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एनजीटी ने लखवार परियोजना के लिए समिति गठित करने के अपने आदेश की समीक्षा की मांग ठुकराई

नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उस बहु-अनुशासनात्मक समिति के गठन के अपने आदेश की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है, जिसे उत्तराखंड में लखवार बहुउद्देशीय परियोजना पर एक रिपोर्ट पेश करने का काम सौंपा गया था।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि समीक्षा के आवेदन में कोई दम नहीं है, लिहाजा इसे खारिज किया जाता है।

पीठ ने कहा, “आवेदन में शिकायत की गई है कि मामले के प्रभावी निपटारे के लिए इसमें उभरने वाले मुद्दों पर अपनी राय देने के लिए एक बहु-अनुशासनात्मक समिति का गठन करना अधिकार क्षेत्र के बाहर है। ऐसे में समिति का गठन उचित नहीं है।”

उसने कहा, “उचित विचार करने के बाद हम समीक्षा के आवेदन में कोई दम नहीं पाते हैं। एनजीटी के निर्णय से संबंधित किसी भी मुद्दे पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने का इस अधिकरण का अधिकार क्षेत्र कानून की दृष्टि में सवालों से परे है।”

एनजीटी ने परियोजना की व्यवहार्यता, पर्यावरण पर इसके प्रतिकूल प्रभाव को कम करने और निवासियों के पुनर्वास के बारे में अध्ययन करने के लिए जल संसाधन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन किया था।

पीठ ने कहा था कि ये ‍विषय विशेषज्ञ अपने-अपने क्षेत्रों पर गौर करेंगे और डेटा को सामूहिक रूप से मिलान किया जाएगा।

गत 20 जनवरी को जारी आदेश में एनजीटी ने समिति को ‘‘उपलब्ध डेटा या आने वाले समय में जुटाए जाने वाले डेटा’’ के संबंध में दो महीने के भीतर अपना अध्ययन पूरा करने का निर्देश दिया था।

अधिकरण ने समिति को अपना अध्ययन पूरा करने के लिए चार महीने का समय दिया था और 30 जून या उससे पहले एनजीटी के समक्ष एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड की लखवार बहुउद्देश्यीय परियोजना के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की ओर से दी गई पर्यावरण मंजूरी के खिलाफ पर्यावरण कार्यकर्ता मनोज मिश्रा द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

लखवार बहुउद्देशीय परियोजना से 300 मेगावाट बिजली पैदा होगी। इसके जलाशय में मौजूद 33 करोड़ घन मीटर पानी उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली को सिंचाई व पीने के लिए जल की आपूर्ति करेगा।

भाषा पारुल दिलीप

दिलीप

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