीबीआई और केंद्र सरकार के खिलाफ ममता बनर्जी की जंग, क्या है पूरा मामला

ममता बनर्जी आज जिस राजीव कुमार के लिए धरने पर बैठीं है यह वही हैं जिनपर ममता ने विपक्ष में रहते हुए फोन टैप करने का आरोप भी लगाया था.

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ममता बनर्जी संविधान बचाओ के नारे के साथ धरने के दौरान, फाइल फोटो.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में हाई वोल्टेज ड्रामा चल रहा है. यह ड्रामा केंद्र की मोदी सरकार वर्सेज ममता बनर्जी बन चुका है. ममता बनर्जी ‘सेव द कंस्टीट्यूशन’ का नाम देकर धरने पर बैठी हैं. ममता के समर्थन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित फारूक अब्दुल्ला, चंद्रबाबू नायडू, अखिलेश यादव सहित विपक्ष पार्टियों के सुप्रीमों शामिल हो गए हैं. ममता के धरने के बाद आज लोकसभा और राज्यसभा में भी इस मामले पर बहस हो रही है. वहीं मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. ममता और कोलकाता कमिश्वर राजीव कुमार के खिलाफ सीबीआई ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया है.

कोर्ट ने याचिका कल तक के लिए टाल दी है. सरकारी वकील ने अदालत से कहा कि चिटफंड मामले में सबूत नष्ट किए जा सकते हैं, इसलिए मामले की जल्द से जल्द सुनवाई की जाए लेकिन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि यह इतना बड़ा मामला नहीं कि आज ही सुनवाई हो.

सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से शारदा चिट फंड मामले में जांच में सहयोग करने के निर्देश देने के लिए पहुंची है. सीबीआई ने अपनी याचिका में कहा है कि कोलकाता के पुलिस कमिश्नर को कई बार समन जारी किया गया लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया और बाधाएं खड़ी कीं.

ममता धरने पर बैठीं

वैसे तो हाल की राजनीति में यह दूसरी बार है जब किसी राज्य का मुख्यमंत्री केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठा है. ममता से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री पांच दिनों के लिए धरने पर बैठे थे. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री रविवार शाम आठ बजे से केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठी हैं. ममता ने केंद्र सरकार पर राजनीतिक बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया है.

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क्यों शुरू हुआ सियासी हंगामा

यह पूरा हंगामा शुरू हुआ रविवार शाम शात बजे जब सीबीआई की टीम कोलकाता के कमिश्नर राजीव कुमार के घर शारदा चिटफंड और रोज वैली मामले में पूछताछ के लिए पहुंची. यहीं से पूरा ड्रामा शुरू हुआ. जैसे ही सीबीआई के अधिकारी कमिश्नर के घर पहुंचे कोलकाता पुलिस सीबीआई अधिकारियों को शेक्सपियर सारणी थाने ले गई. राज्य पुलिस का कहना है कि सीबीआई की टीम के पास कोई वारंट नहीं था. सीबीआई के पहुंचने की जानकारी जैसे ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मिली वह आनन-फानन में राजीव कुमार के आवास पहुंची और इसे ‘केंद्र सरकार का राज्य पर हमला’ बताया. इसी बीच कोलकाता पुलिस ने सीबीआई के पांच अधिकारियों को पुलिस स्टेशन में ही बैठा लिया. इसके बाद पूरा सियासी ड्रामा शुरू हो गया.

ममता कल रात से ही धरने पर बैठी हैं. आज थोड़ी देर के लिए वह धरना स्थल से हटीं लेकिन फिर वापस वहां बैठ गई हैं. वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी को एक केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों के साथ हुए दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार और बंगाल में उत्पन्न हुई अभूतपूर्व स्थिति से अवगत कराने की बात कही. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को हिरासत में लिया गया, उन्हें धमकाया और अपना काम करने से रोका गया. सूत्रों का कहना है कि सिंह को राज्यपाल त्रिपाठी ने वहां के हालात से अवगत कराया कि उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब किया था और उनसे स्थिति को सुलझाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने को कहा है.

कौन है राजीव कुमार

साल 2016 में राजीव कोलकाता के कमिश्नर नियुक्त किए गए. 1989 बैच के पश्चिम बंगाल कैडर के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. वह इस समय कोलकाता के पुलिस कमिश्नर हैं. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ ज़िले के रहने वाले राजीव कुमार ने अपनी पुलिस की नौकरी में इंजीनियरिंग का जम कर फायदा उठाया और अपराधियों को पकड़ने के लिए सर्विलांस सहित तकनीकी का खूब फायदा उठाया. अपनी काम और सूझ-बूझ के दम पर राजीव कुमार सरकार और ममता के करीबी बन गए. लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस राजीव के लिए ममता आज धरना पर बैठीं है यह वही राजीव कुमार हैं जिनपर ममता ने विपक्ष में रहते हुए फोन टैप करने का आरोप भी लगाया था. ममता बनर्जी जब सत्ता में आईं तो राजीव उनके करीबी अधिकारियों में शामिल हो गए.

राजीव कुमार जिनके समर्थन ममता बैठी धरने पर

90 के दशक में राजीव कुमार ने बीरभूम ज़िले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रहते हुए कोयला माफ़ियाओं के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ी थी. उन्होंने कई कोयला माफियाओं को पकड़ा, इस वक्त पश्चिम बंगाल में कोयला माफ़ियाओं के ख़िलाफ़ कोई पुलिस अधिकारी कार्रवाई नहीं करते थे.

कुमार इससे पहले बिधाननगर के कमिश्नर भी रह चुके हैं. इसके अलावा वे कोलकाता पुलिस से अंतर्गत स्पेशल टास्क फ़ोर्स के चीफ़ भी रह चुके हैं.

शारदा चिटफंट और रोज़ वैली घोटाले की जांच दल के मुखिया रहे हैं राजीव

जब राज्य सरकार ने शारदा चिटफंड और रोज़ वैली घोटाले के लिए विशेष टीम का गठन साल 2013 में किया तो उस विशेष जांच दल (एसआईटी) के मुखिया राजीव ही थे. लेकिन जब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और सीबीआई के पास गया तब सीबीआई ने अदालत को बताया कि राजीव ने कई दस्तावेज़, लैपटॉप, पेन ड्राइव, मोबाइल फ़ोन नहीं सौंपे हैं. और इन्हीं दस्तावेजों को हासिल करने और पूछताछ करने के लिए सीबीआई रविवार शाम उनके घर पहुंची और हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया.

क्या है शारदा चिटफ़ंड मामला?

शारदा कंपनी की शुरुआत जुलाई 2008 में हुई थी. इस कंपनी के मालिक सुदिप्तो सेन ने ‘सियासी प्रतिष्ठा और ताक़त’ हासिल करने के लिए मीडिया में खूब पैसे लगाए और हर पार्टी के नेताओं से जान पहचान बढ़ाई थी. कुछ ही सालों में वे अरबपति हो गए. शारदा ग्रुप के खिलाफ पहला मुक़दमा 2013 में 16 अप्रैल को दर्ज किया गया. इसके बाद शारदा के सुदिप्तो सेन फरार हो गए.

बाद में उन्हें कश्मीर से गिरफ्तार किया गया. उनके गिरफ्तार होते ही कंपनी ठप पड़ गई. साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने शारदा चिट फंड घपले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था. पश्चिम बंगाल सरकार इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का विरोध करती रही है.

रविवार देर शाम से अभी तक के बदलते घटनाक्रम

सोमवार को राजीव कुमार शुक्ला ने सीबीआई का कार्यभार संभाल लिया है और इसी के साथ उनका पहला मुकाबला सीबीआई बनाम ममता से होने वाला है. कल रात सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव के आदेश के बाद अधिकारी मामले की जांच के लिए राजीव कुमार के घर पहुंचे ते. सीबीआई अधिकारी शारदा चिटफंड मामले में पूछताछ करने आए थे. नागेश्वर राव के मुताबिक राजीव कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे.

ममता बनर्जी फिर से धरने पर

मामला शाम सात बजे तब शुरू हुआ जब पुलिस ने सीबीआई की टीम को राजीव कुमार के घर में दाखिल नहीं होने दिया और उन्हें शेक्सपियर सारणी थाने ले आई और उन्हें वहीं बिठा लिया. कुछ देर बाद ममता बनर्जी अपने कुछ मंत्रियों के साथ राजीव कुमार के घर पहुंची. कुछ देर उन्होंने वहां अधिकारियों से बात की. फिर मीडिया से बात करते हुए धरने पर बैठने का एलान किया. उन्होंने कहा कि ये घटना भारत के संघीय ढांचे पर आक्रमण है. ये राज्य पुलिस पर केंद्र सरकार का हमला है. उन्होंने कहा कि वह आज धरणा स्थल से ही विधानसभा की कार्रवाई देखेंगी. बता दें कि आज कोलकाता विधानसभा में बजट पेश किया जा रहा है.

रात से ही बंगाल के हालात बिगड़ने शुरू हुो गए. जगह जगह ट्रेन रोकी जाने लगी, केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी के साथ मोदी और अमित शाह के खिलाफ पुलता दहन शुरू हो गया. तृणमूल कांग्रेस के नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता धरना स्थल पर पहुंच गए. मामले पर मोड़ तब आया कि कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार खुद धरने पर बैठ गए. धरना स्थल पर केंद्रीय रिज़र्व सुरक्षा बल के जवान कोलकाता में सीबीआई मुख्यालय पहुंचे कुछ देर रहे और फिर वापस चले गए.

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