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जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद एहतियातन हिरासत में रखे चार नेता रिहा किए

अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त किये जाने के बाद हिरासत में रखे गए अन्य प्रमुख नेताओं में नेशनल कान्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और जे के पीपुल्स कान्फ्रेंस नेता सज्जाद गनी लोन शामिल हैं.

श्रीनगर में तैनात सुरक्षा बल, प्रतीकात्मक तस्वीर, प्रवीण जैन | दिप्रिंट
श्रीनगर में तैनात सुरक्षा बल, प्रतीकात्मक तस्वीर, प्रवीण जैन | दिप्रिंट

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एमएलए हॉस्टल में एहतियातन हिरासत में रखे गए चार नेताओं को रविवार को रिहा कर दिया जिसे अस्थायी तौर पर एक उपजेल में तब्दील कर दिया गया है. अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी.

अधिकारियों ने बताया कि रिहा किये गए नेताओं में से तीन नेशनल कान्फ्रेंस जबकि एक पीडीपी का है.

उन्होंने कहा कि चारों को उनके घरों को भेज दिया गया है और उनसे फिलहाल अपने घरों तक ही सीमित रहने को कहा गया है.

इन नेताओं में अब्दुल माजिद भट लरनी, गुलाम नबी भट और डा. मोहम्मद शफी (सभी नेशनल कान्फ्रेंस) और मोहम्मद यूसुफ भट (पीडीपी) शामिल हैं.

इन नेताओं को गत वर्ष पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त किये जाने के बाद कई अन्य नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और व्यापारियों के साथ हिरासत में रखा गया था.

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अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त किये जाने के बाद हिरासत में रखे गए अन्य प्रमुख नेताओं में नेशनल कान्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और जे के पीपुल्स कान्फ्रेंस नेता सज्जाद गनी लोन शामिल हैं.

इन नेताओं को अभी भी रिहा नहीं किया गया है.

फारुक अब्दुल्ला को जहां उनके गुपकर स्थित आवास में रखा गया है वहीं उनके पुत्र एवं नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को हरि निवास में हिरासत में रखा गया है.

चश्माशाही हट्स में रखी गईं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को अब श्रीनगर के बीचोंबीच स्थित एक सरकारी इमारत में स्थानांतरित कर दिया गया है.

फारुक अब्दुल्ला पर गत 17 सितम्बर को जन सुरक्षा अधिनियम लगाया गया था जिसे 16 दिसम्बर को तीन महीने के लिए नवीनीकृत कर दिया गया था.

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