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भारत में विदेशी चंदे पर पाबंदी के कारण मानवीय कार्यों पर असर पड़ेगा: ऑक्सफैम इंडिया

गृह मंत्रालाय द्वारा जारी उन संगठनों की सूची में ऑक्सफैम इंडिया भी शामिल है जिनका एफसीआरए पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं किया गया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो: ट्विटर/ @OxfamIndia

नई दिल्ली: ऑक्सफैम इंडिया ने कहा है कि विदेशी चंदा नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत दिए जाने वाले लाइसेंस का नवीनीकरण करने से इनकार के सरकारी फैसले से देश के 16 राज्यों में संगठन के चल रहे अहम मानवीय और सामाजिक कार्य बुरी तरह से प्रभावित होंगे.

ऑक्सफैम इंडिया ने एक बयान में कहा कि इनमें ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करना, जीवन रक्षक दवाएं और उपकरणों की आपूर्ति करना जैसे ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर, कोविड-19 से सबसे अधिक असुरक्षित समदायों को भोजन मुहैया कराने जैसे कार्य शामिल हैं जो प्रभावित होंगे.

ऑक्सफैम इंडिया की पूर्व सीईओ निशा अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा कि ऑक्सफैम इंडिया जैसे पुराने और स्थापित एनजीओ के खिलाफ इस तरह का कदम भयानक है. उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करती हूं कि सरकार इस पर फिर से विचार करेगी.

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उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालाय द्वारा जारी उन संगठनों की सूची में ऑक्सफैम इंडिया भी शामिल है जिनका एफसीआरए पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं किया गया है.

बता दें कि एक जनवरी 2022 से ऑक्सफैम इंडिया के लाइसेंस की मान्यता खत्म हो गई है. मोदी सरकार ने मदर टेरेसा की संस्था द मिशनरीज ऑफ चैरिटी समेत कई एनजीओ के विदेशी फंडिंग के लाइसेंस रद्द किए हैं.

भारत में सभी एनजीओ को विदेशी फंडिंग के लिए एफसीआरए के तहत पंजीकरण कराना होता है.


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