होम देश ग्राउंड रिपोर्ट: सीआरपीएफ, दिल्ली पुलिस, दर्जनों दमकल और धमाकों की आवाज़ के...

ग्राउंड रिपोर्ट: सीआरपीएफ, दिल्ली पुलिस, दर्जनों दमकल और धमाकों की आवाज़ के बीच कैसे हैं पूर्वोत्तर दिल्ली के हालात

दोनों तरफ़ दिल्ली पुलिस की तैनाती के बीच आज़ादी और गोली मारो के नारे लगाए जा रहें हैं. आलम ये है कि धार्मिक स्थलों से शांति की अपील करनी पड़ रही है.

पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद खड़े सुरक्षाकर्मी | फोटो : तरूण कृष्णा/दिप्रिंट

बाबरपुर/मौजपुर(नई दिल्ली): पूर्वोत्तर दिल्ली में रविवार को शुरू हुई सीएए विरोधियों और समर्थकों के बीच की हिंसा मंगलवार को भी जारी है. जाफराबाद और बाबरपुर (मौजपुर मेट्रो के बीच) दोनों तरफ़ समर्थकों और विरोधियों का जमावड़ा है. हालात क़ाबू करने के लिए सीआरपीएफ़ को बुलाया गया है.

दिल्ली पुलिस द्वारा बाबरपुर और जाफराबाद के बीच आंसू गैस के गोलों का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है. बाबरपुर की तरफ़ से भीड़ छंट गई है. जाफराबाद की तरफ़ से लगातार आंसू गैस छोड़े जाने की आवाज़ आ रही है. उन्नाव से भाजपा के सांसद साक्षी महाराज को इस इलाक़े में घूमते देखा गया है.

पुलिस का कहना है, ‘भजनपुरा की तरफ़ काफ़ी हिंसा हुई है. इसी इलाक़े में फ़ायर ब्रिगेड की गाड़ियों से लेकर सीआरपीएफ़ तक को भेजा गया है. आगे जाना ख़तरे से ख़ाली नहीं है.’ नाम न बताने की शर्त पर पुलिसकर्मी का कहना है कि बुधवार से पहले हालात के सामान्य होने की उम्मीद नहीं है.

दोनों तरफ़ दिल्ली पुलिस की तैनाती के बीच आज़ादी और गोली मारो के नारे लगाए जा रहें हैं. आलम ये है कि धार्मिक स्थलों से शांति की अपील करनी पड़ रही है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

धार्मिक स्थल से की गई ऐसी ही एक अपील में कहा गया, ‘प्रदर्शन करना हमारा संवैधानिक अधिकार है. लेकिन हम इसका ख़्याल रखें कि अगर हम उत्तेजित होंगे तो हमारे बीच मौजूद हमारे विरोधी इसका फ़ायदा उठा सकते हैं. कृप्या शांति बनाए रखें.’ बावजूद इसके माहौल को तनावपूर्ण बनाने की कोई कसर नहीं बाक़ी छोड़ी जा रही है.

इलाके में दंगा नियंत्रण वाहन, दिल्ली पुलिया की बसें-गाड़ियां, वॉटर कैनन से लेकर बसों में भरकर लाई गई सीआरपीएफ इस बात की गवाही देते हैं कि हालात क़ाबू से बाहर हैं. हालांकि यहां मौजूद दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘सब काबू में है.’

ये पूछने पर कि जब सब काबू में हैं तो आंसू गैस के गोलों की आवाज़ और सीआरपीएफ़ क्या कर रहे हैं. अधिकारी ने जवाब दिया कि ये हालात पर काबू बनाए रखने के लिए है. इलाके में सफ़र कर रहे लोगों में भारी अनिश्चितता का माहौल है.


यह भी पढ़ें: दिल्ली के हालात पर उच्चस्तरीय बैठक में बोले शाह- नहीं सुधरी स्थिति तो बुलाई जाएगी सेना


बैट्री रिक्शा से वेलकम से सीलमपुर की तरफ़ जा रहे मज़दूरी का काम करने वाले 22 साल के गुफ़रान ने कहा, ‘ये बलवा यहीं नहीं थमेगा. मामला हाथ से निकल गया है. इन्होंने (सरकार ने) ऐसी चीज़ कर दी हैं जो इन्हें नहीं करनी चाहिए थी.’

इलाक़े में मौजूद पुलिस और मीडिया वालों को काफ़ी मशक़्क़त का सामना करना पड़ रहा है. दोनों तरफ़ के लोगों की राय है कि मीडिया उनके साथ नहीं है.

बाबरपुर की तरफ़ मौजूद सीएए समर्थक 32 साल के रवि इसके लिए गोपाल और शाहरुख़ द्वारा गोली चलाए जाने की घटनाओं का ज़िक्र करते हुए कहते हैं, ‘जब उसने (गोपाल ने) जामिया में गोली चलाई तो सबने उसे आतंकी बता दिया लेकिन जब शाहरुख़ का नाम आया तो मीडिया चुप है.’

ऐसी कड़वाहट के बीच मीडिया वालों को यहां वहां घेर लिया जा रहा है. इलाके में हर गली चौराहे पर कम से कम दर्जन भर लोग खड़े मिलते हैं और कहीं कहीं तो दर्जनों लोगों का जमावड़ा है. फिलहाल संख्या बल में सीएए विरोधी भारी हैं और जाफराबाद मेट्रो के पास दो जगहों पर सीएए विरोधी प्रदर्शन जारी है.

मेट्रो स्टेशन के ठीक नीचे चल रहे सीएए विरोधी प्रदर्शन में माइक संभाले महिला ने कहा, ‘आज ये हमारे खिलाफ धर्म के भेदभाव वाला ये काला कानून लाए हैं. कल जातियों के ख़िलाफ यही किया जाएगा. इसलिए हम एक इंच पीछे नहीं हटेंगे.’

सीएए के विरोध में शनिवार को महिलाएं जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीच बैठ गईं. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी से पिछले चुनाव में विधायक का चुनाव लड़ने वाले कपिल मिश्रा ने दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में धमकी दी थी कि अगर ये लोग ट्रंप के जाने से पहले नहीं उठते तो दिल्ली पुलिस की भी नहीं सुनी जाएगी.


यह भी पढ़ें: केजरीवाल बोले, पुलिस ऊपर से आदेश का करती रही इंतजार बिगड़े इसीलिए हालात, करूंगा गृहमंत्री से बात


सीएए विरोधी 55 साल के बुजुर्ग जावेद अली ने कहा, ‘सब शांति से चल रहा था. यहां (जाफराबाद) मेट्रो से थोड़ी दूरी पर पहले से एक प्रदर्शन चल रहा है. कोई हिंसा नहीं हुई. मेट्रो के नीचे महिलाएं शनिवार रात को बैठीं और उसके बाद भी सब शांत चल रहा था. लेकिन जैसे ही कपिल मिश्रा ने बयान दिया, दंगे भड़क गए.’

इलाके से अब तक दर्जन भर फ़ायर ब्रिगेड बाबरपुर की और जा चुके हैं लेकिन पुलिस वाले ये नहीं बता रहे कि आख़िर आग कहां पर लगी है. उसी ओर सीआरपीएफ़ वालों को भी भेजा गया है और वहीं से रह रहकर आंसू गैस के गोले छोड़े जाने की आवाज़ आ रही है. बाबरपुर की तरफ़ खड़े लोग मीडिया वालों को वहां से आगे नहीं जाने दे रहे.

Exit mobile version