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भारत में कोरोनावायरस फैलने की दर धीमी पड़ी, सामने आए 1553 नए मामले

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि लॉकडाउन के पहले जहां 3.4 दिन में मामले दोगुने हो रहे थे, वहीं अब मामलों के दोगुना होने में 7.5 दिन का समय लग रहा है.

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य ने राहत भरी जानकारी देते हुए कहा कि भारत में कोविड- 19 के मामलों के दोगुना होनी की रफ्तार पहले से काफ़ी कम हो गई है. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय के सह सचिव लव अग्रवाल ने ये भी बताया कि कल यानी रविवार से अब तक कोविड-19 के कुल 1553 मामले सामने आए थे. इसकी वजह से कुल मामले बढ़कर 17,265 हो गए हैं. वहीं, पिछले 24 घंटों में 36 लोगों को अपनी जानें गंवानी पड़ी है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधित करते अग्रवाल ने कहा कि भारत में कोविड- 19 के मामलों के दोगुना होने की दर घटी है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के पहले जहां 3.4 दिन में मामले दोगुने हो रहे थे, वहीं अब मामलों के दोगुना होने में 7.5 दिन का समय लगता है. उन्होंने कहा कि ये 18 राज्यों से 19 अप्रैल तक मिले डाटा पर आधारित जानकारी है, जो कि राष्ट्रीय औसत से बेहतर है.

उन्होंने कहा कि पिछले 28 दिनों से पुडुचेरी के मामले और कर्नाटक को कोडागु के अलावा उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल से कोविड-19 कोई नया मामला सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि जिन ज़िलों में पिछले 28 दिनों से कोई नए मामले सामने नहीं आए उनकी संख्या बढ़कर 59 हो गई है और गोवा कोविड- 19 मुक्त हो गया है.

महाराष्ट्र में कोविड- 19 पॉज़िटिव पाए गए पत्रकारों से जुड़े एक सवाल के जवाब में अग्रवाल ने कहा कि पत्रकारों का ऐसे समय में पॉज़िटिव पाया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हालांकि, उन्होंने सलाह दी कि पत्रकारों द्वारा अपना कर्तव्य निभाना ज़रूरी है, ऐसे करते हुए उन्हें तमाम सतर्कताएं बरतनी चाहिए.

इंडियन काउंसिल फ़ॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के आर गंगाखेड़कर ने कहा, ‘हमें ऐसी शिकायत मिली है कि पश्चिम बंगाल में आरटीपीसीआर किट ठीक से काम नहीं कर रहे. उन्होंने कहा कि किट्स को यूएस एफ़डीए से मान्यता प्राप्त है और ये अच्छे स्तर के होते हैं.’

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हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि इन किट्स के साथ इकलौती बात जिसका ध्यान रखना होता है वो ये है कि इन्हें 20 डिग्री से कम तापमान में रखना होता है, नहीं तो ऐसा हो सकता है कि ये सही नतीजे न दें.

गृह मंत्रालय ने जानकारी दी कि केरल सरकार ने लॉकडाउन में जो नरमी बरती उसी पर चिंता जताते हुए गृह मंत्रालय के केरल सरकार को लिखा है. गृह मंत्रालय का कहना है कि कोरल ने लॉकडाउन के गाइडलाइन में जो बदलाव किया है वो उन निर्देशों का उल्लंघन करते हैं जो गृह मंत्रालय द्वारा डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत जारी किए गए हैं.

कृषी मंत्रालय ने जानकारी दी की लॉकडाउन के बावजूद फ़सलों की बुआई पहले से बेहतर हुई है. पिछले साल की तुलना में ये 36 प्रतिशत ज़्यादा हुई है. ख़ास तौर से इसमें चावल की खेती शामिल है. उन्होंने ये भी कहा कि जैसा कि सबको पता है कि खेती से जुड़ी गतिविधियों को लॉकडाउन से बाहर रखा गया.

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