होम देश महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख जमानत पर जेल से रिहा

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख जमानत पर जेल से रिहा

बॉम्बे हाई कोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें जमानत देने संबंधी अपने आदेश पर रोक लगाने से मंगलवार को इनकार कर दिया था.

गृहमंत्री अनिल देशमुख/ एएनआई
अनिल देशमुख/ एएनआई

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बुधवार शाम लगभग पांच बजे मुंबई की आर्थर रोड जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया. वह काफी लंबे समय से जेल में बंद थे.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें जमानत देने संबंधी अपने आदेश पर रोक लगाने से मंगलवार को इनकार कर दिया था.

जेल से निकलने के बाद देशमुख ने कहा, ‘कोर्ट में दायर हलफनामे में परमबीर सिंह ने कहा है कि अनिल देशमुख के खिलाफ लगे आरोप बेबुनियाद हैं. मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं.’

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख (73) नवंबर 2021 से जेल में थे, जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें एक कथित धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था.

अजित पवार सहित राकांपा के वरिष्ठ नेताओं ने जेल के बाहर उनका स्वागत किया.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

देशमुख ने कहा, ‘मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. मुझे एक झूठे मामले में फंसाया गया है.’

न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक ने राकांपा नेता को 12 दिसंबर को जमानत दी थी, लेकिन सीबीआई ने इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के लिए समय मांगा था और अदालत ने आदेश पर 10 दिन के लिए रोक लगा दी थी.

जांच एजेंसी ने न्यायालय का रुख किया, लेकिन उसकी अपील पर जनवरी 2023 में ही सुनवाई हो सकेगी, क्योंकि अदालत में शीतकालीन अवकाश है.

उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह सीबीआई के अनुरोध पर जमानत आदेश पर रोक को 27 दिसंबर तक बढ़ा दिया था. जांच एजेंसी ने मंगलवार को एक बार और रोक बढ़ाने का अनुरोध किया था.

देशमुख के वकील अनिकेत निकम और इंद्रपाल सिंह ने दावा किया था कि सीबीआई उच्च न्यायालय के पहले के आदेश को विफल करने का प्रयास कर रही है, जिसने कहा था कि किसी भी परिस्थिति में जमानत आदेश पर रोक नहीं बढ़ाई जाएगी.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)


यह भी पढ़ें: भारत जोड़ो से जुड़ने से कतरा रहे हैं अखिलेश? कांग्रेस से गठबंधन के सवाल से क्यों बचना चाहते हैं सपा प्रमुख


 

Exit mobile version