होम देश 2015 से 8 लाख से अधिक भारतीयों ने छोड़ी नागरिकता, गृह मंत्रालय...

2015 से 8 लाख से अधिक भारतीयों ने छोड़ी नागरिकता, गृह मंत्रालय ने लोकसभा को बताया

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा को ये भी बताया, कि भारतीय नागरिकता को ऑनलाइन त्यागने के लिए एक प्रक्रिया स्थापित की गई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर | लोकसभा का एक सत्र | फाइल फोटो : Twitter/@DrRanjithReddy

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को लोकसभा को सूचित किया कि 2015 के बाद से कुल 8,81,254 भारतीय लोगों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है.

संसद में रखे गए आंकड़ों के अनुसार, 2015 में कुल 1,31,489 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी. 2016 में ये संख्या 1,41,603 थी. 2017 में 1,33,049 भारतीय लोगों ने अपनी नागरिकता छोड़ी. 2018 में ये संख्या 1,34,561 रही. 2019 में ये संख्या बढ़कर 1,44,017 हो गई, और 2020 में घटकर 85,242 पर आ गई. 2021 में अपनी नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की ये संख्या, फिर से बढ़कर 1,11,287 हो गई (30 सितंबर तक).

डाटा से पता चलता है कि अधिकांश भारतीयों ने अपनी भारतीय नागरिकता साल 2019 में छोड़ दी.

इस बारे में सवाल तेलंगाना राष्ट्रीय समिति के नेता कोटा प्रभाकर रेड्डी ने उठाया था, और उसका जवाब (गृह) राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दिया.

भारत किसी को दोहरी नागरिकता प्रदान नहीं करता, इसलिए दूसरे देशों की नागरिकता चाह रहे लोगों को अपना भारतीय पासपोर्ट छोड़ना होता है. लेकिन, जो भारतीय लोग नागरिकता छोड़ते हैं, वो फिर भी ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिससे उन्हें भारत में रहने और कारोबार चलाने का फायदा मिलता है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

30 नवंबर को मोदी सरकार ने संसद को बताया था कि 2017 से सितंबर 2021 के बीच 6 लाख से अधिक भारतीयों ने, दूसरे देश का नागरिक बनने के लिए भारत की नागरिकता छोड़ दी.

लोकसभा को अपने लिखित जवाब में नित्यानंद राय ने कहा था कि 2017 में 1.33 लाख भारतीय लोगों ने अपनी नागरिकता छोड़ी. 2018 में ये संख्या 1.34 लाख थी, 2019 में 1.44 लाख, 2020 में 85,248 थी और 2021 में यह संख्या 30 सितंबर तक 1.11 लाख थी.


यह भी पढ़ें: ‘निरंतरता, स्वतंत्रता’– CBI और ED प्रमुखों का कार्यकाल बढ़ाने के लिए सरकार ने क्यों पेश किया बिल


नागरिकता ऑनलाइन भी छोड़ी जा सकती है

ये पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने ऐसे लोगों के लिए प्रक्रिया को आसान किया है, जो अपनी नागरिकता छोड़ना चाहते हैं, और क्या इस काम को ऑनलाइन किया जा सकता है, राय ने कहा, ‘नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 8 के प्रावधानों को नागरिकता नियम 2009 के नियम 23 के साथ पढ़ने से, इनके अंतर्गत भारतीय नागरिकता को छोड़ा जा सकता है’.

इस सवाल के जवाब में कि क्या ये काम ऑनलाइन किया जा सकता है, राय ने कहा, ‘भारतीय नागरिकता छोड़ने के लिए ऑनलाइन पोर्टल को अगस्त 2021 में चालू किया गया है. इसे छोड़ने के आवेदनों की शुरू से अंत तक प्रॉसेसिंग, ऑनलाइन सिटिज़नशिप मॉड्यूल में की जाती है’.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

Exit mobile version