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सर्दियों में बढ़ते दिल के दौरे, आंखों से संबंधित जटिलताओं के प्रति स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आगाह किया

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाषा) जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती जा रही है, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दिल के दौरे के बढ़ते खतरों को लेकर चिंता व्यक्त की है तथा ठंड के महीनों के दौरान आंखों की निवारक देखभाल के महत्व पर भी जोर दिया है।

विशेषज्ञों ने कहा कि हाल के अध्ययनों में भी सर्दियों के मौसम के दौरान दिल के दौरे की दर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि हाड़ कंपकंपाती ठंड और अद्वितीय मौसमी कारक हृदय संबंधी समस्याओं और आंखों से संबंधित जटिलताओं की बढ़ती संवेदनशीलता में योगदान करते हैं।

चिकित्सकों ने कहा कि ठंड का मौसम रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है और रक्तचाप बढ़ाता है, जिससे संभावित रूप से दिल का दौरा पड़ सकता है, खासकर वैसे व्यक्तियों के लिए जिन्हें पहले से हृदय संबंधी समस्याएं मौजूद हैं।

उन्होंने जनता को सर्दियों के दौरान नियमित व्यायाम, दिल को स्वस्थ रखने वाले आहार और शरीर को पर्याप्त गर्मी प्रदान करके दिल के स्वास्थ्य के बारे में सतर्क रहने की सलाह दी है।

‘उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स’ के वरिष्ठ सलाहकार इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विजय कुमार ने कहा, ‘सर्दियों के मौसम के दौरान दिल के दौरे के बढ़ते जोखिम से निपटना जरूरी है। यह घटना पर्यावरणीय कारकों के संगम के कारण होती है।’

उन्होंने कहा, ‘‘इस दौरान प्रदूषण के स्तर में वृद्धि न केवल सूजन को बढ़ाती है, बल्कि अस्थमा और धूम्रपान करने से उत्पन्न बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए श्वसन संबंधी चुनौतियां भी बढ़ाती है।’’

कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में सलाहकार हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अभिनीत गुप्ता ने कहा कि ठंड के मौसम में रक्त वाहिकाओं का संकुचन विशेष रूप से उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करता है, जिससे दुर्बल मस्तिष्क स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।

उन्होंने कहा, ‘‘परेशान करने वाली बात यह है कि आंकड़ों से पता चलता है कि गर्मियों के महीनों की तुलना में सर्दियों में दिल के दौरे के कारण मृत्यु दर अधिक होती है।’’

डॉ. गुप्ता ने कहा, ‘‘हालांकि, इन जोखिमों का मुकाबला करने के लिए सक्रिय जीवनशैली उपायों को अपनाने की उम्मीद है। नियमित व्यायाम, सामान्य खान-पान की आदतें और गुनगुने पानी के साथ शरीर में पानी की आपूर्ति सर्दियों में होने वाले हृदयाघात की घटना को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।’

वैश्विक गैर-लाभकारी संगठन ऑर्बिस इंटरनेशनल के कंट्री-निदेशक डॉ. ऋषि राज बोरा ने सर्दियों के दौरान आंखों की देखभाल के महत्व पर जोर दिया। ऑर्बिस उस तरह के अंधेपन की रोकथाम और उपचार के लिए समर्पित है, जिसे टाला जा सकता हो।

उन्होंने कहा कि सर्दियों के महीनों में आंखों का अपेक्षित स्वास्थ्य बनाए रखने में विशिष्ट चुनौतियां पेश होती हैं, क्योंकि शुष्क हवा, घर के अंदर की गर्मी और कठोर हवाओं के संपर्क में आने से आंखें शुष्क हो सकती हैं, जलन हो सकती है और इससे भी अधिक गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है।

डॉ बोरा ने कहा, ‘इस मौसम के दौरान शरीर में पानी की कमी बनाये रखना, कृत्रिम आंसू का इस्तेमाल करना और कठोर मौसम की स्थिति से आंखों की रक्षा करना जैसे निवारक उपाय आंखों को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।’

भाषा सुरेश रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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