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विश्वास और दृढ़ निश्चय— उत्तरकाशी सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों के बचाव अभियान को तस्वीरों में देखें

निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए 13 सरकारी एजेंसियां ​​युद्धस्तर पर काम कर रही हैं. सुरंग का एक हिंसा 12 नवंबर को ढह गया था.

इंडिपेंडेंट डिजास्टर इन्वेस्टिगेटर अर्नोल्ड डिक्स सुरंग ढहने वाले जगह का मुआयना करते हुए | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के सीमांत जिले उत्तरकाशी में केंद्र सरकार द्वारा बनाई जा रही ‘चार धाम ऑल वेदर कनेक्टिविटी परियोजना’ के तहत यमुनोत्री मार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को अचानक ढह गया, जिसके कारण 41 मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए. इसका मलबा 60 मीटर तक फैल गया. अंदर फंसे मजदूरों को बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की करीब 13 एजेंसियां ​​और दुनिया के कई विशेषज्ञ युद्ध स्तर पर पर काम कर रहे हैं.

दिप्रिंट द्वारा एक इंटरव्यू में यह पूछे जाने पर कि सुरंग का हिस्सा ढहने का कारण क्या हो सकता है, उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला ने बताया कि राज्य मशीनरी फिलहाल केवल बचाव अभियान पर केंद्रित है.

उन्होंने कहा, “बचाव अभियान पूरा होने के बाद जब तक हम दुर्घटना के कारण पर गौर नहीं करेंगे, कुछ भी कहना मुश्किल होगा.”

निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग में बचाव अभियान जारी | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
21 नवंबर, 2023 को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सड़क सुरंग के ढहने के कुछ दिनों बाद, उसके प्रवेश द्वार का एक सामान्य दृश्य | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
सुरंग के प्रवेश द्वार पर तैनात सुरक्षाकर्मी | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
ड्रिलिंग के लिए जगह तैयार करते मजदूर | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

बचाव अभियान में शुक्रवार दोपहर को उस समय दिक्कत आ गई जब ‘एस्केप पैसेज’ के लिए रास्ता बनाने के लिए दिल्ली से एयरलिफ्ट की गई एक अमेरिकी ऑगर मशीन एक सख्त सतह से टकरा गई. अधिकारी अब कह रहे हैं कि वे सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को बचाने के लिए पांच अलग-अलग तरीकों पर एक साथ काम कर रहे हैं. ड्रिलिंग भी इसमें एक है, जिसके लिए अधिकारियों ने सेना और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) से सहायता मांगी है.

सुनीता (बाएं) रजनी (दाएं)- सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के परिवार के दोनों सदस्य | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
फंसे हुए मजदूरों के लिए रखी गई खिचड़ी से भरी बोतलें खाली की जा रही हैं | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
फंसे हुए मजदूरों को पाइपलाइन के जरिए भेजा जा रहा खाना | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
ढहने वाली जगह पर केंद्रीय मंत्री गडकरी और उत्तराखंड के सीएम धामी | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए विशेषज्ञों की टीम उत्तरकाशी पहुंची | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

सिल्क्यारा के देवता बोखनाग का एक मंदिर सुरंग के प्रवेश द्वार के पास फिर से स्थापित किया गया था. स्थानीय लोगों का मानना ​​​​है कि राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) द्वारा इस मंदिर को हटाने के कारण ही यह हादसा  हुआ.

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सुरंग के प्रवेश द्वार के पास पुनः स्थापित हुआ मंदिर | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
बचाव अभियान के दौरान एक पुजारी पुलिस कर्मियों के माथे पर ‘तिलक’ लगाते हुए | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
बचाव अभियान को देखते लोग | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

बचाव अभियान से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कहा कि अधिकारियों ने निर्माणाधीन सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर ऊपर से ड्रिलिंग करने के लिए जगह की पहचान कर ली है. अधिकारी ने कहा कि उस जगह तक जाने के लिए सड़क बनाने का काम लगभग पूरा हो चुका है और बीआरओ पहाड़ी पर सुरंग के दोनों ओर से उस स्थान तक सड़क बना रहा है.

एनडीआरएफ के जवान ड्रिलिंग वाले स्थान पर जाते हुए | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर एनडीआरएफ के जवाव | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए एक बड़ी ड्रिलिंग मशीन लाई गई | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर चल रहा सड़क निर्माण | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर चट्टानों को काटने के लिए मशीन का उपयोग किया जा रहा है | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
सुरंग के ऊपर पहाड़ी की भौगोलिक विशेषताओं का सर्वेक्षण करने के लिए जियोडेटिक माप उपकरणों का उपयोग करने वाला एक इंजीनियर | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर सड़क निर्माण कर रहा मजदूर | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
मजदूर के रहने वाले जगह पर लटकी उनकी हार्ड हैट | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
बचाव अभियान में शामिल एक कर्मचारी अपनी शिफ्ट ख़त्म करने के बाद अपने फ़ोन इस्तेमाल करते हुए | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

(संपादन: ऋषभ राज)


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