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पहले ‘कुप्रबंधन’ और अब किसान की मौत— पंजाब में बाढ़ को लेकर विपक्ष के निशाने पर CM मान

प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ झड़प में एक किसान की मौत हो गई. किसान सरकार से बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं. साथ ही बाढ़ का प्रचार करने को लेकर विपक्ष ने सीएम पर निशाना साधा है.

पटियाला में पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान किसानों ने सड़क जाम कर दी | फोटोः ANI

चंडीगढ़: पंजाब के संगरूर जिले में बाढ़ से क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ झड़प के बाद सोमवार को एक किसान की ट्रैक्टर के नीचे कुचलकर मौत हो गई.

यह घटना लोंगोवाल में हुई जहां प्रदर्शनकारी किसानों पर कथित तौर पर लाठीचार्ज किया गया, जिसके बाद झड़पें हुईं. किसानों में से एक, प्रीतम सिंह की पुलिस से बचने की कोशिश करते समय ट्रैक्टर के टायर के नीचे आने से मौत हो गई. साथ ही कथित तौर पर एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया.

भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के प्रमुख मंजीत सिंह राय ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश के माध्यम से घटना के बारे में बताया, “हम अपना विरोध प्रदर्शन और तेजी से बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. पंजाब के लोगों ने आम आदमी पार्टी (आप) के 92 विधायकों को चुनकर गलती की है.”

पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की 16 यूनियनों के समूह से जुड़े किसान रविवार देर रात और सोमवार सुबह की कार्रवाई में उनके नेताओं को कथित तौर पर गिरफ्तार करने के लिए सरकार के खिलाफ सोमवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.

उत्तर भारत में हाल ही में आई बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर किसान यूनियनों ने मंगलवार को चंडीगढ़ तक मार्च करने की योजना बनाई थी. उनकी मांगों में फसल के नुकसान के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा, क्षतिग्रस्त घर के लिए 5 लाख रुपये और बाढ़ में मरने वालों के परिवार के लिए 10 लाख रुपये का मुआवजा शामिल है.

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संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के वरिष्ठ नेता डॉ. दर्शन पाल ने दिप्रिंट से कहा, “हालांकि, मार्च शुरू होने से पहले, कथित तौर पर कई किसान नेताओं को उनके घरों से गिरफ्तार कर लिया गया और हिरासत में ले लिया गया.” एसकेएम उन किसान संघों में से एक था, जिन्होंने 2021 में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था, जिन्हें अंततः निरस्त कर दिया गया था.

जैसे ही नेता की गिरफ्तारी की खबर फैली, किसान सोमवार को राज्य भर के टोल प्लाजा और राजमार्गों पर इकट्ठा होने लगे.

पहले से ही विरोध कर रहे 16 यूनियनों के अलावा, अन्य किसान यूनियनों ने भी विरोध में शामिल होने का फैसला किया है. डॉ. दर्शन पाल ने कहा, “हमने अगली कार्रवाई पर निर्णय लेने के लिए अपने सदस्य संघों की एक बैठक बुलाई है. आज संगरूर में जो हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.”

एक्स पर एक पोस्ट में पंजाब पुलिस ने भी पूरी घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया.

किसान प्रीतम सिंह की मौत को “भयानक” और “दिनदहाड़े हत्या” बताते हुए शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ “हत्या का मामला” दर्ज करने का आह्वान किया है.

इस बीच, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा ने एक एक्स पोस्ट में कहा: “शांतिपूर्ण किसानों पर आज क्रूर लाठीचार्ज के लिए भगवंत मान को शर्म आनी चाहिए, जिसमें लोंगोवाल के प्रीतम सिंह की मौत हो गई. मुख्य रूप से किसानों के आंदोलन के कारण ही आम आदमी पार्टी पंजाब में सत्ता में आई, लेकिन किसानों पर अत्याचार करके आप वाले भी केवल बीजेपी की तरह ही खेल खेल रहे हैं.”

किसान की मौत पर पंजाब सरकार या आम आदमी पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.


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‘सीएम मान लोगों को धोखा और झांसा दे रहे हैं’

पंजाब में आप के नेतृत्व वाली मान सरकार को राज्य में बाढ़ की स्थिति के कथित कुप्रबंधन को लेकर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

विपक्ष कथित तौर पर राज्य में बाढ़ का इस्तेमाल फोटो खींचाने और “प्रचार” के लिए करने के लिए मान पर जमकर हमला कर रहे हैं.

शनिवार को अपने फेसबुक और एक्स पेज पर दो वीडियो साझा करते हुए, खैरा ने आरोप लगाया कि सीएम मान द्वारा होशियारपुर में बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद करने वाला वीडियो “स्क्रिप्टेड” था.

उन्होंने कहा, पहला वीडियो गांव फत्ता कुल्ला के तरसेम सिंह नाम के एक आप कार्यकर्ता को आप विधायक राजा गिल और एक कैमरा दल के साथ एक नाव पर सवार होकर बाढ़ से तबाह इलाकों में घूमते हुए दिखाता है. दूसरे वीडियो में मान को गिल के साथ अगले दिन एक नाव में उसी स्थान पर फिर से जाते हुए दिखाया गया है. खैर ने आगे कहा, इस वीडियो में तरसेम अपने परिवार के साथ अपने घर के ऊपर खड़ा दिखाई दे रहा है, जो फंसा हुआ लग रहा है. तरसेम और उसके परिवार को सुरक्षित निकालने के निर्देश जारी करने से पहले, मान आश्वासन देते हुए तरसेम के साथ बातचीत में शामिल होता है.

खैरा ने लिखा, “इस तरह हमारे मुख्यमंत्री, जो एक पेशेवर हास्य कलाकार भी हैं, बाढ़ जैसे गंभीर मुद्दे पर लोगों को ठग रहे हैं और उन्हें धोखा दे रहे हैं.”

मान ने भी तरसेम के गांव में नाव की सवारी की तस्वीरें पोस्ट की थीं.

मान की इस बात के लिए भी आलोचना की गई कि उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में प्रचार करने के लिए पंजाब छोड़ दिया, जबकि सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि और गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं.

भाजपा नेता जयवीर शेरगिल ने सोमवार को एक एक्स पोस्ट में कहा कि पंजाब के 23 में से 19 जिले बाढ़ से जूझ रहे हैं और अकेले फाजिल्का क्षेत्र में 70,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. फिरोजपुर में अन्य 3,500 लोग फंसे हुए थे और तरनतारन में 19 गांवों की 20,000 एकड़ से अधिक भूमि पानी में डूबी हुई थी.

शेरगिल ने कहा, “लेकिन-भगवंत मान छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं! श्री केजरीवाल के राजनीतिक लालच को पूरा करने के लिए AAP पंजाब के खजाने को एटीएम की तरह मान रही है. पंजाब को एक मुख्यमंत्री की जरूरत है, चुनाव मंत्री की नहीं.”

सोमवार को एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में, पंजाब में विपक्ष के कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि 6 लाख एकड़ से अधिक भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है और पूरे पंजाब में 50,000 से अधिक जानवर बिना चारे के हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में बाढ़ के कारण कम से कम 100 लोगों की मौत हो गयी है. बाजवा ने कहा, “लेकिन इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में नई राजनीतिक जमीन तलाशने की कोशिश में अपने मालिक अरविंद केजरीवाल को खुश करने में व्यस्त हैं.”

(संपादन: ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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