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आर्म्स डील से विंटेज कार तक- CBI केस में ‘रॉल्स-रॉयस मिडिलमैन’ चौधरी परिवार की कलरफुल स्टोरी

2007-16 तक परिवार को कई आरोपों का सामना करना पड़ा - रशियन आर्म्स फर्म द्वारा 100 मिलियन डॉलर प्राप्त करने से लेकर रॉल्स-रॉयस से 'सीक्रेट पेमेंट' मिलना. भानु चौधरी का नाम 2021 पेंडोरा पेपर्स मामले में आया था.

सुधीर चौधरी और भानु चौधरी । क्रेडिटः YouTube & @bhanuchoudhrie का स्क्रीनशॉट

नई दिल्ली: हथियारों के सौदे में “अवांछित बिचौलिए” होने से लेकर टैक्स चोरी के लिए ऑफशोर अकाउंट में पैसे जमा करने तक, भारतीय मूल का चौधरी परिवार जो एक कथित भ्रष्टाचार से जुड़े सीबीआई मामले में फंस गया है, उनकी पिछली जिंदगी काफी उतार-चढ़ाव वाली रही है.

सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) सौदे के संबंध में कथित भ्रष्टाचार के लिए ब्रिटिश एयरोस्पेस कंपनी रॉल्स-रॉयस और लंदन स्थित हथियार डीलर सुधीर चौधरी व उनके बेटे भानु के साथ के खिलाफ मामला दर्ज किया.

इस बात का शक है कि दोनों को 2003 से 2012 के बीच 24 BAE हॉक 115Y AJT एयरक्राफ्ट और 42 विमानों के निर्माण के लिए सामग्री की खरीद के संबंध में भारत में रॉल्स-रॉयस के लिए सौदे हासिल करने के लिए बिचौलियों के रूप में भुगतान किया गया था.

पिता-पुत्र की जोड़ी पहले यूके के सीरियस फ्रॉड ऑफिस (SFO) और CBI दोनों के निशाने पर थी, लेकिन उनमें से किसी पर भी चार्ज नहीं लगाया गया है.

बीबीसी और दि गार्डियन द्वारा 2016 की जांच में खुलासा किया गया था कि रॉल्स-रॉयस ने सुधीर चौधरी से जुड़ी कंपनियों को लगभग 10 मिलियन पाउंड का “चोरी-छिपे पेमेंट” किया था.

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2021 में, साइप्रस में ऑफशोर खाते रखने के लिए भानु चौधरी का नाम पेंडोरा पेपर्स मामले में भी आया था.

इससे पहले, क्रेडिट सुइस के एक निजी बैंकिंग विभाग क्लेरिडेन लेउ की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2007 और 2008 के बीच चौधरी परिवार को रूसी हथियार कंपनियों से $100 मिलियन से अधिक प्राप्त करने के आरोपों का भी सामना करना पड़ा है.

पिता-पुत्र की जोड़ी पहले ब्रिटेन के गंभीर धोखाधड़ी कार्यालय (एसएफओ) और सीबीआई दोनों की जांच के दायरे में थी, लेकिन उनमें से किसी पर भी चार्ज नहीं लगाया गया है.

हालांकि, सुधीर चौधरी को संदिग्ध भ्रष्टाचार के लिए कथित तौर पर भारत सरकार द्वारा काली सूची में डाल दिया गया है.

कौन हैं चौधरी परिवार?

सितंबर 1949 में दिल्ली में जन्मे सुधीर चौधरी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की. उनके बारे में कहा जाता है कि वे रियल एस्टेट और एयरोनॉटिक्स की पृष्ठभूमि वाले परिवार से आते हैं, क्योंकि उनके चाचा कभी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के चेयरमैन थे.

रिपोर्ट्स के मुताबिक चौधरी दिल्ली में अपने दादा के रियल एस्टेट बिजनेस को ज्वाइन नहीं करना चाहते थे. इसलिए, उन्होंने सबसे पहले न्यूज और मनोरंजन क्षेत्र में काम करना शुरू किया, जहां वे टेलीविजन केंद्रों के लिए ब्रिटेन में बने उपकरणों का आयात करते थे. उन्होंने सोवियत संघ को उपभोक्ता वस्तुओं का निर्यात करना भी शुरू कर दिया.

90 के दशक के अंत में यूके जाने के बाद, उनका व्यवसाय अस्पतालों, विमानन, मनोरोग, हॉस्पिटैलिटी और कई क्षेत्रों में फैल गया. वह ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ग्रीन टेम्पलटन कॉलेज के लंबे समय से डोनर रहे हैं. उनके सम्मान में वहां एक लाइब्रेरी भी है.

जब पारिवारिक व्यवसाय बढ़ा तो सुधीर की पत्नी अनीता ने परोपकार (philanthropy) के क्षेत्र में कदम रखा और ‘Path to Success’ नाम से एक चैरिटी की स्थापना की. 2016 में, उसी वर्ष जब बीबीसी और दि गार्डियन की स्टोरी सामने आई, तो चैरिटी को उसकी दसवीं वर्षगांठ के अवसर पर डिनर में £100,000 से ज्यादा का डोनेशन मिला था.

यूके पत्रिका स्पीयर्स को 2016 में दिए एक इंटरव्यू में चौधरी दंपती ने अपने विंटेज कार कलेक्शन को दिखाया जिसमें 37 कारें थीं और एम एफ हुसैन की पेंटिंग्स सहित एक निजी आर्ट कलेक्शन था. उन्होंने रिपोर्टर को बताया कि वे इन दोनों कलेक्शंस को मिलाकर अपना खुद का “म्यूजियम” बनाना चाहते हैं.

बीबीसी और दि गार्डियन की रिपोर्ट व ब्रिटिश और भारतीय एजेंसियों द्वारा चौधरी परिवार के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों के बाद उन्हें मिली निगेटिव पब्लिसिटी के बारे में पूछे जाने पर, अनीता चौधरी ने जवाब दिया: “जब आपका झंडा एक निश्चित स्तर से ऊपर उठ जाता है, तो वह लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचता है.”

दंपती के सबसे बड़े बेटे, भानु, का जन्म भी दिल्ली में हुआ था. भानु ने 2000 के दशक के मध्य में अपने पिता के नक्शे-कदम पर चलते हुए एक इंटरनेशनल पायलट ट्रेनिंग प्रोवाइडर अल्फा एविएशन ग्रुप लॉन्च किया.

अब वे फैमिली की इक्विटी फर्म C&C Alpha Group चलाते हैं. इस कंपनी की एक सहायक कंपनी, शांति हॉस्पिटैलिटी ग्रुप हिमालय में आनंदा, कई हयात होटल और निद्रा होटल सहित दुनिया भर में 24 होटल चलाती है.

चौधरी परिवार यूके लिबरल डेमोक्रेट्स का भी प्रबल समर्थक रहा है. कुछ अनुमानों के मुताबिक परिवार ने कथित तौर पर पार्टी को £1 मिलियन तक डोनेट किया है.

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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