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मोदी सरकार 2020-21 की दूसरी छमाही में जरूरतों को पूरा करने के लिए 4.34 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेगी

सरकार ने कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये जरूरी कोष को पूरा करने के लिये मई में उधार सीमा बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये कर दी.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की फाइल फोटो | एएनआई

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि सरकार कोविड-19 संकट के बीच खर्च जरूरतों को पूरा करने के लिये चालू वित्त वर्ष की दूसरी छामही में 4.64 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेगी.

आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में 12 लाख करोड़ रुपये के कर्ज जुटाने के लक्ष्य पर कायम है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने सितंबर को समाप्त पहली छमाही में 7.66 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया और शेष 4.34 लाख करोड़ रुपये चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में लिये जाएंगे.

सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल 6.98 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में से 58 प्रतिशत दिनांकित प्रतिभूतियों के जरिये जुटाने का लक्ष्य रखा था. इसके विपरीत सरकार ने अप्रैल-सितंबर के दौरान 7.66 लाख करोड़ रुपये कर्ज लिये.

सरकार ने कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये जरूरी कोष को पूरा करने के लिये मई में उधार सीमा बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये कर दी.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 में बाजार से कुल 7.80 लाख रुपये का कर्ज लेने का लक्ष्य रखा था. यह 2019-20 में लिये गये 7.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है.

सरकार ने राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिये दिनांकित प्रतिभूतियों और ट्रेजरी बिलों के जरिये बाजार से कर्ज लेती है.

बजट में राजकोषीय घाटा जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 3.5 प्रतिशत रहने का लक्ष्य रखा गया है जो पिछले वित्त वर्ष के 3.8 प्रतिशत के मुकाबले कम है.


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