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परमहंसाचार्य को ताजमहल में प्रवेश से एक बार फिर रोका गया, पूछा- क्या भगवा वस्त्र वाला नहीं जा सकता

तपस्विनी छावनी पीठाधीश्वर जगदगुरु परमहंसाचार्य को आगरा के ताजमहल पर प्रवेश से रोका गया. उन्होंने कहा कि टोपी पहनी होती तो प्रवेश मिल जाता लेकिन भगवा वस्त्र की वजह से रोका गया.

परमहंसाचार्य । वीडियो का स्क्रीन ग्रैब

नई दिल्लीः अयोध्या के संत आचार्य परमहंस को आगरा के ताजमहल में एक बार फिर घुसने से रोक दिया गया है. वे ताजमहल में घुसकर परशुराम जयंती मनाना चाह रहे थे. हालांकि, पुलिस ने उन्हें प्रवेश से पहले ही रोक लिया. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में वह कहते हुए सुने जा रहे हैं कि क्या सिर्फ टोपी वाला ही अंदर जा सकता है, परशुराम जयंती मनाने वाला या भगवा वस्त्र पहनने वाला अंदर नहीं जा सकता.

पिछले साल सितंबर में उन्होंने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि अगर 2 अक्टूबर तक भारत को हिंदू राष्ट्र नहीं घोषित किया गया तो को वे जल समाधि ले लेंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि केंद्र को मुसलमानों और ईसाइयों की राष्ट्रीयता को खत्म कर देना चाहिए.

इसके पूर्व 27 अप्रैल को तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगद्गगुरु परमहंस आचार्य ने कहा था कि भगवा वस्त्र पहने होने के कारण उन्हें ताजमहल में प्रवेश नहीं दिया गया. बाद में उन्होंने अपने द्वारा दिए गए एक वीडियो संदेश में कहा था कि वह दोबारा 5 मई को आकर वहां धर्म संसद आयोजित करेंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि ‘संविधान का अनुपालन’ करते हुए वे भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करेंगे और वहां शिव की प्रतिमा स्थापित करेंगे.

उन्होंने कहा था, ‘भगवा वस्त्र के कारण 27 अप्रैल को मुझे प्रवेश देने से रोका गया और मैं लौट आया. उसके बाद प्रदर्शन हुआ और राजकुमार पटेल (एएसआई अधिकारी) ने माफी मांगी और मुझे दोबारा आने के लिए आमंत्रित किया है. मैं पांच मई को ताजमहल जाऊंगा और वहां भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करूंगा.’

ताजमहल के बारे में उन्होंने बयान दिया था कि, ‘आगरा में तेजो महालय है जिसे मुगलों ने ताजमहल बना दिया था और इतिहास को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। वह भगवान शिव का मंदिर है.’


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