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प्रदर्शन के दौरान टूटे नियम- जेएनयू ने हाईकोर्ट से छात्रों, पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की

जेएनयू ने याचिका दायर कर दावा किया कि छात्रों ने उच्च न्यायालय के 9 अगस्त 2017 के आदेश का ‘घोर उल्लंघन. कामकाज हुआ प्रभावित.

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जेएनयू में फीस बढ़ोतरी के विरोध में प्रशासनिक भवन पर प्रदर्शन करते छात्र, फाइल फोटो/ सूरज सिंह बिष्ट/ दिप्रिंट

नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू (जेएनयू) विश्वविद्यालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर छात्रों और पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्रवाई करने की मांग की है. अदालत द्वारा विश्वविद्यालय के प्रशासनिक खंड के 100 मीटर के दायरे में प्रदर्शन से रोक के आदेश का कथित तौर पर उल्लंघन करने के लिए कार्रवाई की मांग की गई है.

जेएनयू ने याचिका दायर कर दावा किया कि छात्रों ने उच्च न्यायालय के 9 अगस्त 2017 के आदेश का ‘घोर उल्लंघन’ करते हुए प्रशासनिक खंड के 100 मीटर के दायरे में प्रदर्शन किया, जिससे इसका रोजाना का कामकाज प्रभावित हुआ. विश्वविद्यालय का कामकाज 28 अक्टूबर से ही बाधित है.

इसने यह भी दावा किया कि पुलिस ने विश्वविद्यालय के अंदर कार्रवाई नहीं की और कानून-व्यवस्था बनाए नहीं रख सकी और प्रशासनिक खंड के पास अवरोध को नहीं हटा सकी. इस तरह पुलिस ने भी आदेश का उल्लंघन किया है.

इसने आरोप लगाया कि वहां से छात्रों को हटाने का प्रयास विफल रहा और मांग की कि अवमानना करने वालों (छात्र और पुलिस) पर अदालत अवमानना कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाए.

इसने दिल्ली पुलिस के आयुक्त अमूल्य पटनायक को निर्देश देने की मांग की कि छात्रों और उनके नेताओं को प्रशासनिक खंड के पास 100 मीटर की दूरी से हटाने और उनके अवमाननापूर्ण कृत्यों को रोकने में जेएनयू की मदद करें.

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जेएनयू के छात्र छात्रावास शुल्क वृद्धि के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.

छात्रों और पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की याचिका पर सुनवाई की तारीख शुक्रवार के लिए तय की गई है.

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