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PDA की शिकायतों पर हैदराबाद के पार्क ने बैन की अविवाहित जोड़ों की एंट्री, विरोध के बाद हटाया बैनर

जीएचएमसी ने दो दिन पहले इंदिरा पार्क के बाहर बैनर लगा दिया था जिसपर लिखा था ‘अविवाहित जोड़ों का प्रवेश वर्जित है’. इससे पहले शिकायतें मिली थीं कि वहां जोड़े ‘अभद्र शारीरिक हरकतें’ करते हैं.

जीएचएमसी ने हैदराबाद के इंदिरा पार्क के बाहर लगाया पोस्टर जिसपर विवाद हो रहा है | ट्विटर /@meeracomposes

हैदराबाद: हैदराबाद के नगर निकाय को इस हफ्ते जन आक्रोश का सामना करना पड़ा क्योंकि शहर के सबसे प्रमुख मनोरंजन स्थल, 68 एकड़ में फैले इंदिरा पार्क में अविवाहित जोड़ों का प्रवेश वर्जित करार दे दिया गया. ये फरमान जो सार्वजनिक स्थानों पर तथाकथित प्रेम-प्रदर्शन (पीडीए) रोकने के लिए जारी किया गया था, दो दिन में वापस ले लिया गया.

विवाद की जड़ एक बैनर था, जिसे पार्क प्रबंधन ने पार्क के बाहर लगा दिया था, जो ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (जीएचएमसी) के अंतर्गत आता है. उस पर लिखा था, ‘अविवाहित जोड़ों को पार्क में आने की अनुमति नहीं है’.

बैनर के फोटो वायरल हो गए, जिसपर शहर वासियों के व्यंग आने लगे, जिन्होंने इस नियम को ‘एक नए स्तर की नैतिक पुलिसिंग’ करार दिया.

बृहस्पतिवार को बैनर हटाए जाते समय, जीएचएमसी के अधिकारी ने स्वीकार किया कि उसके ‘शब्द गलत’ थे, हालांकि उन्होंने उसके पीछे की मंशा का बचाव किया.

दिप्रिंट से बात करते हुए जीएचएमसी की शहरी जैव विविधता विंग के उप-निदेशक जे मुरलीधर ने कहा, ‘बैनर लगाने का फैसला शहरियों की अनगिनत कॉल्स मिलने के बाद किया गया था, जिनकी शिकायत थी कि खासकर रात के समय, वहां पर जोड़े चिपटने जैसी अभद्र हरकतें करते हैं’.

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उन्होंने आगे कहा कि इसके पीछे मंशा ये संदेश देने की थी कि सार्वजनिक पार्कों में लोगों को ‘शोभनीय व्यवहार’ करना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘हमने हर तरह से कोशिश की, कि लोगों को सार्वजनिक रूप से ऐसा अशोभनीय बर्ताव करने से रोका जा सके- वो लिपटते-चिपटते और शारीरिक रूप से एक दूसरे से प्रेम प्रकट करते हैं…क्या दूसरे लोगों के लिए ये सब देखना शर्मनाक नहीं है?’

मुरलीधर ने आगे कहा, ‘बच्चे, बुज़ुर्ग और परिवार सब पार्क में आते हैं, इस मामले में हमें अनगिनत शिकायतें मिली थीं. बल्कि, हमारे बैनर लगाने के बाद शहरियों की ओर से हमें धन्यवाद देने के लिए बहुत सी कॉल्स आईं’.

शहर के बीचो-बीच स्थित इंदिरा पार्क, हैदराबाद के सबसे पुराने पार्कों में से है और एक बड़ा पर्यटन आकर्षण है. इसका नाम भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया है.

मुरलीधर ने कहा कि जीएचएमसी की ‘जिम्मेदारी है कि पार्क की प्रतिष्ठा को बनाए रखा जाए’.

उन्होंने आगे कहा, ‘अगर हम ऐसी हरकतों को बढ़ावा देंगे, तो ये पार्क ऐसी चीज़ों के लिए बदनाम हो जाएगा’. उनका कहना था कि पार्क में मुश्किल से चार सुरक्षा गार्ड्स हैं और उनके लिए जोड़ों पर नज़र रखना मुश्किल है और यही कारण है कि यहां पर बैनर लगाया गया था.

उन्होंने आगे कहा कि विभाग सही शब्दों के साथ, पार्क में बैनर लगाने की तैयारी कर रहा है, जिसमें जोड़ों से शोभनीय व्यवहार का अनुरोध किया जाएगा और लोगों से कहा जाएगा कि उनपर नज़र रखने के लिए सिक्योरिटी गार्ड्स को सूचित करें.


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ऐसा पहली बार नहीं है

जिन लोगों ने विवादास्पद बैनर के खिलाफ आवाज़ उठाई, उनमें से एक थीं कार्यकर्ता मीरा संघमित्रा, जिन्होंने हैदराबाद मेयर विजय लक्ष्मी गड़वाल को टैग करते हुए ट्वीट किया कि ये कदम असंवैधानिक था.

बाद में एक जवाब में जीएचएमसी ने कहा कि बैनर को हटा लिया गया है.

सितंबर 2019 में शहर के संजीवैया पार्क को, जिसे जोड़ों के लिए सबसे लोकप्रिय स्थान के तौर पर जाना जाता था, ‘केवल बच्चों का पार्क’ बना दिया गया. उस समय पार्क में लगाए गए बैनर पर लिखा था कि 14 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को अंदर आने नहीं दिया जाएगा, सिवाय उनके जो बच्चों के सहायकों के तौर पर आएंगे.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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