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भारत ने एलओसी के जरिये पाकिस्तान के साथ व्यापार पर लगाई ब्रेक

यह कार्रवाई नियंत्रण रेखा के पार व्यापिरक रास्ते का गलत इस्तेमाल होने के कारण की गई है. जिसके जरिये अवैध हथियार, मादक पदार्थ और नकली नोट आदि की सप्लाई हो रही है.

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सीआरपीएफ जवान की तस्वीर, फाइल फोटो। पीटीआई

नई दिल्लीः भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ गुरुवार को नियंत्रण रेखा के पार व्यापार को अस्थाई तौर पर रोकने का फैसला किया है. यह आदेश 19 अप्रैल से प्रभावी होगा. मंत्रालय ने यह कार्रवाई नियंत्रण रेखा के पार व्यापारिक रास्ते के गलत इस्तेमाल होने के कारण की है. इसके जरिये पाकिस्तान स्थित गलत तत्व अवैध हथियार, मादक पदार्थ और नकली नोट आदि की सप्लाई कर रहे हैं.

एएनआई की खबर के मुताबिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पाया है कि काफी अधिक मात्रा में अवैध व्यापारिक गतिविधियां एलओसी के पार से चल रही हैं. कुछ लोग जो कि राज्य में प्रतिबंधित संगठनों से काफी नजदीकी संबंध रखते हैं वे यहां आतंकवाद या अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं. इस वजह से जम्मू एंड कश्मीर के सलामाबाद और चक्कन द बाग में एलओसी पार व्यापार रोकने का फैसला किया गया है.

वहीं सरकार यहां पर व्यापार को लेकर सख्त नियामक और प्रवर्तन तंत्र पर भी काम कर रही है. इस पर विभिन्न एजेंसियों से राय ली जाएगी. इसके बाद एलओसी के पार व्यापार को फिर से खोलने पर विचार किया जाएगा.

इससे पहले भारत ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान से कड़ा व्यापारिक फैसला लिया था. सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफन) का दर्जा वापस ले लिया था. मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी कि जैसा नाम से ही स्पष्ट है, सर्वाधिक तवज्जो दिया जाने वाला देश. खासकर व्यापारिक दृष्टि से. विश्व व

एमएफएन का दर्जा कब वापस लिया जा सकता है

विश्व व्यापार संगठन की नियमावली के आर्टिकल 21बी के अनुसार किसी देश को दिया गया मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दोनों देशों के बीच सुरक्षा संबंधी विवाद होने के बाद वापस लिया जा सकता है. जिसके ताहत डब्लूटीओ की सारी शर्तें पूरी करनी होती है.

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