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केंद्रीय विद्यालय के छात्र जल्दी ही खादी के कपड़ों में दिखाई दे सकते हैं

केंद्रीय विद्यालयों का प्रबंधन करने वाली संस्था अपने छात्रों का यूनिफॉर्म बदलने की तैयारी में है. इसकी जगह खादी के कपड़े लाने पर विचार कर रही है.

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कोलकाता का एक केंद्रीय विद्यालय | कॉमन्स

नई दिल्ली : एक प्रस्ताव के तहत केंद्र सरकार के अंतर्गत चलने वाले सभी केंद्रीय विद्यालयों के छात्र खादी के यूनिफॉर्म में दिखाई देंगे. केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस), केंद्रीय विद्यालयों का प्रबंधन करने वाली संस्था अपने स्कूलों में इस्तेमाल होने वाले छात्रों के यूनिफार्म की जगह खादी को लाने पर विचार कर रहे हैं.

यह पहल पूरे देश में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर मनाए जा रहे कार्यक्रमों का हिस्सा है.

इसकी पुष्टि करते हुए केवीएस कमिश्नर और आईएएस अफसर संतोष कुमार माल ने कहा, ‘हम पूरे देश में अपने छात्रों के लिए यूनिफॉर्म बदलने पर काम करने जा रहे हैं और खादी उनमें से एक विकल्प के रूप में सामने आया है जिस पर हम विचार कर रहे हैं. इस मकसद के लिए हम खादी इंडिया से संपर्क में हैं. इस पर जल्दी है फैसला लिया जाएगा.’

माल ने कहा कि खादी को लेकर विचार किया गया है क्योंकि यह सिंथेटिक मिश्रित सूती जिसे छात्र अभी पहन रहे हैं उसके बरक्स काफी आरामदायक है.

उन्होंने आगे कहा, ‘छात्रों के अभिभावकों की मांग रही है कि इस यूनिफार्म को बदला जाए.’

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अभी पूरे देश के 1200 केंद्रीय विद्यालयों में कुल 13 लाख छात्रों का नामांकन हुआ है.

खादी को बढ़ावा

कई शिक्षा संस्थान वर्तमान में खादी की बोली लगने के इंतजार में हैं. पिछले सप्ताह, सीबीएसई ने संबद्ध सभी स्कूलों के छात्रों को एक हफ्ते में/15 दिन में/महीने में स्वैच्छिक तौर पर खादी पहनना सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखा था.

सीबीएसई का यह पत्र 1 अक्टूबर को भेजा गया था जिसमें इसे ‘भारत के विरासत का कपड़ा’ कहा गया था. पत्र में लिखा है, ‘खादी न केवल हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्र के लाखों कारीगरों को रोजगार का अवसर देता है बल्कि एकता और बराबरी को भी बढ़ावा देता है. इसके अलावा खादी हाथ से बुना और हाथ से कता हुआ त्वचा के अनुकूल कपड़ा होता है जो कि कार्बन फुटप्रिंट नहीं छोड़ता है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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