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हैदराबाद में मॉल्स, पब्स, पार्कों में प्रवेश के लिए टीकाकरण को अनिवार्य कर सकता है तेलंगाना

तेलंगाना स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव में सिफारिश की गई है, कि सार्वजनिक स्थानों में दाख़िल होने के लिए, लोगों को टीके का कम से कम एक डोज़ लगा होना चाहिए; सरकारी दफ्तरों को भी इस सूची में जोड़ा जा सकता है.

अगस्त 2021 में हैदराबाद के बाज़ार में लोगों की भीड़ | एएनआई

हैदराबाद: तेलंगाना सरकार राजधानी शहर हैदराबाद में मॉल्स, मल्टीप्लेक्सेज़, और पब्स जैसे सार्वजनिक स्थलों पर, केवल टीका लगे हुए लोगों को दाख़िले की अनुमति देने पर विचार कर रही है, ताकि कोविड की तीसरी संभावित लहर से बचा जा सके.

राज्य सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक जी श्रीनिवास राव ने दिप्रिंट से कहा, कि इस नियम को पहले चरण में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) की सीमाओं के अंदर लागू किया जाएगा, और बाद में उसे अन्य ज़िलों तक फैलाया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने इस आशय का एक प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा है, जिसपर अभी निर्णय लिया जाना है.

राव ने कहा कि प्रस्ताव के अनुसार, सार्वजनिक स्थलों में दाख़िल होने के लिए, टीके का कम से कम एक डोज़ अनिवार्य होगा, और ये शासनादेश सितंबर के अंत में जारी किया जा सकता है.

स्वास्थ्य विभाग के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, कि मूवी थिएटर्स, रेस्ट्रॉन्ट्स, पार्कों, और अन्य मनोरंजन स्थलों के अलावा, सरकारी दफ्तर भी इस सूची में शामिल किए जा सकते हैं.

जीएचएमसी की सीमाओं में हैदराबाद शहर, और मेड़चल-मल्कागिरी, रंगारेड्डी तथा संगारेड्डी ज़िलों के कुछ हिस्से आते हैं.

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‘तीसरी लहर के मद्देनज़र एहतियात बनाए रखना ज़रूरी’

राव ने कहा कि तीसरी लहर आने की संभावना को देखते हुए, इस नए शासनादेश पर विचार किया जा रहा है.

राव ने कहा, ‘बहुत आवश्यक है कि हम जितना संभव हो उतनी एहतियात करें, चूंकि हम संभवत: तीसरी लहर की ओर जा रहे हैं. अगर ये शासनादेश आ जाता है, तो कम से कम लोग टीका लगवाने के लिए ज़्यादा तत्पर होंगे. और चूंकि हमारे यहां कोई कड़ा लॉकडाउन नहीं है, और रोज़मर्रा की गतिविधियां फिर से शुरू हो गई हैं, इसलिए ये क़दम एक अनिवार्य उपाय है. अगर राज्य सरकार प्रस्ताव को मंज़ूरी दे देती है, तो हम इस नियम को सितंबर अंत से लागू होते देख सकते हैं’.

उन्होंने आगे कहा कि ज़िलों में टीकाकरण की गति बढ़ाए जाने की तैयारियां की जा रही हैं.

जीएचएमसी ने अगस्त में एक 15-दिवसीय टीकाकरण अभियान शुरू किया था, जिसका उद्देश्य शहर में 18 वर्ष से अधिक की आबादी का 100 प्रति टीकाकरण करना था. 23 अगस्त को शुरू किए गए इस अभियान में, 4,846 कॉलोनियों, स्लम्स, और जीएचएमसी के अन्य क्षेत्रों, तथा सिकंदराबाद केंटोनमेंट बोर्ड (एससीबी) को कवर करने का लक्ष्य रखा गया था.


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जीएचएमसी के 150 और एससीबी के 25 इलाक़ों में, 175 मोबाइल वैक्सीन वाहन तैनात किए गए थे. हर वाहन को दो टीकाकरण स्टाफ, और एक डेटा एंट्री ऑपरेटर संचालित कर रहे थे.

दिप्रिंट के साथ साझा किए गए जीएचएमसी के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार तक, क़रीब 4,391 कॉलोनियों को 100 प्रतिशत टीकाकृत घोषित कर दिया गया था.

इसी साल, जीएचएमसी ने प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिए शहर भर में टीकाकरण केंद्र स्थापित किए थे. अभियान में एलपीजी डिलीवरी स्टाफ, ऑटो ड्राइवर्स, कैब ड्राइवर्स, और सब्ज़ी मंडियों में विक्रेताओं को कवर करने की कोशिश की गई, जिन्हें राज्य सरकार ने ‘सुपर स्प्रैडर्स’ बताया था.

लेकिन कुछ केंद्रों पर वैक्सीन की कमी की शिकायतें देखने में आईं.

4 सितंबर तक, तेलंगाना की कुल 3.52 करोड़ आबादी में से, 1.86 करोड़ लोगों को टीका लग चुका है. इनमें से 1.37 करोड़ लोगों को पहली, और 49,25,151 लोगों को दूसरी ख़ुराक मिल चुकी है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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