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कोविड में बेहतरीन रिपोर्टिंग के लिए दिप्रिंट को मिला IPI इंडिया अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म

दिप्रिंट में यह पुरस्कार ज्योति यादव, सोनिया अग्रवाल, प्रवीण जैन, मनीषा मोंडल, सूरज सिंह बिष्ट, फातिमा खान और अनीशा बेदी को मिला.

अवार्ड प्राप्त करने के बाद दिप्रिंट की टीम | फोटो: दिप्रिंट

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौरान बेहतरीन रिपोर्टिंग करने के लिए दिप्रिंट को इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट (आईपीआई) इंडिया अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म 2022 से सम्मानित किया गया. यह अवार्ड दिप्रिंट के युवा पत्रकारों के द्वारा कोरोना महामारी के दौरान साहसपूर्ण रिपोर्टिंग करने और एक्सलूसिव रिपोर्ट दुनिया के सामने लाने के लिए दिया गया.

अवार्ड के लिए दिप्रिंट का चयन सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस मदन बी. लोकुल की अध्यक्षता में एडिटर्स और प्रतिष्ठित लोगों के एक समूह ने किया.

दिप्रिंट में यह पुरस्कार ज्योति यादव, सोनिया अग्रवाल, प्रवीण जैन, मनीषा मोंडल, सूरज सिंह बिष्ट, फातिमा खान और अनीशा बेदी को मिला.

दिप्रिंट के अलावा एनडीटीवी के सौरभ शुक्ला को भी यह अवार्ड मिला. सौरभ को अवार्ड हरिद्वार हेट स्पीच मामले को उजागर करने के लिए दिया गया.

कंस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित अवार्ड समारोह में भारत के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस यू यू ललित, जस्टिस मदन बी लोकुर, फिलिप मैथ्यू, एन रवि और दिप्रिंट के एडिटर इन चीफ शेखर गुप्ता मौजूद रहे.

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72 साल पहले न्यूयॉर्क में 15 देशों के संपादकों के एक समूह की तरफ से स्थापित किया गया आईपीआई अब एक वैश्विक संगठन बन चुका है, जिसका लक्ष्य प्रेस की आजादी को नए मुकाम पर पहुंचाना है. वियना स्थित आईपीआई विभिन्न राष्ट्रों के बीच सटीक और संतुलित खबरों के मुक्त आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रेस की स्वतंत्रता के किसी भी तरह से उल्लंघन और सूचना के मुक्त प्रवाह पर पाबंदी जैसी किसी भी स्थिति में यह सरकारों और संगठनों के खिलाफ विरोध जताकर प्रेस की आजादी की रक्षा करने में सबसे आगे रहा है.


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